इस्लाम में नारी का महत्व और सम्मान | Women’s rights in Islam Hindi

इस्लाम में नारी का महत्व और सम्मान

इस्लाम में नारी का महत्व और सम्मान

Women’s rights in Islam Hindi

अन्य धर्मो में नारी का स्थान:

यदि आप धर्मों का अध्ययन करें तो पाएंगे कि हर युग में महिलाओं के साथ सौतेला व्यवहार किया गया।

हर धर्म में महिलाओं का महत्व पुरुषों की तुलना में कम रहा। बल्कि उनको समाज में तुच्छ समझा गया, उन्हें प्रत्येक बुराइयों की जड़ बताया गया, उन्हें वासना की मशीन बना कर रखा गया। एक युग महिलाओं पर ऐसा ही बिता कि वह सारे अधिकार से वंचित रही।

लेकिन यह इस्लाम की भूमिका है कि उसने हव्वा की बेटी को सम्मान के योग्य समझा और उसको मर्द के समान अधिकार दिए गए।

क़ुरआन की सूरः बक़रः (2: 228) में कहा गया:

“महिलाओं के लिए भी सामान्य नियम के अनुसार वैसे ही अधिकार हैं जैसे मर्दों के अधिकार उन पर हैं।”

सूरः बक़रः 2: 228

इस्लाम में महिलाओं का स्थान:

इस्लाम में महिलाओं का बड़ा ऊंचा स्थान है। इस्लाम ने महिलाओं को अपने जीवन के हर भाग में महत्व प्रदान किया है। माँ के रूप में उसे सम्मान प्रदान किया है, पत्नी के रूप में उसे सम्मान प्रदान किया है, बेटी के रूप में उसे सम्मान प्रदान किया है, बहन के रूप में उसे सम्मान प्रदान किया है, विधवा के रूप में उसे सम्मान प्रदान किया है।

खाला के रूप में उसे सम्मान प्रदान किया है, तात्पर्य यह कि विभिन्न परिस्थितियों में उसे सम्मान प्रदान किया है जिन्हें बयान करने का यहाँ अवसर नहीं हम तो बस उपर्युक्त कुछ स्थितियों में इस्लाम में महिलाओं के सम्मान पर संक्षिप्त में प्रकाश डालेंगे।

माँ के रूप में सम्मानः

माँ होने पर उनके प्रति क़ुरआन ने यह चेतावनी दी कि “और हमने मनुष्य को उसके अपने माँ-बाप के मामले में ताकीद की है – उसकी माँ ने निढाल होकर उसे पेट में रखा और दो वर्ष उसके दूध छूटने में लगे – कि ”मेरे प्रति कृतज्ञ हो और अपने माँ-बाप के प्रति भी। अंततः मेरी ही ओर आना है॥14॥ ”

कुरआन ने यह भी कहा कि –

तुम्हारे रब ने फ़ैसला कर दिया है कि उसके सिवा किसी की बन्दगी न करो और माँ-बाप के साथ अच्छा व्यवहार करो यदि उनमें से कोई एक या दोनों ही तुम्हारे सामने बुढ़ापे को पहुँच जाएँ तो उन्हें ‘उँह’ तक न कहो और न उन्हें झिझको, बल्कि उनसे शिष्‍टापूर्वक बात करो॥23॥ और उनके आगे दयालुता से नम्रता की भुजाएँ बिछाए रखो और कहो, “मेरे रब! जिस प्रकार उन्होंने बालकाल में मुझे पाला है, तू भी उनपर दया कर।”॥24॥

सूरः बनीइस्राईल 23-25

» हदीस: माँ के साथ अच्छा व्यवहार करने का अन्तिम ईश्दुत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने भी आदेश दिया,
एक व्यक्ति उनके पास आया और पूछा कि मेरे अच्छे व्यवहार का सब से ज्यादा अधिकारी कौन है?
आप ने फरमायाः तुम्हारी माता,
उसने पूछाः फिर कौन ?
कहाः तुम्हारी माता.
पूछाः फिर कौन ?
कहाः तुम्हारी माता,
पूछाः फिर कौन ? कहाः तुम्हारे पिता ।
मानो माता को पिता की तुलना में तीनगुना अधिकार प्राप्त है।

» हदीस: अन्तिम संदेष्टा मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः “अल्लाह की आज्ञाकारी माता-पिता की आज्ञाकारी में है और अल्लाह की अवज्ञा माता पिता की अवज्ञा में है” – (तिर्मज़ी)

पत्नी के रूप में सम्मानः

पवित्र क़ुरआन में अल्लाह तआला ने फरमाया और उनके साथ भले तरीक़े से रहो-सहो। (निसा4 आयत 19) और मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः “एक पति अपनी पत्नी को बुरा न समझे यदि उसे उसकी एक आदत अप्रिय होगी तो दूसरी प्रिय होगी।” – (मुस्लिम)

बेटी के रूप में सम्मानः

मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः “जिसने दो बेटियों का पालन-पोषन किया यहां तक कि वह बालिग़ हो गई और उनका अच्छी जगह निकाह करवा दिया वह इन्सान महाप्रलय के दिन हमारे साथ होगा” – (मुस्लिम)
आपने यह भी फरमायाः “जिसने बेटियों के प्रति किसी प्रकार का कष्ट उठाया और वह उनके साथ अच्छा व्यवहार करता रहा तो यह उसके लिए नरक से पर्दा बन जाएंगी” – (मुस्लिम)

बहन के रूप में सम्मानः

मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः “जिस किसी के पास तीन बेटियाँ हों अथवा तीन बहनें हों उनके साथ अच्छा व्यवहार किया तो वह स्वर्ग में प्रवेश करेगा” – (अहमद)

विधवा के रूप में सम्मानः

इस्लाम ने विधवा की भावनाओं का बड़ा ख्याल किया बल्कि उनकी देख भाल और उन पर खर्च करने का बड़ा पुण्य बताया है।
मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः ”विधवाओं और निर्धनों की देख-रेख करने वाला ऐसा है मानो वह हमेशा दिन में रोज़ा रख रहा और रात में इबादत कर रहा है।” – (बुखारी)

खाला के रूप में सम्मानः

इस्लाम ने खाला के रूप में भी महिलाओं को सम्मनित करते हुए उसे माता का पद दिया।
हज़रत बरा बिन आज़िब कहते हैं कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः
“खाला माता के समान है।” – (बुखारी)

और भी देखे :


Discover more from उम्मते नबी ﷺ हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.




WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

Comment

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *