एक शख्स ने रसूलल्लाह (ﷺ) की खिदमत में आकर अर्ज़ किया:
“ऐ अल्लाह के रसूल लोगों में सब से बड़ा जाहिद कौन है ?”
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“वह आदमी जो कब्र और उस की बोसीदगी को न भूले और दुनिया की जरूरत से ज़ियादा जेब व जीनत को छोड़ दे, बाकी रहने वाली (आखिरत) को फना हो जाने वाली (दनिया) पर तरजीह दे, आने वाले कल को अपनी (जिन्दगी का) दिन शुमार न करे और अपने आप को मुर्दो की फहेरिस्त में शुमार करे (तो यह सबसे बड़ा ज़ाहिद है)”