मुसलमानो की अपने वतन से मुहब्बत |… https://www.youtube.com/watch?v=6-66FUSsJLg Musalmano ki Apne Watan se Mohabbat मुसलमानों की अपने देश से मोहब्बत | Muslims Love for India by Adv. Faiz Syed, Musalmano ki Apne Watan se Mohabbat by Adv. Faiz Syed
अमन का मार्ग: जो लोग ईमान लाये और अपने… अमन का मार्ग "जो लोग ईमान लाये और अपने ईमान को अत्याचार (शिर्क) से लिप्त नहीं किया, उन्हीं के लिए शान्ति है तथा वही मार्गदर्शन पर हैं।" 📕 कुरआन 6:82
मुसलमानों को तकलीफ देने का गुनाह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जिस शख्स ने किसी मुसलमान को तकलीफ दी, उस ने मुझे तकलीफ पहुँचाई और जिसने मुझे तकलीफ पहुँचाई उसने अल्लाह को तकलीफ पहुँचाई।” 📕 मोअजमे औसत लित्तबरानी : ३७४५
अपने भाइयों के दर्मियान सुलह किया करो कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "मुसलमान आपस में एक दूसरे के भाई है (अगर उनके दरमियान लड़ाई हो जाए) तो अपने दो भाइयों के दर्मियान सुलह करा दिया करो, और अल्लाह से डरते रहा करो, ताके तुम पर रहम किया जाए।" 📕 सूरह हुजरात: १०
कीसी की तकलीफ दूर करने का सवाब: हदीस किसी की तकलीफ दूर करने का सवाब: हदीस रसूलअल्लाह (ﷺ) फरमाते है: "जिस शख्स ने किसी मुसलमान की दुनियावी मुश्किलात (तकलीफ) में से कोई मुश्किल दूर की तो अल्लाह तआला उस की क़यामत की मुश्किलात में से कोई मुश्किल दूर कर देगा" 📕 मुस्लिम, जिल्द 3, पेज 493
दो आदतें: दीनी मामले में अपने से बुलन्द… रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जो शख्स दीनी मामले में अपने से बुलन्द शख्स को देख कर उस की पैरवी करे और दुनियावी मामले में अपने से कमतर को देख कर अल्लाह तआला की अता करदा फजीलत पर उस की तारीफ करे, तो अल्लाह तआला उस को (इन दो आदतों…
पडोसी का एहतराम किया करो ۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "जो अल्लाह और आखिरत के दिन पर ईमान रखता हो उसे अपने पडोसी का इकराम करना चाहिये। सहाबा ने पुछा: या रसुलल्लाह (ﷺ) पड़ोसी का क्या हक़ है ? फरमाया : अगर वह तुम से कुछ माँगे तो उस को दे दिया करो।"…
किसी मुसलमान के लिए ये जायज़ नहीं के वो… ✦ हदिस: अबू हरैराह (र.अ) से रिवायत है के अल्लाह के पैगंबर (ﷺ) ने कहा: ❝ किसी मुसलमान के लिए ये जायज़ नहीं के वो अपने मुसलमान भाई से ३ दिन से ज्यादा नाराज़ रहे, और जिसे इस हाल में मौत आयी वो जहन्नुम में जायेगा।❞ 📕 सुनन अबू दावूद 4914-Sahih
अपने अख़्लाक़ दुरूस्त करने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "कामयाब हो गया वह आदमी जिस ने अपने दिल को ईमान के लिये सफारिश कर दिया और उसे सही सालिम रखा और अपनी जबान को सच्चा बनाया, अपने नफ़्स को नफ्से मुतमइन्ना और अख़्लाक़ को दुरूस्त बनाया और कानों को हक़ बात सुनने का और…