अल्लाह तआला का कितना अच्छा इन्तज़ाम है के दुनिया में जो चीजें बहुत ज़्यादा इस्तेमाल होती हैं उन को बहुत ज्यादा आम कर दिया है जसे हवा, पानी वगैरा; अगर हम खाए जाने वाले जानवरों में से बकरे पर गौर करें, तो हम देखेंगे के दुनिया में रोजाना लाखों की तादाद में और बकर ईद के दिनों में अरबों की तादाद में बकरे जबह किए जाते हैं, लेकिन कभी यह बात सामने नहीं आती के बकरों की नस्ल में कमी हो गई, क्यों कि अल्लाह तआला जियादा इस्तेमाल होने वाली चीज़ों में बरकत अता फरमाता हैं।
कयामत किन लोगों पर आएगी रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "कयामत सिर्फ बदतरीन लोगों पर ही आएगी।" 📕 मुस्लिम : ७४०२ फायदा: जब तक इस दुनिया में एक शख्स भी अल्लाह का नाम लेने वाला जिंदा रहेगा, उस वक्त तक दुनिया का निजाम चलता रहेगा, लेकिन जब अल्लाह का नाम लेने वाला कोई न रहेगा और सिर्फ बदतरीन और बुरे लोग ही रह जाएँगे, तो उस वक़्त क़यामत कायम की जाएगी।
नाक के बाल (अल्लाह की कुदरत) Highlights • नाक के बाल और म्यूकस का कार्य: ये हमारे शरीर की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो हवा में मौजूद गंदगी और बैक्टीरिया से बचाते हैं।• अल्लाह की कुदरत: अल्लाह की अद्भुत हिकमत से हमें मामूली सी चीजों के माध्यम से जीवन को सुरक्षित और स्वस्थ रखा गया है।• बेहतर शारीरिक सुरक्षा: इस प्रणाली की मदद से इन्सान नाक और फेफड़ों की बीमारियों से बचा रहता है। अल्लाह तआला ने हर छोटी बड़ी चीज को हिकमत व मसलेहत के साथ पैदा फ़र्माया है, इन्सान ऑक्सीजन के बगैर जिन्दा नहीं रह सकता, इस लिये अल्लाह तआला ने साँस…
ज़बान दिल की तर्जमान है : अल्लाह की कुदरत Highlights • ज़बान की नेअमत: अल्लाह तआला ने इंसान को ज़बान जैसी महत्वपूर्ण नेअमत अता की, जिसके द्वारा न सिर्फ स्वाद का एहसास होता है, बल्कि दिल की भावनाओं को भी व्यक्त किया जाता है।• दिल की तर्जमानी: दिल में उठने वाली भावनाओं को ज़बान शब्दों में बदल देती है, जो दिमाग और दिल की कड़ी मेहनत का परिणाम होती है।• कुदरत की कारीगरी: अल्लाह तआला ने दिल, दिमाग और ज़बान को इस तरह से जोड़ा है कि वे एक-दूसरे से समन्वित होकर कार्य करते हैं। अल्लाह तआला ने हम को ज़बान जैसी नेअमत अता फरमायी। उस के जरिये जहाँ…
ईमान की बरकत से जहन्नम से छुटकारा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : जब जन्नती जन्नत में चले जाएंगे और जहन्नमी जहन्नम में चले जाएंगे, तो अल्लाह तआला फरमाएगा: "जिस के दिल में राई के दाने के बराबर भी ईमान हो उसे भी जहन्नम से निकाल लो, चुनान्चे उन लोगों को भी निकाल लिया जाएगा, जिनकी यह हालत होगी के वह जल कर काले सियाह हो गए होंगे। उसके बाद उन को “नहरे हयात” में डाला जाएगा, तो इस तरह निकल आएंगे जैसे दाना सैलाब के कड़े में (खाद और पानी मिलने की वजह से) उग आता है।” 📕 बुखारी: २२, अन अबी सईद खुदरी (र.अ)
हर मामले में इंसाफ करो कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : " ऐ ईमान वालो ! अल्लाह तआला के लिये सच्चाई पर कायम रहने वाले और इन्साफ के साथ शहादत (गवाही) देने वाले बन जाओ और किसी कौम की दुश्मनी तुम्हें इस बात पर आमादा न कर दे, के तुम इन्साफ न करो (बल्कि हर मामले में) इंसाफ करो, यह परहेजगारी के ज्यादा करीब है और अल्लाह तआला से डरते रहो बेशक जो कुछ तुम करते हो अल्लाह तआला उसे बाखबर है।" 📕 सूर-ए-मायदा : ८
अल्लाह तआला को तुम्हारे सब आमाल की खबर है कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "ऐ ईमान वालो ! अल्लाह से डरते रहो और हर शख्स को इस बात पर गौर करना चाहिये के उस ने कल (आखिरत) के लिये क्या आगे भेजा है और अल्लाह से डरते रहो और अल्लाह तआला को तुम्हारे सब आमाल की खबर है।" 📕 सूरह हश्र १८
