27 अप्रैल 2024

आज का सबक

सिर्फ पांच मिनिट का मदरसा क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में
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1. इस्लामी तारीख

रजी और बीरे मऊना का अलमनाक हादसा

रजी और बीरे मऊना का अलमनाक हादसा

जंगे उहुद के बाद मुशरिकिन ने धोके से मुसलमानों को कत्ल करने की साजिश शुरू कर दी, माहे सफर सन ४ हिजरी में कबील-ए-अजल व कारा के लोग मदीना आए और हुजूर (ﷺ) से दरख्वास्त की के हम में से कुछ लोग मुसलमान हो गए हैं,
उन की तालीम व तरबियत के लिये अपना मुअल्लिम भेज दीजिये।

आप (ﷺ) ने उन की फर्माइश पर दस मुअल्लिमों को रवाना फरमाया, जिन के अमीर हजर मरसद (र.अ) थे, मकामे रजीअ में पहुँच कर उन जालिमों ने आठ सहाबा को शहीद कर दिया, और हजरत खबैब (र.अ) और जैद (र.अ) को कुरैशे मक्का के हाथ भेज दिया जिन्होंने दोनों को सुली देकर शहीद कर दिया।

उसी महीने में इस से बड़ा बीरे मऊना का दिल खराश वाकिआ पेश आया।

अबू बरा, आमिर बिन मालिक ने आकर हजुर (ﷺ) से फर्माइश की के अहले नजद को इस्लाम की दावत देने और दीन सिखाने के लिये अपने सहाबा को रवाना फर्मा दें। उस की तरफ से हिफाजत के वादे पर आप (ﷺ) ने ७० बड़े बड़े कुर्रा सहाबा को रवाना फर्मा दिया, जिन के अमीर मुन्जिर बिन अम्र थे।

जब यह दावती वफ्द बीरे मऊना पहँचा तो इस धोके बाज ने कबील-ए-रिअलजकवान वगैरा के लोगों को साथ ले कर उन पर हमला कर दिया और कअब बिन जैद (र.अ) के अलावा तमाम कुर्रा सहाबा को शहीद कर डाला। इस अलमनाक हादसे से हजूर (ﷺ) को सख्त सदमा पहँचा और एक महीने तक फज़्र नमाज में नाजिला पढ़ी।

📕 इस्लामी तारीख

2. अल्लाह की कुदरत/मोजज़ा

हुजूर (ﷺ) को गैबी मदद

सहाब-ए-किराम फर्माते हैं के हम एक सफर में अल्लाह के रसूल के साथ चार सौ आदमी थे।

हम लोगों ने ऐसी जगह पड़ाव डाला जहाँ पीने के लिये पानी नहीं था। हम सब घबरा गए, इतने में एक छोटी सी बकरी अल्लाह के रसूल (ﷺ) के सामने आकर खड़ी हो गई। आपने उस का दूध दूहा और फिर खूब सैर हो कर पिया और अपने सहाबा को भी पिलाया हत्ता के सब सैर हो गए।

उसके बाद उस बकरी को बाँध दिया गया, सुबह को उठ कर देखा, तो वह बकरी गायब थी। हुजूर (ﷺ) को खबर दी गई, तो आप (ﷺ) ने फर्माया: “जो अल्लाह उसको लाया था वही उसे ले गया।”

📕 बैहकी फी दलाइलिन्नुबबह: २३८१

3. एक फर्ज के बारे में

माँगी हुई चीज़ का लौटाना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“(वापसी की शर्त पर) माँगी हुई चीज़ को वापस किया जाएगा।”

📕 इब्ने माजा : २३९८

खुलासा : अगर किसी शख्स ने कोई सामान यह कह कर माँगा के वापस कर दूंगा, तो उस का मुक़र्रर वक्त पर लौटाना वाजिब है, उसको अपने पास रख लेना और बहाना बनाना जाइज नही है।

4. एक सुन्नत के बारे में

5. एक अहेम अमल की फजीलत

6. एक गुनाह के बारे में

बातिल परस्तों के लिये सख्त अज़ाब है

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :

“जो लोग खुदा के दीन में झगड़ते हैं, जब के वह दीन लोगों में मक़बूल हो चुका है (लिहाजा) उन लोगों की बहस उन के रब के नजदीक बातिल है, उनपर खुदा का ग़ज़ब है और सख्त अजाब (नाज़िल होने वाला है)।”

📕 सूरह शूरा :१६

7. दुनिया के बारे में

दुनिया से बेहतर आख़िरत का घर है

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :

“दुनिया की जिन्दगी सिवाए खेल कूद के कुछ भी नहीं और आखिरत का घर मुत्तकियों (यानी अल्लाह तआला से डरने वालों) के लिये बेहतर है।”

📕 सूरह अन्आम : ३२

8. आख़िरत के बारे में

दोज़ख़ में बिच्छू के डसने का असर

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

“दोजख में खच्चरों की तरह बिच्छू हैं, एक बार जब उनमें से एक बिच्छू डसेगा, तो दोजखी चालीस साल तक उस की जलन महसूस करेगा।”

📕 मुस्नदे अहमद : १७२६०

9. तिब्बे नबवी से इलाज

वरम (सूजन) का इलाज

हज़रत अस्मा (र.अ) के चेहरे और सर में वरम (सूजन) हो गया,

तो उन्होंने हजरत आयशा (र.अ) के जरिये आप (ﷺ) को इस की खबर दी। चुनान्चे हुजूर (ﷺ) उन के यहाँ तशरीफ़ ले गए और दर्द की जगह पर कपड़े के ऊपर से हाथ रख कर तीन मर्तबा यह दुआ फ़रमाई।

اللهم أذْهِبْ عَنْهَا سُولَهُ وَفَحْشَهُ بِدَعْوَةٍ بَيْكَ الطَّيِّبِ الْمُبَارَكَ الْمَكِينِ عِندَكَ ، بسم الله

फिर इर्शाद फ़र्माया : यह कह लिया करो, चुनांचे उन्हों ने तीन दिन तक यही अमल किया तो उन का वरम जाता रहा।

📕 दलाइलुनबुवह लिल बैहकी: २४३०

10. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत

कै (उल्टी) के जरिये इलाज

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने कै (Vomit) की और फिर वुजू फ़रमाया।

📕 तिर्मिजी : ८७

वजाहत : अल्लामा इब्ने कय्यिम (रह.) लिखते हैं : कै(उलटी) से मेअदे की सफाई होती है और उस में ताकत आती है, आँखों की रौशनी तेज होती है, सर का भारी पन खत्म हो जाता है। इस के अलावा और भी बहुत से फवायद हैं।

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