हज़रत अस्मा (र.अ) के चेहरे और सर में वरम (सूजन) हो गया,
तो उन्होंने हजरत आयशा (र.अ) के जरिये आप (ﷺ) को इस की खबर दी। चुनान्चे हुजूर (ﷺ) उन के यहाँ तशरीफ़ ले गए और दर्द की जगह पर कपड़े के ऊपर से हाथ रख कर तीन मर्तबा यह दुआ फ़रमाई।
اللهم أذْهِبْ عَنْهَا سُولَهُ وَفَحْشَهُ بِدَعْوَةٍ بَيْكَ الطَّيِّبِ الْمُبَارَكَ الْمَكِينِ عِندَكَ ، بسم الله
फिर इर्शाद फ़र्माया : यह कह लिया करो, चुनांचे उन्हों ने तीन दिन तक यही अमल किया तो उन का वरम जाता रहा।