मेअदे का निज़ाम ( Digestive System )
हमें इन्सानी जिस्म के अन्दर जो निज़ाम चल रहा है उस पर गौर करना चाहिये,
इन्सान जब लुकमा मुंह में डालता है वह मेअदे में पहुँचता है,
मेअदा उस को पकाता है, फिर उस गिजा का जो अच्छा हिस्सा होता है,
उस को बारीक रगों के रास्ते से जिगर तक पहुँचाता है।
फिर जिगर उस को खून में तब्दील करता है,
उस खून को बारीक रगों के रास्ते से पूरे जिस्म में बक्रदे जरूरत सप्लाई करता है,
और मेअदे में जो फासिद माद्दा होता है वह पेशाब व पाखाने के रास्ते से बाहर निकल जाता है।
तो हमे गौर करना चाहिए के अंदर का यह सारा निजाम कौन चला रहा है,
बिला शुबा वही अल्लाह वदहू लाशरीक है।
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