अल्लाह तआला ने बेशुमार मख्लूक़ पैदा फ़रमाई है। उन में एक अजीब नाबीना मख्लूख “दीमक” भी है।
वह नाबीना होने के बावजूद सर्दी और बारिश से बचने के लिये शानदार और मजबूत टावर नुमा घर बनाती है। जिस की ऊँचाई उन की जसामत से हजारों गुना ज्यादा होती है।
उन घरों के बनाने में वह मिट्टी और अपने लुआब व फ़ज्ला का इस्तेमाल करती हैं। उन के घरों में बेशुमार खाने होते हैं। जिन में भूल भूलय्याँ , छोटी छोटी नहरों के रास्ते और हवा के गुजरने का इन्तज़ाम होता है।
आखिर बीनाई से महरूम दीमक को टावर नुमा और शानदार घर बनाने की सलाहियत किसने अता फ़रमाई ? यक़ीनन यह अल्लाह ही की कारीगरी और उसी की कुदरत का करिश्मा है।
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