हज़रत अबू हुरैरह (र.अ) फर्माते हैं के रसूलुल्लाह (ﷺ) यह दुआ फरमाते थेः
”ऐ अल्लाह ! जो इल्म तूने मुझे दिया है इस से नफ़ा अता फर्मा और मुझे नफ़ा बख्श इल्म अता फ़र्मा और मेरे इल्म में ज़ियादती अता फ़र्मा।”
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- शेख अब्दुल कादिर जीलानी (रह.) शेख अब्दुल कादिर जीलानी (रह.) की विलादत बा सआदत ईरान के शहर गीलान में सन ४७० हिजरी में हुई, आप हजरत हसन की नस्ल से हैं, जब अठारा साल के हुए तो इल्मे दीन का मरकज बगदाद इल्म हासिल करने के लिए तशरीफ़ लाए, दुनिया उन के इल्म व फजल और…
- नमाजों को सही पढ़ने पर मगफिरत का वादा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "पाँच नमाजें अल्लाह तआला ने फर्ज की हैं, जिस ने उन के लिऐ अच्छी तरह वुजू किया और ठीक वक्त पर उन को पढ़ा और रुकू व सज्दह जैसे करना चाहिये वैस हो किया, तो ऐसे शख्स के लिये अल्लाह तआला का पक्का वादा है,…
- हज़रत याह्या (अलैहि सलाम) हज़रत याहया (अलैहि सलाम) हज़रत ज़करिया (अ.स) के फ़रज़न्द और अल्लाह तआला के नबी थे। वह नेक लोगों के सरदार और जुहद व तक़वा में बेमिसाल थे। अल्लाह तआलाने बचपन से ही इल्म हिकमत से नवाज़ा था। उन्होंने शादी नहीं की थी, मगर उसके बावजूद उनके दिल में गुनाह का…
- हज़रत इस्हाक़ (अ.) की पैदाइश हजरत इस्हाक़ (अ.) की विलादत बा सआदत अल्लाह तआला की एक बड़ी निशानी है, क्योंकि उन की पैदाइश ऐसे वक्त में हुई जब के उन के वालिद हजरत इब्राहीम (अ.) की उम्र 100 साल और उनकी वालिदा हजरत सारा की उमर 90 साल हो चुकी थी, हालाँके आम तौर पर इस उम्र में औलाद…
- इल्म हासिल करने के लिये सफर करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “जो शख्स ऐसा रास्ता चले जिस में इल्म की तलाश मक्सूद हो तो अल्लाह तआला उस के लिए जन्नत का रास्ता आसान कर देगा।” 📕 मुस्लिम : ६८५३
- हजरत रुकय्या बिन्ते रसूलुल्लाह (र.अ) हज़रत रुकय्या (र.अ) हुजूर (ﷺ) की दूसरी साहबज़ादी (बेटी) थीं, वह पहले अबू लहब के बेटे उत्बा के निकाह में थीं, जब हुजूर (ﷺ) को नुबुव्वत मिली और लोगों को दावत देना शुरू किया, तो अबू लहब के हुक्म पर उत्बा ने हजरत रुकय्या (र.अ) को तलाक दे दी, फिर…
- कद्दू (दूधी) से इलाज ۞ हदीस: हज़रत अनस (र.अ) फर्माते हैं के,"मैंने खाने के दौरान रसूलुल्लाह (ﷺ) को देखा के प्याले के चारों तरफ से कद्दू तलाश कर के खा रहे थे, उसी रोज़ से मेरे दिल में कद्दु की रग़बत पैदा हो गई।" 📕 बुख़ारी : ५३७९ फायदा : अतिब्बा ने इस के…