“तीन आदमी की अल्लाह ने जमानत ले रखी है, अगर वह जिन्दा रहें तो बक्रद्रे जरूरत रोजी मिलती है और अगर वफात पा जाएं तो अल्लाह तआला जन्नत में दाखिल फ़र्माता है (एक वह) जो घर में दाखिल होते वक़्त सलाम करे तो अल्लाह तआला उस का जामिन है, (दूसरा वह) जो मस्जिद गया, तो अल्लाह तआला उसका जामिन है, (तीसरा) राहे ख़ुदा में निकलने वाले का अल्लाह तआला जामिन है।”
जो ताक़त रखता है वो निकाह जरुरु करे रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: “ऐ नौजवानों की जमात! तुम में से जो नान व नफ़्का की ताकत रखता हो उसे ज़रूर शादी कर लेना चाहिए इस लिए के यह आँख और शर्मगाह की हिफ़ाज़त का ज़रिया है और जो इस की ताकत नहीं रखता, तो उसे चाहिए के रोजा रखे, इस लिए के यह उस की शहवत को कम करने में मोअस्सिर है।” 📕 बुखारी : ५०६६, अब्दुल्लाह (र.अ)
कीसी की तकलीफ दूर करने का सवाब: हदीस किसी की तकलीफ दूर करने का सवाब: हदीस रसूलअल्लाह (ﷺ) फरमाते है: "जिस शख्स ने किसी मुसलमान की दुनियावी मुश्किलात (तकलीफ) में से कोई मुश्किल दूर की तो अल्लाह तआला उस की क़यामत की मुश्किलात में से कोई मुश्किल दूर कर देगा" 📕 मुस्लिम, जिल्द 3, पेज 493
नींद अल्लाह की अज़ीम नेअमत Highlights • नींद की नेअमत: अल्लाह ने इंसान को नींद की अज़ीम नेअमत से नवाजा, जिसमें वह अपनी आसपास की दुनिया से बेखबर हो जाता है।• शुऊर का खो जाना: नींद के दौरान इंसान की चेतना और समझ पूरी तरह समाप्त हो जाती है।• जैसे मौत की स्थिति: नींद एक प्रकार की मौत की तरह होती है, लेकिन फिर जीती जागती जिंदगी वापस मिलती है।• अल्लाह का करिश्मा: नींद के बाद जीवन का फिर से शुरू होना केवल अल्लाह की कुदरत से संभव है।• अल्लाह की कुदरत: नींद देना और फिर से जीवन देना अल्लाह की अद्भुत कारीगरी का हिस्सा…
जबान और शर्मगाह की हिफाजत करना रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जो शख्स मुझे अपनी ज़बान और शर्मगाह की हिफाजत की जमानत दे दे मैं उसके लिये जन्नत की जमानत लेता हूँ।" 📕 बुखारी: ६४७४
माँ बाप की नाफरमानी से बचो : क़ुरान हदीस की रौशनी में | Maa Baap ki Nafarmani se bachey ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ अपने माँ बाप को उफ्फ तक न कहो: "और तुम्हारे रब ने फ़रमाया है की, उसके सिवा किसी की ईबादत ना करो और अपने माँ बाप के साथ भलाई करते रहो और अगर तुम्हारे सामने उनमें से एक या दोनों बुढ़ापे को पहुँच जाये तो उन्हे उफ़ भी न कहो और ना उन्हें झिड़को और उनसे अदब से बात करो और उनके सामने शफ़कत से आजज़ी के साथ झुके रहो और कहो की एह मेरे रब! जैसे उन्होंने मुझे बचपन से पाला है इसी तरह तू भी उन पर रहम फरमा।" 📕 सुरह बनी इसराईल 17:23-24 बाप…
तीन काम में देर ना करो (नमाज़, जनाज़ा और निकाह) रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "ऐ अली! तीन काम वह है जिनमें ताखीर न करो। (१) नमाज़, जब उस का वक्त आ जाए।(२) जनाज़ा, जब तैयार हो जाए।(३) बेशोहर वाली औरत का निकाह, जब उसके लिए कोई मुनासिब जोडा (रिश्ता) मिल जाए।" 📕 तिर्मिजी: १७१. अली बिन अबी तालिब (र.अ)
