17 Rabi-ul-Akhir | Sirf Panch Minute ka Madarsa
1. इस्लामी तारीख
रसूलुल्लाह (ﷺ) की ताइफ से वापसी
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने ताइफ जा कर वहाँ के सरदारों और आम लोगों को दीने हक़ की दावत दी, मगर वहाँ के लोगों ने इस्लाम कबूल करने के बजाए, रसूलुल्लाह (ﷺ) की सख्त मुखालफत की, गालियाँ दी, पत्थरों से मारा और शहर से बाहर निकाल दिया, पत्थरों की चोट से आप के बदन मुबारक से खून जारी हो गया, शहर से बाहर आकर एक बाग़ में रूके, वहाँ हुजूर (ﷺ) ने अल्लाह तआला से दुआ की और अपनी कमज़ोरी, बेबसी और लोगों की निगाहों में बेवक़अती की फरयाद की और अल्लाह तआला से नुसरत व मदद की दरख्वास्त की और फर्माया : “इलाही ! अगर तू मुझ से नाराज नहीं है, तो मुझे किसी की परवाह नहीं, तू मेरे लिये काफी है।”
इस मौके पर अल्लाह तआला ने पहाड़ों के फरिश्ते को आपके पास भेजा और उसने आप (ﷺ) से इस की इजाजत चाही के वह उन दोनों पहाड़ों को मिलादे, जिनके दर्मियान ताइफ का शहर आबाद है, ताके वह लोग कुचलकर हलाक हो जाएँ, मगर हुजूर (ﷺ) की रहीम व करीम जात ने जवाब दिया : “मुझे उम्मीद है के उन की औलाद में से ऐसे लोग पैदा होंगे, जो एक खुदा की इबादत करेंगे और उस के साथ किसी को शरीक नहीं ठहराएँगे।” हुजूर (ﷺ) की इस दुआ का असर था के मुहम्मद बिन कासिम जैसे बहादुर नौजवान ताइफ के क़बीला बनी सनीफ में पैदा हुए, जिन के हाथों अल्लाह तआला ने हिन्दुस्तान तक इस्लाम को पहुँचाया।
2. अल्लाह की कुदरत
नाक के बाल
अल्लाह तआला ने हर छोटी बड़ी चीज को हिकमत व मसलेहत के साथ पैदा फ़र्माया है, इन्सान ऑक्सीजन के बगैर जिन्दा नहीं रह सकता, इस लिये अल्लाह तआला ने साँस के जरिये ताजी हवा को खींचने और गंदी हवा को बाहर निकालने का निज़ाम बना दिया।
मगर अल्लाह की कुदरत व हिकमत का कमाल देखिये के उस ने फ़ज़ा में मौजूद ग़र्द व गुबार से बचने के लिये नाक के अन्दर बाल और चिकना माद्दा पैदा कर दिया जिस की वजह से जरासीम माददे अन्दर तक नहीं जा पाते, इस तरह इन्सान नाक और फेफड़ों की बहुत सी बीमारियों से महफूज़ हो जाता है।
वाक़ई अल्लाह तआला ने अपनी कुदरत से मामूली सी चीजों के जरिये इन्सान को बड़ी बड़ी बीमारियों से महफूज कर दिया है।
3. एक फर्ज के बारे में
शौहर के भाइयों से परदा करना
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“ना महरम) औरतों के पास आने जाने से बचो!
एक अन्सारी सहाबी ने अर्ज किया : देवर के बारे में आप क्या फ़र्माते हैं ?
तो आप (ﷺ) ने फर्माया: देवर तो मौत है।”
वजाहत: शौहर के भाई वगैरह से परदा करना इन्तेहाई जरूरी है
और उस से इस तरह बचना चाहिये। जिस तरह मौत से बचा जाता है।
4. एक सुन्नत के बारे में
इस्तिन्जे के बाद वुजू करना
हजरत आयशा (र.अ) फर्माती हैं के –
रसूलुल्लाह (ﷺ) जब बैतुलखला से निकलते तो वुजू फरमाते।
5. एक अहेम अमल की फजीलत
अगली सफ में नमाज़ अदा करना
रसलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“अल्लाह तआला और उसके फरिश्ते पहली सफ वालों पर रहमत भेजते हैं और मोअज्जिन के बुलंद आवाज़ के बकद्र उस की मगफिरत कर दी जाती है, खुश्की और तरी की हर चीज़ उस की आवाज़ की तसदीक करती है और उस के साथ नमाज़ पढ़ने वालों का सवाब उस को भी मिलेगा।”
6. एक गुनाह के बारे में
नमाज़ छोड़ने का गुनाह
रसलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया:
“जो शख्स जान बूझकर नमाज़ छोड़ देता है, अल्लाह तआला उसके सारे आमाल बेकार कर देता है और अल्लाह का ज़िम्मा उस से बरी हो जाता है जब तक के वह अल्लाह से तौबा न कर ले।”
7. दुनिया के बारे में
दुनिया के फ़ितनों से बचो
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया:
“सुनो ! दुनिया मीठी और हरी भरी है और अल्लाह तआला जरूर तुम्हें इस की खिलाफत अता फरमाएगा, ताके देखें के तुम कैसे आमाल करते हो, पस तुम दुनिया से और औरतों (के फितने) से बचो।”
8. आख़िरत के बारे में
कयामत का हौलनाक मंजर
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:
“(क़यामत का मुन्किर) पूछता है के कयामत का दिन कब आएगा?
जिस दिन आँखें पथरा जाएँगी और चाँद बेनूर हो जाएगा और सूरज व चाँद (दोनों बेनूर हो कर) एक हालत पर कर दिये जाएँगे,
उस दिन इंसान कहेगा : (क्या) आज कहीं भागने की जगह है? जवाब मिलेगा : हरगिज नहीं (आज) कहीं पनाह की जगह नहीं है, उस दिन सिर्फ आप के रब के पास ठिकाना होगा।“
9. तिब्बे नबवी से इलाज
पागलपन का इलाज
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“अजवा (खजूर) जन्नत का फल है और जुनून (पागलपन) का इलाज है।”
10. क़ुरान की नसीहत
शराब, जुवा, बूत और फाल खोलना सब शैतानी काम है
क़ुरान में अल्लाह तआला फ़र्माता है
“ऐ ईमान वालो! सच्ची बात यह है के शराब, जुवा, बूत और फाल खोलने के तीर, यह सब शैतान के नापाक काम है, लिहाजा तुम इनसे बचो! ताके तुम अपने मकसद में कामयाब हो जाओ।”