एक दिन के नफ़ली रोजे का सवाब

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“अगर कोई शख्स अल्लाह के वास्ते एक दिन का नफ़ली रोजा रखे और उसके बदले में उस को सारी जमीन भरकर सोना (रोजाना) दिया जाए, तो कयामत के दिन तक भी इस रोजे के सवाब का बदला अदा नहीं हो सकता।”

📕 कंजुल उम्माल:४१५१, अन अनस (र.अ)




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