मुस्लिम बेहनों के लिए कुरआन सुन्नत से 50 नसीहतें… मुस्लिम बेहनों के लिए कुरआन सुन्नत से 50 नसीहतें बिस्मिल्लाहिरहमानिर्रहीम! अल्हम्दुलिल्लाह वस्सलातु वसल्लामु अला रसूलिल्लाहि (ﷺ) ऐ मुस्लिम बहन! मुस्लिम का मतलब होता है, अल्लाह का फर्माबरदार (आज्ञाकारी) होना. इस्लाम में यह ज़िम्मेदारी मर्द व औरत दोनों पर एक समान रूप से…
141+ हदीस की अच्छी-अच्छी बातें | पैगम्बर… हदीस की अच्छी-अच्छी बातें अल्लाह के आखरी पैगंबर मुहम्मद साहब (ﷺ) की शिक्षाओं की एक झलक हिंदी में। हदीस की अच्छी-अच्छी बातें संसार के विषय में | Best Islamic Quotes 1-10 1. समस्त संसार को बनाने वाला एक ही मालिक…
हज की हिकमत - हज का असल मकसद (Hajj ki… यह बात हर मुसलमान जानता है कि हज इस्लाम की बुन्यादों में से एक है, और हज अदा करने के फज़ाईल भी लोग आम तौर पर जानते ही हैं लेकिन अक्सर मुसलमान "हज की हिकमत" से अनजान हैं और जिस…
16 Rajjab | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हज़रत सईद बिन जैद (र.अ), टूटे हुए पैर का ठीक हो जाना, नमाज़ में किबला की तरफ रुख करना, खाने के बाद की दुआ, हर नमाज के बाद तसबीहे फातिमी पढ़ना, किसी पर तोहमत लगाना गुनाहे अज़ीम है, नेक आमाल…
12 जमादी-उल-अव्वल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा (1). कैदियों के साथ हुस्ने सुलूक, (2). जमात के मुतअल्लिक़ ख़बर देना, (3). कर्ज़ अदा करना, (4). खाने में बरकत, (5). मुसाफा मगफिरत का जरिया है, (6). गुमराही इख्तियार करने का गुनाह, (7). दुनिया चाहने वालों के लिये नुकसान, (8).…
10 Rabi-ul-Awal | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: असहाबुल क़रिया (बस्ती वाले), हुजूर (ﷺ) का मुअजिज़ा: जौ में बरकत, फर्ज: सज्द-ए-तिलावत अदा करना, सुन्नत: औलाद के लिये दुआ करना, दीन के खिलाफ साज़िश करने का गुनाह ...
1 Rabi-ul-Awal | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख: हज़रत ज़करिया (अ.स), अस्र की नमाज़ की फज़ीलत, मेहमान का अच्छे अलफाज़ से इस्तिकबाल करना, पड़ोसी के साथ अच्छा सुलूक करना, रसूलल्लाह (ﷺ) की नाफ़रमानी करने का गुनाह, अल्लाह और उसके बन्दों के हुकूक …
कुरआन में मानवता के लिए 99 सीधे आदेश ! जानिए जानिए ~ कुरआन में मानवता के लिए 99 सीधे आदेश। ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ 1. बदज़ुबानी से बचो। (सूरह 3:159) 2. गुस्से को पी जाओ। (सूरह 3:134) 3. दूसरों के साथ भलाई करो। (सूरह 4:36) 4. घमंड से बचो। (सूरह 7:13)…
11 Rabi-ul-Awal | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: क़ौमे सबा, अल्लाह की कुदरत: जानदारों के जिस्म में जोड़, फर्ज: बाजमात इंशा और फज्र की नमाज़ पढ़ना, सुन्नत: खाने में ऐब न लगाना, अपने अज़ीज़ की वफात पर सब्र करना ...