कुआं खुदवाने का सवाब रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जिस ने पानी का कुंवा खुदवाया और उस से किसी प्यासे परिन्दे, जिन या इन्सान ने पानी पिया, तो कयामत के दिन अल्लाह तआला उसको अज्र अता फ़रमाएगा।" 📕 सही इब्ने खुजैमा : १२२७
गुस्ल के लिये तययम्मुम करना क़ुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है - "अगर तुम बीमार हो जाओ या सफर में हो या तुम में से कोई शख्स अपनी तबई ज़रूरत (यानी पेशाब पाखाना कर के) आया हो या अपनी बीवी से मिला हो और तुम पानी (के इस्तेमाल की) ताकत न रखते हो, तो ऐसी हालत में तुम पाक मिट्टी का इरादा करो। (यानी तयम्मुम कर लो)।" 📕 सूरह मायदा 5:6 फायदा : अगर किसी पर गुस्ल करना फ़र्ज़ हो जाए और पानी इस्तेमाल करने की ताकत न रखे, तो ऐसी सुरत में गुस्ल के लिए तयम्मुम कर के नमाज पढ़ना फ़र्ज़ है और तयम्मुम…
कयामत में तीन किस्म के लोग रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "कयामत के दिन जहन्नम से एक गर्दन निकलेगी, जिस की दो देखने वाली औंखें, दो सुनने वाले कान और एक बोलने वाली जुबान होगी, वह कहेगी: तीन किस्म के लोग मेरे सुपुर्द किए गए हैं: (१) हर मगरूर हक जान कर रुगरदानी करने वाला।, (२) अल्लाह के साथ किसी और को खुदा समझ कर पुकारने वाला।, (३) तस्वीर बनाने वाला।" 📕 शोअबुल ईमान: ६०८४, अन अबी हुरैरह (र.अ)
हर नमाज़ के लिये वुजू करना हजरत अनस (र.अ) बयान करते हैं के, आप (ﷺ) की आदते शरीफा थी, के बा वुजू होने के बावजूद हर नमाज के लिये ताज़ा वुजू फरमाते और हम लोग कई नमाजें एक ही वुजू से पढ़ते थे। 📕 अबू दाऊद : १७१
दिलों को भी जंग लग जाता है, जैसे लोहे में पानी पहुँचने के बाद जंग लग जाता है रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "दिलों को भी जंग लग जाता है, जैसे लोहे में पानी पहुँचने के बाद जंग लग जाता है।" अर्ज किया गया : या रसूलअल्लाह! वह कौन सी चीज़ है जिस से दिलों की सफाई हो जाए। आप (ﷺ) ने फर्माया: "मौत को कसरत से याद करना और कुरआन का पढ़ना।" 📕 बैहकी शोअबुल ईमान, हदीस : १९५८
दुआ के कलिमात को तीन बार कहना रसूलल्लाह (ﷺ) दुआ व इस्तिगफार के कलिमात को तीन तीन मर्तबा दोहराना पसन्द फ़र्माते थे। 📕 अबू दाऊद: १५२४ यह भी पढ़े: Astaghfar ka Taruf, Ahmiyat, Fazilat aur Dua
बिच्छू के जहर का इलाज हजरत अली (र.अ) फरमाते हैं : एक रात रसूलुल्लाह (ﷺ) नमाज़ पढ़ रहे थे के नमाज के दौरान एक बिच्छू ने आप को डंक मार दिया, रसूलुल्लाह (ﷺ) ने उस को मार डाला जब नमाज़ से फारिग हुए तो फरमाया : अल्लाह बिच्छू पर लानत करे, यह न नमाज़ी को छोड़ता है और न गैरे नमाज़ी को, फिर पानी और नमक मंगवा कर एक बर्तन में डाला और जिस उंगली पर बिच्छू ने डंक मारा था, उस पर पानी डालते और मलते रहे और सूरह फलक व सूरह नास पढ़कर उस जगह पर दम करते रहे। 📕 बैहकी फी शोअबिल…
एक ही पानी से फल और फूल की पैदाइश Highlights • अल्लाह ने एक ही जमीन और पानी से विभिन्न प्रकार के पेड़, फल, और फूल पैदा किए। • हर फल और फूल का रंग, स्वाद, और खुशबू अलग है, जैसे मीठा, खट्टा, सुर्ख या सफेद। • यह अल्लाह की अजीम कुदरत का बेहतरीन नमूना है। अल्लाह तआला जबरदस्त कुदरत वाला है, उस ने एक ही जमीन और एक ही पानी से मुख्तलिफ किस्म के दरख्त, फल और फूल बनाए, हर एक का मज़ा और रंग अलग अलग है, कोई मीठा है तो कोई खट्टा है, कोई सुर्ख है, तो कोई सफेद है, हालांकि सब एक ही ज़मीन और…
