अल्लाह तआला ने कलम को पैदा किया Highlights • अल्लाह तआला की सृष्टि: अल्लाह ने सबसे पहले क़लम को पैदा किया और उसे पूरी काइनात की तक़दीर लिखने का हुक्म दिया। • तक़दीर की तहरीर: क़लम ने क़यामत तक होने वाली तमाम घटनाओं को अल्लाह के हुक्म से पहले ही लिख दिया। • अल्लाह की अजीम कुदरत: अल्लाह ने मख्लूक़ की तक़दीर को ज़मीन और आसमान की पैदाइश से 50,000 साल पहले तय किया। अल्लाह तआला हमेशा से है और हमेशा रहेगा, हर चीज़ को अल्लाह तआला ही ने पैदा किया और एक दिन उसी के हुक्म से सारी काइनात खतम हो जाएगी। कुरअने पाक में अल्लाह…
अल्लाह की चाहत दुनिया नहीं कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "तुम तो दुनिया का माल व असबाब चाहते हो और अल्लाह तआला तुमसे आखिरत को चाहता हैं।" 📕 सूरह अन्फाल: ६७ फायदा: इंसान हर वक़्त दुनियावी फायदे में मुन्हमिक रहता है और उसी को हासिल करने की फिक्र में लगा रहता है, हालांकि अल्लाह तआला चाहते हैं के दुनिया के मुकाबले में आखिरत की फिक्र ज्यादा की जाए, क्योंकि आखिरत में हमेशा रहना है।
माल आरियत (उधार) है हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद (अ.स) फ़रमाते हैं - "तुम में से हर एक मेहमान है और उस का माल आरियत (उधार) है और मेहमान यानी (इन्सान इस दुनिया से) जाने वाला है और आरियत की चीज़ उसके मालिक को लौटानी पड़ेगी।" 📕 शोअबुल ईमान: १०२४१
अपनी जानों पर जुल्म ना करो: कुरआन अपनी जानों पर ज़ुल्म न करो: अल्लाह ताला ज़ुल्म से बचने के बारे में इरशाद फरमाता है: और अपने आप को क़त्ल न करो। और जो शख्स जोरो ज़ुल्म से नाहक़ ऐसा करेगा (ख़ुदकुशी करेगा) तो (याद रहे कि) हम बहुत जल्द उसको जहन्नुम की आग में झोंक देंगे यह ख़ुदा के लिये आसान है। सूरह निसा 4:29-30 और अल्लाह की राह में ख़र्च करो और अपने हाथ जान हलाकत मे न डालो और नेकी करो बेशक अल्लाह नेकी करने वालों को दोस्त रखता है। सूरह बकराह 2:195 अल्लाह ने ज़ुल्म को हराम कर दिया: (ऐ रसूल) तुम साफ कह…
अल्लाह तआला से जो वादा करो उस को पूरा किया करो कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "जब तुम बात किया करो, तो इन्साफ का ख्याल रखा करो, अगरचे वह शख्स तुम्हारा रिश्तेदार ही हो और अल्लाह तआला से जो अहद करो उस को पूरा किया करो, अल्लाह तआला ने तुम्हें इस का ताकीदी हुक्म दिया है। ताके तुम याद रखो (और अमल करो)। 📕 सूरह अन्आमः १५३
तीन उंगलियों से खाना हजरत कअब बिन मालिक (र.अ) फरमाते हैं : रसूलुल्लाह (ﷺ) तीन उंगलियों से खाते थे और जब खाने से फारिग हो जाते तो उंगलियाँ चाट लेते थे। 📕 मुस्लिम: ५२९८ नोट: खाने के बाद उंगलियों को चाटना सुन्नत है, लेकिन इस तरह नहीं चाटना चाहिये के देखने वाले को नागवार हो। और भी पढ़े : उंगलियों के पोरो में होते है किटकनाशक
सिला रहमी करना कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: "जो लोग अल्लाह के अहद को तोड़ते हैं, उस को मजबूत कर लेने के बाद और उन तअल्लुक़ात को तोड़ते हैं, जिन के जोड़ने का अल्लाह तआला ने हुक्म दिया है और जमीन में फसाद मचाते हैं, यही लोग नुकसान उठाने वाले हैं।" 📕 सूरह बकरा : २७ फायदा: रिश्ते, नाते और तअल्लुक़ात को बरकरार (सिला रहमी करना) रखना और उस को खत्म न करना बहुत जरूरी है।
दुनिया की इमारतें साहिबे इमारत के लिए वबाल होगी रसूलुल्लाह (ﷺ) एक मर्तबा एक गुंबद वाली इमारत के पास से गुज़रे तो फर्माया : "यह किस ने बनाया है? लोगों ने बताया के फलाँ शख्स ने, तो फर्मायाः "क़यामत के दिन मस्जिद के अलावा हर इमारत साहिबे इमारत के लिए वबाल होगी।" 📕 शोअबुल ईमान : १०३०३, अन अनस बिन मालिक (र.अ)
