“अच्छे अख्लाक बुराइयों को इस तरह खत्म कर देते हैंजिस तरह पानी बरफ को पिघला देता हैऔर बुरे अख्लाक अच्छे कामों को इस तरह खत्म कर देते हैंजिस तरह सरका शहद को खराब कर देता है।”
माँ बाप की नाफरमानी से बचो : क़ुरान हदीस की रौशनी में | Maa Baap ki Nafarmani se bachey ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ अपने माँ बाप को उफ्फ तक न कहो: "और तुम्हारे रब ने फ़रमाया है की, उसके सिवा किसी की ईबादत ना करो और अपने माँ बाप के साथ भलाई करते रहो और अगर तुम्हारे सामने उनमें से एक या दोनों बुढ़ापे को पहुँच जाये तो उन्हे उफ़ भी न कहो और ना उन्हें झिड़को और उनसे अदब से बात करो और उनके सामने शफ़कत से आजज़ी के साथ झुके रहो और कहो की एह मेरे रब! जैसे उन्होंने मुझे बचपन से पाला है इसी तरह तू भी उन पर रहम फरमा।" 📕 सुरह बनी इसराईल 17:23-24 बाप…
जानवर पर रहेम करने का सवाब अबी हुरैरह (र.अ) से रिवायत है के, पूछा गया : “या रसूलल्लाह ! क्या जानवरों पर रहम करने में भी हमारे लिए सवाब है? आप (ﷺ) ने फर्माया : हर जानदार जिगर रखने वाले हैवान पर (रहम करने में) सवाब है!” 📕 बुखारी, हदीस : ६००१
कुरआन का मजाक उड़ाने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "जब इन्सान के सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं, तो कहता है के यह पहले लोगों के किस्से कहानियां हैं। हरगिज़ नहीं! बल्के उन के बुरे कामों के सबब उन के दिलों पर जंग लग गया है।" 📕 सूरह मुतफ्फिफीन: १३ ता १४
बुरे लोगों की सोहबत से बचने की दुआ अपने आप को और अपनी औलाद को बुरे लोगों की सोहबत से बचाने के लिये यह दुआ पढ़े: “Rabbi najjinee waahlee mimma yaAAmaloon” तर्जमा: ऐ मेरे रब! मुझे और मेरे अहल व अयाल को उनके (बुरे) काम से नजात अता फ़र्मा। 📕 सूरह शुअरा : १६९
मौत के वक्त कलमा तय्यबा पढ़ने की फ़ज़ीलत : हदीस मौत के वक्त कलमा तय्यबा पढ़ने की फ़ज़ीलत ۞ हदीस: मुआद बिन जबल (र.अ.) से रिवायत है के, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "जिस नफ्स को भी इस हाल में मौत आए की वो इस बात की गवाही देता हो की अल्लाह के सिवा कोई माबूद नही और मैं (मुहम्मद सलअल्लाहू अलैही वसल्लम) अल्लाह का रसूल हूँ और ये गवाही दिल के यकीन से हो तो अल्लाह सुबहानहु उसकी मगफिरत फरमा देगा।" 📕 सुनन इब्न माजा, 3796 सुभान अल्लाह ! ۞ अल्लाह ताला हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफ़ीक़ अता फरमाए। ۞ जबतक हमे ज़िंदा रखे इस्लाम और इमां…
कयामत किन लोगों पर आएगी रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "कयामत सिर्फ बदतरीन लोगों पर ही आएगी।" 📕 मुस्लिम : ७४०२ फायदा: जब तक इस दुनिया में एक शख्स भी अल्लाह का नाम लेने वाला जिंदा रहेगा, उस वक्त तक दुनिया का निजाम चलता रहेगा, लेकिन जब अल्लाह का नाम लेने वाला कोई न रहेगा और सिर्फ बदतरीन और बुरे लोग ही रह जाएँगे, तो उस वक़्त क़यामत कायम की जाएगी।
बुरे लोगों का अंजाम कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "जो शख्स झुटलाने वाले गुमराहों में से होगा, तो खौलते हुए गरम पानी से उसकी मेहमानवाजी होगी और उसे दोजख में दाखिल किया जाएगा।" 📕 सूरह वाकिआ: ९२ ता ९४
जन्नत में दाखिल करने वाली चीज़ रसूलुल्लाह (ﷺ) से पूछा गया के, "लोगों को सब से ज़ियादा जन्नत में दाखिल करने वाली क्या चीज़ है?" आप (ﷺ) ने फर्माया : "अल्लाह से डरना और अच्छे अख्लाक़", और सब से ज़ियादा आग में दाखिल करने वाली चीज़ के बारे में सवाल किया गया। तो आप (ﷺ) ने फर्माया : मुंह और शर्मगाह।" 📕 तिर्मिज़ी : २००४, अन अबी हुरैरा (र.अ)