पूरी कायनात का मालिक कौन है ? अल्लाह तआला पूरी कायनात का रब है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “सुन लो ! अल्लाह तआला ही का काम है पैदा करना और हुक्म चलाना, वह बड़े कमालात वाला अल्लाह है, जो तमाम आलम का पर्वरदिगार है।” 📕 सूर-ए-आराफ़ : ५४ खुलासा: पूरी दुनिया का रब अल्लाह तआला के अलावा कोई नहीं है। लिहाजा हमारे लिए जरूरी है के हम उस पर ईमान लाएँ और उस का हुक्म मानें।
कंजूसी करने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "जो लोग अल्लाह तआला के अता करदा माल व दौलत को (खर्च करने में) बुख्ल (कंजूसी) करते हैं, वह बिल्कुल इस गुमान में ना रहें के (उनका यह बूख्ल करना) उनके लिये बेहतर है, बल्के वह उन के लिये बहुत बुरा है, कयामत के दिन उनके जमा करदा माल व दौलत को तौक बनाकर गले में पहना दिया जाएगा और आसमान व जमीन का मालिक अल्लाह तआला ही है और अल्लाह तआला तुम्हारे आमाल से बाखबर है।" 📕 सूरह आले इमरानः १८०
एक प्याला खाने में बरकत हज़रत समुरह बिन जुन्दुबई (र.अ) फ़र्माते हैं के: “एक मर्तबा रसूलुल्लाह (ﷺ) के पास कहीं से एक प्याला आया जिस में खाना था, तो उस को आपने सहाबा को खिलाया, एक जमात खाना खा कर फ़ारिग होती फिर दूसरी जमात बैठती, यह सिलसिला सुबह से जोहर तक चलता रहा, एक आदमी ने हज़रत समुरह (र.अ) से पूछा क्या खाना बढ़ता था, तो हज़रत समुरह (र.अ) ने फर्माया : इस में तअज्जुब की क्या बात है, खाना आस्मान से उतरता था।“ 📕 बैहकी फी दलाइलिन्नुबुह : २३४२
पहाड़ों में पानी का जखीरा पहाड़ों में भी अल्लाह तआला की अजीब व गरीब कुदरत कारफ़र्मा है, जब बारिश होती है तो पहाड़ों में पानी के जखीरे जमा हो जाते हैं, फिर थोड़ा थोड़ा कर के चश्मों, नहरों की शक्ल में पानी बहता है, इस तरह जमीन के दूर दराज के मक़ामात तक को सैराब करता है, बाज़ पहाड़ों पर बर्फ की शक्ल में पानी महफूज हो जाता है, जो सूरज की गरमी से बकद्रे जरूरत थोड़ा थोड़ा पिघल कर नदियों, नालों और नहरों में जाकर जमीन वगैरा को सैराब करता है और कहीं कहीं पहाड़ों पर बड़े बड़े हौज़ भी होते हैं, जिस में…
आँखों की हिफाजत मैं अल्लाह की कुदरत Highlights • आँखों की नेअमत: अल्लाह तआला ने हमें आँख जैसी अनमोल नेअमत अता की, जिससे हम दुनिया के हसीन दृश्य देख सकते हैं।• आँखों की हिफाजत: अल्लाह ने आँखों को स्वचालित सुरक्षा प्रदान की है, जिससे आँखों की पलकें खुद बखुद किसी भी हानिकारक चीज़ के संपर्क में आने पर बंद हो जाती हैं।• आँखों की सफाई: आँखों के खुलने और बंद होने से आँखों का मैल भी साफ हो जाता है, जो अल्लाह की कुदरत की एक और निशानी है। अल्लाह तआला ने दुनिया के हसीन तरीन मनाजिर देखने के लिये हमें जिस तरह आँख जैसी नेअमत अता…
अहेद और कस्मों को तोड़ने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "यक़ीनन जो लोग अल्लाह तआला से अहेद कर के उस अहेद को और अपनी क़स्मों को थोड़ी सी कीमत पर फरोख्त कर डालते हैं, तो ऐसे लोगों का आखिरत में कोई हिस्सा नहीं और न अल्लाह तआला उनसे बात करेगा और न कयामत के दिन (रहमत की नज़र से) उनकी तरफ देखेगा और न उन को पाक करेगा और उन के लिये दर्दनाक अजाब होगा।" 📕 सूरह आले इमरान : ७७
अल्लाह के रसूल (ﷺ) तुम्हारी तरफ हक़ बात ले कर आ चुके है कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "ऐ इन्सानो! बेशक तुम्हारे पास यह रसूल हक़ बात ले कर तुम्हारे रब की तरफ से आ चुका है, लिहाजा तुम ईमान ले आओ, यह ईमान लाना तुम्हारे लिये बेहतर होगा, अगर तुम इन्कार करते हो, तो खूब समझ लो के आस्मानों और जमीन का मालिक अल्लाह तआला ही है और अल्लाह तआला सब कुछ जानने वाला बड़ी हिकमत वाला है।" 📕 सूरह निसा : १७०
शराबी की सज़ा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जिस ने शराबनोशी की, अल्लाह तआला चालीस रात तक उस से खुश नहीं होगा। अगर वह (उसी हाल में) मर गया तो कुफ्र की हालत में मरेगा और अगर तौबा कर ली तो अल्लाह तआला उस की तौबा क़बूल फ़र्माएगा और अगर फिर शराब पी तो अल्लाह तआला उस को दोज़खियों का पीप पिलाएगा।" 📕 मुस्नदे अहमद : २७०५६
MD. Salim Shaikh
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