कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है :
“वह नाफरमान लोग कितने ही बाग, चश्मे, खेतियाँ और उम्दा मकानात
और आराम के सामान जिन में वह मजे किया करते थे, (सब) छोड़ गए,
हम ने इसी तरह किया और उन सब चीज़ों का वारिस एक दूसरी कौम को बना दिया।
फिर उन लोगों पर न तो आसमान रोया और न ही जमीन
और नही उन को मोहलत दी गई।”