क़ुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :
“दुनियवी जिंदगी में उन की रोज़ी हम ने ही तकसीम कर रखी है और एक को दूसरे पर मर्तबा के एतबार से फज़ीलत दे रखी है ताकि एक दूसरे से काम लेता रहे।”
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- वारिसीन के दर्मियान विरासत तकसीम करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "माल (विरासत) को किताबुल्लाह के मुताबिक हक़ वालों के दर्मियान तकसीम करो।" 📕 मुस्लिम: ४१४३ फायदा : अगर किसी का इन्तेकाल हो जाए और उस ने माल छोड़ा हो, तो उस को तमाम हक वालों के दर्मियान तकसीम करना वाजिब है, बगैर किसी शरई वजह के…
- कामयाब कौन? रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "कामयाब हो गया वह शख्स जिसने इस्लाम क़बूल किया और उसको जरूरत के बकद्र रोज़ी मिली और अल्लाह तआला ने उस को दी हुई रोज़ी पर कनाअत करने वाला बना दिया।" 📕 मुस्लिम:२४२६, अन अब्दुल्लाह बिन अम्र विन आस (र.अ)
- रिज़्क देने वाला अल्लाह है कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "ज़मीन पर चलने फिरने वाला कोई भी जानदार ऐसा नहीं के जिस की रोजी अल्लाह के ज़िम्मे न हो।" 📕 सूरह हूद: ६
- थोड़ी सी रोज़ी पर रहने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जो शख्स अल्लाह तआला से थोड़ी रोजी पर राजी रहे, तो अल्लाह तआला भी उसकी तरफ से थोड़े से अमल पर राजी हो जाता हैं।" 📕 बैहकी शोअबुल ईमान : ४०९
- अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म देना अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म देना कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: "आप अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म करते रहो और खुद भी नमाज़ के पाबन्द रहिये, हम आपसे रोजी तलब नहीं करते, रोजी तो आप को हम देंगे आर अच्छा अंजाम तो परहेजगारों का है।"…
- हलाल रोज़ी कमाओ रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "रोज़ी को दूर न समझो, क्योंकि कोई आदमी उस वक्त तक नहीं मर सकता जब तक के जो रोजी उस के मुक़द्दर में लिख दी गई है, वह उस को न मिल जाए। लिहाजा रोजी हासिल करने में बेहतर तरीका इख्तियार करो, हलाल रोजी कमाओ…
- अल्लाह तआला सबको दोबारा ज़िन्दा करेगा कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "अल्लाह वह है, जिसने तुम को पैदा किया और वही तुम्हें रोजी देता है, फिर (वक्त आने पर) वही तुम को मौत देगा और फिर तुम को वही दोबारा जिन्दा करेगा।" 📕 सूरह रूम : ४० वजाहत: मरने के बाद अल्लाह तआला दोबारा जिन्दा…