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दो रकात ईद की नमाज का तरीका तकबीरे ऊला से सलाम तक तफसील के साथ👇
नोट- नमाज का ये तरीका मर्द और औरत दोनों के लिए है क्योंकि एक भी सहीह हदीस से औरतों का तरीका अलग साबित नहीं है बल्कि नबी (ﷺ) का वाजेह हुक्म है- “नमाज़ उस तरह पढ़ो जिस तरह मुझे पढ़ते हुए देखते हो.” [सहीह बुख़ारी हदीस- 631]
ईद की नमाज का तरीका:
Eid ki Namaz ka tarika in Hindi
ईद के नमाज़ की नियत
👉 पहले नियत करें लेकिन याद रहे कि नियत दिल के इरादा को कहते है।जुबान से नियत करना बिद्अत है। नियत के लिए सिर्फ दिल में यह इरादा कर लेना काफी है कि मैं अल्लाह के लिए ईद की नमाज पढ़ रहा हूँ।
◼ तमाम आमाल का दोरमदार नियत पर है। [सहीह बुखारी हदीस-1]
👉 फिर इमाम अल्लाह हु अकबर कहेंगा तो आप भी तकबीर कहें।
📚 इब्ने माजा हदीस-803
👉 और हाथों को कंधे तक उठाये।
📚 सहीह बुखारी 735, सहीह मुस्लिम 861
👉 या कानों तक उठाये
📚 सहीह मुस्लिम हदीस-865
👉 फिर दायाँ हाथ बायाँ हाथ की जिराह(बीच वाली ऊगँली finger से लेकर कुहनी Elbow तक का हिस्सा) पर रखे।
📚 सहीह बुखारी हदीस-740, मौता इमाम मालिक हदीस-377
👉 और दोनों हाथों को सीने(chest)पर बाँधे।
📚 मुस्नद इमाम अहमद बिन हंबल-22313, सहीह इब्ने खुजैमा हदीस-479
सना पढ़े
“सुबहानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका”
👉 फिर आहिस्ता आवाज में सना (यानी पुरा सुब्हानकल्लाहुमा) पढ़े।
📚 सहीह मुस्लिम-892, अबु दाऊद-775, सुनन निसाई-900
◼ इसके अलावा और भी जो दुआएँ सहीह अहादीस से साबित है वो पढ सकते है।
👉 फिर आऊजूबिल्लाही मिनश् शैतानिर् रजीम पढ़े।
📚 कुरआन 16:98, सहीह बुखारी-6115, मुसन्नफ अब्दुर्रज्जाक-2589
👉 फिर बिस्मिल्लाहिर् रहमानिर् रहीम पढ़ें।
📚 सुनन निसाई हदीस-906
तकबीर (अल्लाहु अकबर) कहे
👉 फिर इमाम जाईद तकबीर (अल्लाहु अकबर) कहेगा। पहली रकात में 7 तकबीर और दुसरी रकात में 5 तकबीर कहना हैं।
📚 अबु दाऊद-1150, तिर्मजी-536, सुनन इब्ने माजा-1278
👉 दोनों रकात में जाईद तकबीरे किरात से पहले कहना है।
📚 अबु दाऊद-1152, सुनन इब्ने माजा-1277
👉 हर तकबीर के साथ रफायदैन करना जाईज है, क्योंकि हजरत अब्दुल्ला बिन उमर रदीयल्लाहो अन्हो की मौकूफ रिवायत है कि नबी(ﷺ)रूकू से पहले की हर तकबीरात पर रफायदैन करते थे।
📚 अबु दाऊद हदीस-722
◾सात मर्तबा जाईद तकबीर के साथ हाथ उठाना और बाँधना हैं।
सूरह फातिहा (अलहम्दु सूरह) पढ़े
👉 फिर सात जाईद तकबीर के बाद जब इमाम सुरह फातेहा पढे तो आप आहिस्ता से सुरह फातेहा पढे।
📚 सहीह बुखारी-743, सहीह मुस्लिम-878
👉 अगर सुरह फातेहा नहीं पढ़ी तो नमाज वापस पढनी होगी क्योंकि उस शख्स की कोई नमाज नहीं जिसने सुरह फातेहा न पढ़ी।
📚 सहीह बुखारी-756, सहीह मुस्लिम-874,875,876
👉 फिर जब इमाम सुरह फातेहा का आखरी लफ्ज वलद् दवाल्लीन कहें तो आप ऊँची आवाज में आमीन कहें।
📚 अबु दाऊद-932,933, सुनन निसाई-880
सूरह पढ़े
👉 फिर इमाम कुरआन की कोई सुरत पढेगा तो आप खामोशी से खूब ध्यान लगाकर उसको सुने।
📚 अल कुरआन-7:204
👉 फिर इमाम तकबीर कहेगा तो रफायदैन करते हुए रूकू में जाये और रूकू से उठते वक्त भी रफायदैन करना है।
📚 सहीह बुखारी हदीस-735,736,737,738,739
📚 सहीह मुस्लिम हदीस-862,864,865,896
रुकू करे
