हज़रत जुबैर बिन अव्वाम (र.अ) भी उन खुशनसीब लोगों में हैं जिन को रसूलुल्लाह (ﷺ) ने दुनिया में ही है। जन्नत की खुशखबरी सुना दी थी। आप इस्लाम लाने वालों में चौथे या पाँचवे शख्स है। पंद्रह साल की उम्र में इस्लाम कबूल किया और हबशा और मदीना दोनो की हिजरत की। रसूलुल्लाह (ﷺ) ही के साथ तमाम गज़वात में शरीक रहे। गज़व-ए-खन्दक के मौके पर रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : कौन है जो दुशमन के लशकर की खबर लाए?
हज़रत जुबैर (र.अ) ने अर्ज़ किया के मै खबर लाऊँगा। इस पर रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : हर नबी के लिए हवारी होते हैं और मेरे हवारी जुबैर हैं। हज़रत अली ने फर्माया के मै ने रसूलुल्लाह (ﷺ) से सुना है के आप ने फर्माया : “तल्हा व जुबैर जन्नत में मेरे पड़ोसी होंगे।”
सन ३६ हिजरी में जंगे जमल के मौके पर इब्ने जुरमूज़ ने आप को शहीद कर दिया।
To be Continued …
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