अल्लाह और आखिरत(महा प्रलय) के दिन पर ईमान रखने वाले इन बातो… ✦ हज़रत अबू हुरैरह रज़िअल्लाहु अन्हु रिवायत करते हैं कि नबी सलल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया “जो कोई भी अल्लाह और आखिरी दिन पर ईमान रखता है, वो दूसरों के साथ या तो भले तरीके से अच्छे अल्फाज़ मे बात करे, नहीं तो खामोश रहे, ! जो कोई भी अल्लाह और आखिरी दिन पर ईमान रखता है, वो अपने पड़ोसी के साथ मोहब्बत से पेश आए ! जो कोई भी अल्लाह और आखिरी दिन पर ईमान रखता है, वो अपने मेहमान की खातिर तवाज़ो किया करे.” - (सुनन अल बुखारी, 6018 ; सहीह मुस्लिम 47) ✦ हज़रत सह्ल इब्न सा'द…
कुरान में Orbits, Nebula aur Big Bang theory का ज़िक्र ❝ सूर्य चन्द्रमा को अपनी ओर खींच नहीं सकता और ना दिन, रात से आगे निकल सकता है. ये सब एक कक्षा (Orbit) में अपनी गति के साथ चल रहे है.❞ [अल-कुरान 36:40] • दिन के रात से आगे निकलने के शब्द देखिये, पृथ्वी से ऊंचाई पर जाकर देखा जाये तो इस दृश्य का इन्ही शब्दों में उल्लेख किया जा सकता है की दोनों एक दुसरे का पीछा कर रहे है. इसके अतरिक्त आयत में "यसबाहून" शब्द है जिसका अर्थ है की वो अपनी गति के साथ चल रहे हैं अर्थात आयत में बता दिया गया है की सूर्ये चन्द्रमा और…
जिसकी बुनियाद शरीयत मे नही ऐसा काम दीन मे ईजाद करना मरदूद है हजरते आयेशा (रज़ीअल्लाहु अन्हा) से रिवायत है की, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: “जिसने दीन मे कोई ऐसा काम किया जिसकी बुनियाद शरीअत में नहीं वो काम मरदूद है।” - (सुनन इब्न माजाह, हदीस 14) ✦ वजाहत: मसलन वो तमाम आमाल जिन्हे हम नेकी और सवाब की उम्मीद से करते है लेकिन जो सुन्नत से साबित न हो वो मरदूद है। यानि अल्लाह के नजदीक रद्द किया जाएगा रोज़े क़यामत। क्यूंकी ऐसे बिद्दत वाले आमाल करने से हम शरीयत पर, नबी-ए-करीम (ﷺ) की मुक़द्दस तालिमात पर और सहाबा की नबी से मोहब्बत पर वो इल्ज़ाम लगाते है के “उन्हे इस फलाह और फलाह नेकी…
9 जमादी-उल-अव्वल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा (1). औस और खजरज में मुहब्बत और यहूद की दुश्मनी, (2). जमीन का अजीब फर्श, (3). अच्छी तरह मुकम्मल वुजू कर के नमाज़ के लिये मस्जिद जाना, (4). दुआ के कलिमात को तीन बार कहना, (5). शर्म व हया ईमान का जुज़ है, (6). गुनाह से न रोकने का वबाल, (7). सब से बड़ा तक़वे वाला कौन है, (8). अहले ईमान का बदला, (9). नींद न आने का इलाज, (10). अल्लाह का सहारा मजबूती से पकड़ लो।
जो ATS ना कर सकी वो मीडिया ने कर दिखाया | आतंकवाद के इलज़ाम… सूत्रों के अनुसार पता चला के कल उत्तर प्रदेश के देवबंद से ६ मुसलमानो को आतंकी होने के शक में गिरफ्तार कर लिया गया, फिर पूरी तहकीक के बाद ATS ने उन्हें बाइज्ज़त बरी भी कर दिया,.. ऐसी मीडिया के लिए २१ तोपों की सलामी तो बनती है जो बेगुनाह लोगो की ज़िन्दगी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोडती, खैर हमे इस मीडिया से कोई भलाई की उम्मीद नही, गर इनका कोई इमान होता तो अपने मुल्क की खामिया टीवी पर चीख चीख कर बताने के बजाये मुल्क की तरक्की के प्रोग्राम्स चलाते ,.. ये लोग तो ब्रेकिंग न्यूज़…
K. S. Ramakrushna (Philosophy Prof) About Islam » NonMuslim View About Islam: प्रोफ़ेसर के॰ एस॰ रामाकृष्णा राव (अध्यक्ष, दर्शन-शास्त्र विभाग, राजकीय कन्या विद्यालय मैसूर, कर्नाटक) ‘‘पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल॰) की शिक्षाओं का ही यह व्यावहारिक गुण है, जिसने वैज्ञानिक प्रवृत्ति को जन्म दिया। इन्हीं शिक्षाओं ने नित्य के काम-काज और उन कामों को भी जो सांसारिक काम कहलाते हैं आदर और पवित्राता प्रदान की। क़ुरआन कहता है कि इन्सान को ख़ुदा की इबादत के लिए पैदा किया गया है, लेकिन ‘इबादत’ (पूजा) की उसकी अपनी अलग परिभाषा है। ख़ुदा की इबादत केवल पूजा-पाठ आदि तक सीमित नहीं, बल्कि हर वह कार्य जो अल्लाह के आदेशानुसार उसकी प्रसन्नता प्राप्त…
