रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया:
“बगैर वुजू के नमाज़ क़बूल नहीं होती, इसी तरह हराम माल से सद्का कबूल नहीं होता।”
📕 तिर्मिज़ी: १, अन इब्ने उमर (र.अ)
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया:
“बगैर वुजू के नमाज़ क़बूल नहीं होती, इसी तरह हराम माल से सद्का कबूल नहीं होता।”
📕 तिर्मिज़ी: १, अन इब्ने उमर (र.अ)
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