👉 रुकूअ़ में ‘सुब्हाना रब्बियल अज़ीम’ पढ़े।
📚 सहीह मुस्लिम-1814(772), अबू दाऊद- 869
👉 इस दुआ को कम से कम 3 बार पढ़े।
📚 मुसन्नफ़ इब्ने अबी शैबा- 2571, सहीह इब्ने खुज़ैमा-604, सहीह
👉 रुकूअ़ से सर उठाने के बाद ‘समिअ़ल्लाहु लिमन हमिदह, रब्बना लकल हम्द’ कहे।
📚 सहीह बुख़ारी हदीस-735, 789
👉 रब्बना लकल हम्द’ के बाद ‘हम्दन कसीरन तय्यिबन मुबारकन फ़ीह‘ कहे।
📚 सहीह बुख़ारी हदीस-799
सजदा करे
१. पहला सजदा
👉 फिर तकबीर कहते हुए सज्दा करे।
📚 सहीह बुखारी हदीस-803
👉 सज्दे में जाते वक्त दोनों हाथों को घुटनों से पहले जमीन पर रखे।
📚 अबु दाऊद हदीस-840, सहीह इब्ने खुजैमा हदीस-627
👉 सज्दों में यह दुआ पढ़े ‘सुब्हाना रब्बियल आला’
📚 सहीह मुस्लिम हदीस-1814, अबू दाऊद हदीस- 869
👉 इस दुआ को कम से कम 3 बार पढ़े।
📚 मुसन्नफ़ इब्न अबी शैबा हदीस-2571
२. दूसरा सजदा
👉 फिर तकबीर कह कर सज्दे से सर उठाना।
📚 सहीह बुखारी हदीस-789
👉 दोनों सज्दों के दरमियान इत्मीनान से बैठे।
📚 सहीह बुखारी-818,821
👉 और दोनों सजदों के दरमियान ये दुआ पढ़े – ‘अल्लाहुम्माग्फिरली वरहमनी वाहदिनी वाअफिनी वरजुक्नी‘
📚 अबु दाऊद हदीस-850, सहीह मुस्लिम हदीस-6850
👉 फिर दूसरा सज्दा करने के बाद और दूसरी रकात के लिए खड़े होने से पहले कुछ देर बैठे(इसको जलसा इस्तिराहत कहते है)।
📚 सहीह बुखारी हदीस-757
इस तरह पहली रकात मुकम्मल करके दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाये।
👉 फिर इमाम 5 मर्तबा जाईद तकबीर कहेगा।
📚 अबु दाऊद-1150, तिर्मजी-536, सुनन इब्ने माजा-1278
दूसरी रकात
👉 दूसरी रकात में भी जाईद तक्बीरे किरात से पहले कहीं जायेगी।
📚 अबु दाऊद-1152, सुनन इब्ने माजा-1277
👉 हर तकबीर के साथ रफायदैन करना जाईज है क्योंकि हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रदियल्लाहो अन्हो की मौकूफ रिवायत है कि नबी(ﷺ)रूकू से पहले की हर तकबीरात पर रफायदैन करते थे।
📚 अबु दाऊद हदीस-722
◾पाँच मर्तबा जाईद तकबीर के साथ हाथ उठाना और बाँधना है।
👉 फिर पाँच जाईद तकबीर के बाद इमाम ऊँची आवाज में और आप आहिस्ता सुरह फातेहा पढे।
📚 सहीह बुखारी-743, सहीह मुस्लिम-878
◾इसके बाद पहली रकात की तरह कयाम, रूकू और सज्दा करे।
तशह्हुद (अत तहिय्यात)
👉 फिर तशह्हुद में बाएं पांव को दाएं पांव के नीचे से बाहर निकाल कर बाएं कूल्हे पर बैठ जाये और दाएं पांव का पंजा क़िब्ला रुख़ कर ले।
📚 सहीह बुख़ारी-828, अबू दाऊद-730 (इसको तवर्रुक कहते हैं )
👉 अंगूठे को दरम्यानी उँगली से मिलाये और शहादत ( सब्बाबह ) की उँगली से इशारह करे।
📚 सहीह मुस्लिम हदीस-579(1308 )
👉 तशह्हुद में ‘अत तहिय्यात… ’ और दुरूद पढ़ना।
📚 सहीह बुख़ारी-1202, 3370, सहीह मुस्लिम-897,908
👉 दुरूद के बाद जो दुआएं क़ुरआन और सहीह अहादीस से साबित हैं, पढ़ना चाहिए।
📚 सहीह बुख़ारी हदीस-835,सहीह मुस्लिम हदीस-897
👉 इसके बाद दाएं और बाएं ‘अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह ’ कहते हुए सलाम फेर दे।
📚 सहीह बुख़ारी-838, सहीह मुस्लिम-1315, तिर्मजी-295
◾नमाज मुकम्मल हुई
नोट: अहादीस के हवालों में काफ़ी एहतियात बरती गयी है लेकिन फिर भी अगर कोई ग़लती रह गयी हो तो अहले इल्म से गुजारीश है कि हमारी ज़रूर इस्लाह करे।
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