“तुम पर मरा हुआ जानवर, खून और खिंजीर का गोश्त हराम कर दिया गया है और वह जानवर भी जिस पर (ज़िब्हा करते वक्त) अल्लाह के अलावा किसी दूसरे का नाम लिया गया हो।”
दुनियावी ज़िन्दगी की हक़ीक़त क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है - "तूम खूब जान लो के दुनियावी जिन्दगी (बचपन में) खेल कूद और (जवानी में) ज़ेब व ज़ीनत और बाहम एक दूसरे पर फ़ख्र करना और (बुढ़ापे में) माल व औलाद में एक दूसरे से अपने को ज़्यादा बताना है।" 📕 सूर-ए-हदीद 57:20
दुनिया की चीज़ों में गौर व फिक्र करना कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "इसी (बारिश के पानी के जरिये अल्लाह तआला तुम्हारे लिये खेती, जैतून, खजूर और अंगूर और हर किस्म के फल उगाता है, यकीनन इन चीजों में गौर व फिक्र करने वालों के लिये बड़ी निशानियां है।" 📕 सूरह नहल ११
छह चीजों की जमानत: जब बात करो तो सच बोलो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "तुम अपनी तरफ से मुझे छह चीजों की जमानत दे दो मैं तुम्हें जन्नत की जमानत देता हूँ। जब तुम बात करो तो सच बोलो, जब वादा करो तो पूरा करो, जब तुम्हारे पास अमानत रखी जाए तो अमानत अदा करो, अपनी शर्मगाहों की हिफाजत करो, अपनी आँखों को नीचे रखो और अपने हाथों को (जुल्म व सितम से) रोके रखो।" 📕 मुस्नदे अहमद : २२२५१, अन उबादा बिन सामित (र.अ)
सिर्फ दुनिया मांगने वाले को आख़िरत में कुछ नहीं मिलेगा क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है: "लोगों में से बाज़ ऐसे भी हैं जो कहते हैं, के ऐ हमारे परवरदिगार ! हम को (जो कुछ देना हो) दुनिया में ही दे दीजिये (तो उन को जो कुछ मिलना होगा वह दुनिया ही में मिल जाएगा) और ऐसे शख़्स को आख़िरत में कुछ न मिलेगा।" 📕 सूरह बकरह: 200
फिरौन का इबरतनाक अंजाम कुरआन के बयान के मुताबिक खुदाई का दावा करने वाले फिरऔन की नाफरमानी जब हद से बढ़ गई, तो अल्लाह तआला ने समन्दर में डुबा कर हलाक कर दिया और साथ ही यह ऐलान किया के उस की लाश को आने वाले लोगों के लिए इबरत बनाऊँगा। चुनान्चे मुहकिकीन की राए के मुताबिक फिरऔन की लाश सन १८८१ में समन्दर से मिली, जो तकरीबन तीन हजार एक सौ सोला साल बाद समंदर से निकाली गई और इतनी लम्बी मुद्दत गुजरने के बाद भी लाश को गलने सड़ने से महफूज रखा, जो आज भी मिस्र के म्यूजियम में मौजूद है, आखिर…
ज़ुल्म से बचो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "ज़ुल्म से बचो क्योंकि ज़ुल्म कयामत के दिन बेशुमार तारीकियों की शक़्ल इख़्तियार कर लेगा और बुख़्ल से भी बचो कि कन्जूसी ने उन लोगों को हलाक़ किया जो तुम से पहले थे। बुख्ल ने उन्हें एक दूसरे का खून बहाने पर उभारा और बुख्ल ही की वजह से वह हराम चीज़ों को हलाल समझने लगे।" 📕 मुस्लिम : 6576, अन जाबिर (र.अ)
नमाज़ी पर जहन्नम की आग हराम है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जो शख्स पाँचों नमाजों की इस तरह पाबंदी करे के वजू और औक़ात का एहतेमाम कर, और सज्दा अच्छी तरह करे और इस तरह नमाज पढने को अपने जिम्मे अल्लाह तआला का समझे, तो उस आदमी को जहन्नम की आग पर हराम कर दिया जाएगा।" 📕 मुस्नदे अहमद : १८८२