मज़दूर की मज़दूरी पसीना सुखने से पहले दिया करो मज़दूर को पसीना सुखने से पहले मज़दूरी दो ۞ हदीस: अब्दुल्ला इब्न उमर (रजि.) से रिवायत है की,रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "मज़दूर को उसकी मज़दूरी उसका पसीना सुखने से पहले दे दो।" 📕सुनन इब्न माजाह, हदीस:600 मज़दूर को पूरी मजदूरी देना ۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "मैं क़यामत के दिन तीन लोगों का मुक़ाबिल बन कर उन से झगडूंगा, (उन तीन में से एक) वह शख्स है जिसने किसी को मज़दूरी पर रखा और उससे पूरा-पूरा काम लिया मगर उसको पूरी मज़दूरी नहीं दी।" 📕 इब्ने माजाह : २४४२ खुलासा: मज़दूर को मुकम्मल मज़दूरी देना वाजिब है।
बदन में एक गोश का टुकड़ा है जब वो दुरुस्त होगा तो सारा बदन दुरुस्त होगा: हदीस हदिस: दिल के कैफ़ीयत की अहमियत नुमान बिन बशीर (र.अ.) से रिवायत है के, मैंने रसूलअल्लाह (ﷺ) से सुना की, "सुन लो ! बदन में एक गोश का टुकड़ा है जब वो दुरुस्त होगा तो सारा बदन दुरुस्त होगा और अगर वो बिगड़ गया तो सारा बदन बिगड़ गया और वो तुम्हारा दिल है।" 📕 सहीह अल बुखारी, हदीस: 52
ठंडे पानी से बुखार का इलाज अन अनस बिन मालिक (र.अ) से रिवायत है, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "तुम में से किसी को जब बुखार आए, तो सहरी के वक़्त ठंडा पानी (उसके बदन पर) तीन रात तक छिड़का जाए।" 📕 मुस्तदरक, हदीस: ८२२६ फायदा: आज जदीद तरीक़-ए-इलाज के मुताबिक डॉक्टर हजरात भी बुखार के मरीज के सर पर ठंडे पानी की पट्टी रखने का मश्वरा देते हैं।
दिलों को भी जंग लग जाता है, जैसे लोहे में पानी पहुँचने के बाद जंग लग जाता है रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "दिलों को भी जंग लग जाता है, जैसे लोहे में पानी पहुँचने के बाद जंग लग जाता है।" अर्ज किया गया : या रसूलअल्लाह! वह कौन सी चीज़ है जिस से दिलों की सफाई हो जाए। आप (ﷺ) ने फर्माया: "मौत को कसरत से याद करना और कुरआन का पढ़ना।" 📕 बैहकी शोअबुल ईमान, हदीस : १९५८
घर से वुजू कर के मस्जिद जाने का सवाब रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जब तुम में से कोई घर से वुजू कर के मस्जिद आए, तो घर लौटने तक उसे नमाज का सवाब मिलता रहेगा।" 📕 मुस्तदरक : ७४४
हर शख्स मौत के बाद अफसोस करेगा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "हर शख्स मौत के बाद अफसोस करेगा, सहाबा ने अर्ज किया: या रसूलअल्लाह (ﷺ) ! किस बात का अफसोस करेगा? आप (ﷺ) ने फ़र्माया : अगर नेक है, तो जियादा नेकी न करने का अफसोस करेगा और अगर गुनहगार है तो गुनाह से न रूकने पर अफसोस करेगा।" 📕 तिर्मिज़ी : २४०३
जो शख्स किसी मां को उसके बच्चे से जुदा करेगा तो... ۞ हदीस: अनस रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "जो शख्स किसी मां को उसके बच्चे से जुदा करेगा अल्लाह सुबहानहु क़यामत के दिन उसको उसके महबूब लोगो से जुदा कर देगा।" 📕 जामिया तिरमिज़ी , जिल्द 1, 1291-हसन
मौत के वक्त कलमा तय्यबा पढ़ने की फ़ज़ीलत : हदीस मौत के वक्त कलमा तय्यबा पढ़ने की फ़ज़ीलत ۞ हदीस: मुआद बिन जबल (र.अ.) से रिवायत है के, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "जिस नफ्स को भी इस हाल में मौत आए की वो इस बात की गवाही देता हो की अल्लाह के सिवा कोई माबूद नही और मैं (मुहम्मद सलअल्लाहू अलैही वसल्लम) अल्लाह का रसूल हूँ और ये गवाही दिल के यकीन से हो तो अल्लाह सुबहानहु उसकी मगफिरत फरमा देगा।" 📕 सुनन इब्न माजा, 3796 सुभान अल्लाह ! ۞ अल्लाह ताला हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफ़ीक़ अता फरमाए। ۞ जबतक हमे ज़िंदा रखे इस्लाम और इमां…
MD. Salim Shaikh
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