जन्नत वालों का इनाम व इकराम कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "(जन्नती लोग) जन्नत में सलाम के अलावा कोई बेकार व बेहूदा बात नहीं सुनेंगे और जन्नत में सुबह व शाम उनको खाना (वगैरह) मिलेगा। यही वह जन्नत है, जिसका मालिक हम अपने बन्दों में से उस शख्स को बनाएँगे, जो अल्लाह से डरने वाला होगा।" 📕 सूरह मरयम : ६२ ता ६३
नाक - कुदरते इलाही की निशानी Highlights • चेहरे की रौनक: नाक के द्वारा चेहरे की सुंदरता और खुशनुमा रूप में वृद्धि होती है।• महसूस करने की ताकत: नथनों में सूंघने की शक्ति होती है, जिससे हम खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता का तुरंत पता लगा सकते हैं।• ताजा हवा की अहमियत: नाक ताजा हवा को सूंघकर दिल की गिजा और शरीर के अंदरूनी तापमान को बनाए रखती है।• कुदरत का करिश्मा: यह अद्भुत व्यवस्था केवल अल्लाह की कुदरत से संभव है।• आध्यात्मिक सोच: यह सोचने पर मजबूर करता है कि इस नायाब तंत्र को बनाने वाला वही है, जो हर छोटे से छोटे तत्व का…
बुरे आमाल की नहूसत कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "खुश्की और तरी (यानी पूरी दुनिया) में लोगों के बुरे आमाल की वजह से हलाकत व तबाही फैल गई है, ताके अल्लाह तआला उन्हें उन के बाज़ आमाल (की सज़ा) का मजा चखा दे, ताके वह अपने बुरे आमाल से बाज आ जाएँ।" 📕 सूरह रूम: ४१
जमीन का अजीब फर्श अल्लाह तआला फर्माता है : "हम ने जमीन को फर्श बनाया और हम कैसे अच्छे बिछाने वाले हैं।" जरा गौर कीजिये, अल्लाह तआला ने ज़मीन का कैसा अच्छा बिस्तर बिछाया है जिस पर हम आराम करते हैं, इस बिस्तर के बगैर हमारे लिये रहना दुश्वार था। फिर हमारे लिये ज़िंदगी की तमाम जरुरियात खाने पीने, अनाज, ग़ल्ले और मेवे के लिये जमीन को ख़ज़ाना बनाया, फिर सदी, गर्मी से हिफाजत भी जमीन पर रह कर कर सकते हैं और बदबूदार चीजें और मुरदार जिन की बदबू से हम को सख्त तकलीफ होती है ऐसी चीजों को हम जमीन में दफन…
दाँतों की बनावट में अल्लाह की क़ुदरत दाँतों की बनावट पर गौर कीजिये के अल्लाह तआला ने ३२ टुकड़ों को कैसी हसीन व खूबसूरत लड़ी में पिरोया है और उस की जड़ों को नर्म हड्डी में किस खूबी के साथ पेवस्त किया है, यह दाँत एक तरफ जहाँ चेहरे की हुस्न व जीनत हैं। वहीं उन से हम चबाने, काटने, पीसने और तोड़ने का अहम काम भी कर लेते हैं और अल्लाह की अजीब कुदरत के उन को बत्तीस टुकड़ों में बनाया, एक ही सालिम हड्डी में उन को नहीं ढाला, वरना मुंह में बड़ी तकलीफ होती, इसी तरह अगर एक दाँत में कोई खराबी होती है,…
अल्लाह और रसूल की नाफरमानी का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : “जो शख्स अल्लाह और उस के रसूल की नाफर्मानी करेगा, और उसकी (मुकर्रर की हुई) हदों से आगे बढ़ेगा तो अल्लाह तआला उस को आग में दाखिल करेगा, जिसमें वह हमेशा रहेगा, और उसको जलील व रुस्वा करने वाला अजाब होगा।” 📕 सूरह निसा १४ "जो शख्स अल्लाह और उसके रसूल का कहना न माने वह खुली हुई गुमराही में है।" 📕 सूर-ए-अहजाब: ३६ "बिला शुबा जो लोग अल्लाह और उस के रसूल को (उन का हुक्म न मान कर) तकलीफ देते हैं, अल्लाह तआला उन पर दुनिया व आखिरत में लानत करता…
अल्लाह के लिये अपने भाई की जियारत करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "क्या मैं तुम्हें जन्नती लोगों के बारे में खबर न करूं? सहाबा (र.अ) ने अर्ज किया: जरूर या रसूलल्लाह (ﷺ)! आप (ﷺ) ने फर्माया: नबी जन्नती है, सिद्दीक जन्नती है और वह आदमी जन्नती है जो सिर्फ अल्लाह की रजा के लिये शहर के दूर दराज इलाके में अपने भाई की जियारत के लिये जाए।" 📕 तबरानी औसत: १८१०, अन अनस बिन मालिक (र.अ)
MD. Salim Shaikh
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