हराम माल से सदक़ा करने का गुनाह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "जब तू माल की ज़कात अदा कर दे, तो जो (वाजिब) हक़ तुझ पर था, वह तो अदा हो गया (आगे सिर्फ नवाफिल का दर्जा है) और जो शख्स हराम तरीके (सूद रिश्वत वगैरह) से माल जमा कर के सदका करे, उस को उस सदके का कोई सवाब नहीं मिलेगा, बल्के उस हराम कमाई का वबाल उस पर होगा।" 📕 इब्ने हिब्बान : ३२८५
अल्लाह तआला ने कलम को पैदा किया Highlights • अल्लाह तआला की सृष्टि: अल्लाह ने सबसे पहले क़लम को पैदा किया और उसे पूरी काइनात की तक़दीर लिखने का हुक्म दिया। • तक़दीर की तहरीर: क़लम ने क़यामत तक होने वाली तमाम घटनाओं को अल्लाह के हुक्म से पहले ही लिख दिया। • अल्लाह की अजीम कुदरत: अल्लाह ने मख्लूक़ की तक़दीर को ज़मीन और आसमान की पैदाइश से 50,000 साल पहले तय किया। अल्लाह तआला हमेशा से है और हमेशा रहेगा, हर चीज़ को अल्लाह तआला ही ने पैदा किया और एक दिन उसी के हुक्म से सारी काइनात खतम हो जाएगी। कुरअने पाक में अल्लाह…
आदमी दो चीज़ों को नापसंद करता है : मौत और माल की कमी से घबराना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “आदमी दो चीज़ों को नापसंद करता है, (हालांकि दोनों उस के लिए खैर है) एक मौत को, हालांकि मौत फ़ितनों से बचाव है, दूसरे माल की कमी को, हालांकि जितना माल कम होगा उतना ही हिसाब कम होगा।” 📕 मुस्नदे अहमदः २३११३
जमीन का अजीब फर्श अल्लाह तआला फर्माता है : "हम ने जमीन को फर्श बनाया और हम कैसे अच्छे बिछाने वाले हैं।" जरा गौर कीजिये, अल्लाह तआला ने ज़मीन का कैसा अच्छा बिस्तर बिछाया है जिस पर हम आराम करते हैं, इस बिस्तर के बगैर हमारे लिये रहना दुश्वार था। फिर हमारे लिये ज़िंदगी की तमाम जरुरियात खाने पीने, अनाज, ग़ल्ले और मेवे के लिये जमीन को ख़ज़ाना बनाया, फिर सदी, गर्मी से हिफाजत भी जमीन पर रह कर कर सकते हैं और बदबूदार चीजें और मुरदार जिन की बदबू से हम को सख्त तकलीफ होती है ऐसी चीजों को हम जमीन में दफन…
सूद से बचना कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "ऐ ईमान वालो! तुम कई गुना बढ़ा कर सूद मत खाया करो (क्योंकि सूद लेना मुतलकन हराम है) और अल्लाह तआला से डरते रहो ताके तुम कामयाब हो जाओ।" 📕 सूरह आले इमरान: १३० नोट: कम या जियादा सुद लेना देना, खाना, खिलाना नाजाइज और हराम है,कुरआन और हदीस में इस पर बडी सख्त सजा आई है,लिहाजा हर मुसलमान पर सुदी लेन देन से बचना जरूरी है।'
इस्लाम की बुनियाद 5 चीज़ों पर है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : इस्लाम की बुनियाद पांच चीज़ों पर है : (१) इस बात की गवाही देना के अल्लाह के अलावा कोई माबूद नहीं और मोहम्मद (ﷺ) अल्लाह के रसूल है। (२) नमाज़ अदा करना। (३) ज़कात देना। (४) हज करना। (५) रमज़ान के रोजे रखना। 📕 बुखारी: ८, अन इने उमर (र.अ)
MD. Salim Shaikh
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