शिर्क करने वाले की मिसाल कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "तुम सिर्फ अल्लाह की तरफ मुतवज्जेह रहो, उस के साथ किसी को शरीक मत ठहराओ और जो शख्स अल्लाह के साथ शिर्क करता है, तो उसकी मिसाल ऐसी है जैसा के वह आसमान से गिर पड़ा हो, फिर परिन्दों ने उस की बोटियाँ नोच ली हों या हवा ने किसी दूर दराज मक़ाम पर ले जाकर उसे डाल दिया हो।" 📕 सूरह हज: ३१
माल के मुताल्लिक़ फ़रिश्तों का एलान रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "हर रोज़ जब अल्लाह के बन्दे सुबह को उठते हैं, दो फरिश्ते नाज़िल होते हैं उनमें से एक कहता है। ऐ अल्लाह! (अच्छे कामों में) खर्च करने वाले को मज़ीद अता फ़रमा और दूसरा कहता है ऐ अल्लाह ! माल को (अच्छे कामों में खर्च करने के बजाए) रोक कर रखने वाले का माल ज़ाये फ़रमा।" 📕 बुखारी : १४४२, अन अबी हुरैरह (र.अ)
ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना: हदीस Hadees of the Day ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना: हदीस अबु बक्र सिद्दीक (रजी) से रिवायत है की,रसुलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "अगर लोग जालीम को जुल्म करते हुए देखे और उसे न रोके तो करीब है की अल्लाह तआला उन सबको अजाब मे मुब्तला कर देगा।" 📕 रियाद अस-सलीहिन, हदीस, 197
अच्छे और बुरे बराबर नहीं हो सकते कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "क्या वह लोग जो बुरे काम करते हैं, यह समझते हैं के हम उन्हें और उन लोगों को बराबर कर देंगे जो ईमान लाते हैं और नेक अमल करते हैं के उन का मरना और जीना बराबर हो जाए, उनका यह फैसला बहुत ही बुरा है।" 📕 सूरह जासिया : २१
सबसे ज्यादा आज़माइश किन लोगों की हुई? हदीसे नबवी ﷺ सबसे ज्यादा आज़माइश किन लोगों की हुई? हज़रत मुसब बिन साद रज़िअल्लाहु अन्हु फरमाते हैं के, मैंने रसूलल्लाह ﷺ से दरियाफ्त किया: या रसूलल्लाह! सब से ज्यादा आजमाइश में किन लोगों को डाला जाता है? आप ﷺ ने इरशाद फरमाया: “अंबिया अलैहि सलाम को, फिर उसे जो अंबिया से करीबतर हो, फिर उसे जो अंबिया से करीब हो। (यानी जो अंबिया से जितना ज्यादा कुर्ब ओ ताल्लुक रखेगा उसे उतना ही ज्यादा आज़माया जाएगा)। आदमी को उसके दीन के मुताबिक आज़माया जाता है, पस अगर वो अपने दीन में पुख़्ता हो तो उसकी आज़माइश भी कड़ी होती…
पांच चीज़ों को 5 से पहले घनीमत समझो पांच चीज़ों को 5 से पहले घनीमत समझो हदीस: अब्दुल्ला इब्न अब्बास (र.) से रिवायत है के,अल्लाह के नबी (ﷺ) ने फरमाया: “पांच (5) चीज़ों को पांच (5) चीज़ों से पहले घनीमत समझो। (1). अपनी जवानी को बुढ़ापे से पहले,(2). अपनी सेहत को बीमारी से पहले,(3). अपनी मालदारी को गुरबत (गरीबी) से पहले,(4). अपनी फरागत को मसरुफियत से पहले,(5). अपनी जिंदगी को मौत से पहले। 📕 शुआब अल-ईमान, हदीस 9575
Assalamu Alaikum – I am Mohammad Salim Shaikh, founder of Ummat-e-Nabi.com, sharing authentic Islamic knowledge since 2010. My mission is to present the beauty of Islam in a simple and clear way through Qur’an and Hadith. Alhamdulillah, our Facebook page fb.com/UENofficial
with 900,000+ followers continues to spread Islamic teachings, building a strong global community of learning and faith.