गुस्ल करने का सुन्नत तरीका रसूलुल्लाह (ﷺ) जब गुस्ले जनाबत फ़र्माते, तो सबसे पहले हाथ धोते, फिर सीधे हाथ से बाएँ हाथ पर पानी डालते, फिर इस्तिन्जे की जगह धोते, फिर जिस तरह नमाज के लिये वुजू किया जाता है उसी तरह वुजू करते, फिर पानी लेकर अपनी उंगलियों के जरिये सर के बालों की जड़ों में दाखिल करते, फिर तीन दफा दोनों हाथ भर कर यके बाद दीगर सर पर पानी डालते, फिर सारे बदन पर पानी बहाते और सबसे अखीर में दोनों पाँव धोते। 📕 मुस्लिमः १८
गुनाहों को छोड़ देना बेहतरीन हिजरत है हज़रत अनस की वालिदा ने सरकारे दो आलम (ﷺ) कीखिदमत में हाज़िर हो कर अर्ज किया: मुझे कुछ वसिय्यत फर्माइये। आप (ﷺ) ने इर्शाद फ़ाया : "गुनाहों को छोड़ देना बेहतरीन हिजरत है, फ़राइज़ की हिफ़ाज़त करना बेहतरीन जिहाद है और ज़िक्रे इलाही ब कसरत करती रहो, इस लिए के तुम अल्लाह के यहाँ इस से जियादा महबूब चीज़ लेकर नहीं आ सकती हो।" 📕 तबरानी कबीर : २०८२१
किसी मंजिल से चलते वक़्त नमाज़ पढ़ना हज़रत अनस (र.अ) बयान करते हैं के: “रसूलुल्लाह (ﷺ) किसी जगह कयाम करते और फिर वहाँ से चलते तो दो रकात नमाज जरूर पढ़ते।” 📕 सुनन कुबरा लिल बैहकी: २५३/५
मोमिन पर तोहमत लगाने का गुनाह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जो शख्स अपने मोमिन भाई को मुनाफिक के शर से बचाए, तो अल्लाह तआला कयामत के दिन ऐसे आदमी के साथ एक फरिश्ते को मुकर्रर कर देगा, जो उसके बदन को जहन्नम से बचाएगा; और जो आदमी भोमिन भाई पर किसी चीज़ की तोहमत लगाए जिस से उस को जलील करना मक्सूद हो, तो अल्लाह तआला उस को जहन्नम के पुल पर रोक देगा, यहाँ तक के वह अपनी कही हुई बात का बदला न दे दे।" 📕 अबू दाऊद : ४८८३, अन मुआन बिन अनस (र.अ)
बिमारियों का इलाज हज़रत अनस (र.अ) के पास दो शख्स आए, जिन में से एक ने कहा: ऐ अबू हम्जा (यह हजरत अनस (र.अ) की कुन्नियत है) मुझे तकलीफ है, यानी मैं बीमार हूँ, तो हजरत अनस (र.अ) ने फ़रमाया: क्या मैं ! तुम को उस दुआ से दम न कर दूं जिस से रसूलुल्लाह (ﷺ) दम किया करते थे? उस ने कहा :जी हाँ जरूर , तो उन्होंने यह दुआ पढ़ी: तर्जुमा: ऐ अल्लाह! लोगों के रब! तकलीफ को दूर कर देने वाले, शिफा अता फरमा, तू ही शिफा देने वाला है तेरे सिवा कोई शिफा देने वाला नहीं, ऐसी शिफा अता…
खुजली का इलाज हजरत अनस बिन मालिक (र.अ) फर्माते हैं के : रसूलल्लाह (ﷺ) ने हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ (र.अ) और जुबैर बिन अव्वाम (र.अ) को खुजली की वजह से रेशमी कपड़े पहनने की इजाजत मरहमत फर्माई थी।" 📕 बुखारी: ५८३९ फायदा: आम हालात में मर्दो के लिये रेश्मी लिबास पहनना हराम है, मगर जरूरत की वजह से माहिर हकीम या डॉक्टर कहे तो गुंजाइश है।
ठंडे पानी से बुखार का इलाज अन अनस बिन मालिक (र.अ) से रिवायत है, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "तुम में से किसी को जब बुखार आए, तो सहरी के वक़्त ठंडा पानी (उसके बदन पर) तीन रात तक छिड़का जाए।" 📕 मुस्तदरक, हदीस: ८२२६ फायदा: आज जदीद तरीक़-ए-इलाज के मुताबिक डॉक्टर हजरात भी बुखार के मरीज के सर पर ठंडे पानी की पट्टी रखने का मश्वरा देते हैं।