अकीदा क्या होता है ? और इसका महत्त्व 1- प्रश्नः वह कलमा जिसे बोलकर एक आदमी मुसलमान बनता है क्या है और उसका अर्थ क्या होता है ? उत्तरः वह कलमा जिसे बोलकर एक आदमी मुसलमान बनता है कलमा शहादत ( अश्हदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु व अश्हदु अन्न मोहम्मदन रसूलुल्लाह) है। जिसका अर्थ होता है में गवाही देता हूँ कि अल्लाह के अलावा और कोई सही इबादत (पूजा) के योग्य नहीं और मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के रसूल हैं। इस मे दो सवालों का जवाब दिया गया है इबादत किसकी? और इबादत किस प्रकार? इबादत किसकी, का जवाब कलमा शहादत के पहले…
जो भी अपने से छोटों पर रहम नहीं करता वो हम में से नहीं अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमायाः "जो भी अपने छोटे (युवाओं-बच्चों) पर रहम नहीं करता और जो बड़ों के हक अदा नहीं करता वो हम (मोमिनों) में से नहीं है।" [ मुसनद अहमद - 7033 ]
बनी इस्राईल पर अल्लाह का अज़ाब और उम्मते मुस्लिमा के लिए इबरत आज हम जिस हालात से गुजर रहे है आखिर क्या वजह है के हमारा रब हमसे नाराज़ है और ज़ालिम हुकुमराह हमपर मुसल्लत, आईये इसके ताल्लुक से हमसे पिछली उम्मत यानी बनी इस्राईल की हलाकत की मिसाल पर गौर करते है. बनी इस्राईल पर अल्लाह के अज़ाब का पहला वादा: बनी इस्राईल हमसे पहले अल्लाह की चुनिंदा कौम थी, अल्लाह ने इनमे अम्बिया (अलेही सलाम) भेजे , और इन्हें दीगर कौमो की इमामत का जिम्मा दिया, लेकिन इस कौम ने गुनाह और मासियत किये , रब को नाराज़ किया , शिर्क किया , दिन में बिद्दते इजाद किये और सबसे…
इस्लाम में औरत के इज़्ज़त की अहमियत इस्लाम के दिए हुए मानव-अधिकारों में अहम चीज़ यह है कि औरत के शील और उसकी इज़्ज़त हर हाल में आदर के योग्य है, चाहे औरत अपनी क़ौम की हो, या दुश्मन क़ौम की, जंगल बियाबान में मिले या फ़तह किए हुए शहर में, हमारी अपने मज़हब की हो या दूसरे मज़हब की, या उसका कोई भी मज़हब हो। मुसलमान किसी हाल में भी उस पर हाथ नहीं डाल सकता। उसके लिए बलात्कार (ज़िना) को हर हाल में हराम किया गया है चाहे यह कुकर्म किसी भी औरत से किया जाए। क़ुरआन के शब्द हैं: ‘‘ज़िना के क़रीब भी न…
Manfaat Ek hai is Qaum ki, Nuksaan bhi Ek : Dr. Allama Iqbal नफा एक है इस कौम का नुकसान भी एक सीरिया, बर्मा, पलेस्थिन और दुनीया के किसी भी कोने में कोई मुसलमान क़त्ल कर दिया जाता है तो कोई नहीं पूछता के वो किस फिरके का था, बरेलवी था, अहले हदीस या देओबंदी था। मसलक क्या था उसका ? कही फलाह और फलाह का मुरीद तो नहीं था? बल्कि सबने रोकर उनकी तकलीफ का इजहार किया। इसी तरह कोई मुसलमान साइंस में कोई महारत हासिल कर ले तो सबको ख़ुशी होती है। कोई भी उसके जमात और फिरके का खयाल नहीं करता। लेकिन जब इबादत का मसला आता है तो हम…
ईद का चाँद और हमारे हालात ... *शव्वाल रमजान के बाद अाने वाला महिना है। - इसकी पहली रात वह हाेती है, जिसमें ईद का चाँद दिखाई देता है । इसका पहला दिन ईदुल्फित्र हाेता है। शव्वाल कि पहली रात जिसे अााम तौर पर चाँद रात कहाँ जाता है। - यह रात रमजान के खतम हाेते ही शुरु हाेती है, अौर इस रात में जाे कुछ किया जाता है उसे देख कर पता चलता है कि जाे शयातीन रमजान में बाँध दिए गए थे, वह अपनी रिहाई का जश्न मना रहे हैं घर, गलियाँ, कूचे, अौर खास तौर से बाजार उनकी काररवाइयाें से भरे नजर अाते हैं।…
वो १३ बाते जिसकी वजह से अफ्रीकी फुटबॉलर "इमानुअल एडबेयर" ने… मशहूर अफ्रीकी फुटबॉलर इमानुअल एडबेयर का मानना है कि ईसाइयों की तुलना में आज मुसलमान ईसा मसीह की बातों को ज्यादा मानते हैं। ईसा मसीह को मानने का दावा करने वाले ईसाई उनकी शिक्षाओं से दूर है जबकि मुसलमानों की जिंदगी में ईसा मसीह की बातें देखने को मिल जाएंगी। इमानुअल नेे बताई वे तेरह बातें जिनकी वजह से उन्होंने इस्लाम अपनाया- 1: ईसा मसीह की शिक्षा थी कि ईश्वर एक ही है और सिर्फ वही इबादत और पूजा के लायक है।*बाइबिल में है- - "हे, इस्राइल, सुन, हमारा परमेश्वर सिर्फ एक ही है।" (व्यवस्थाविवरण-6: 4) - "यीशु ने उसे…
क़ुरआन मे मानव जीवन के लिये है - "समता, स्वतंत्रता,… "क़ुरआन ने मनुष्य के आध्यात्मिक, आर्थिक और राजकाजी जीवन को जिन मौलिक सिद्धांतों पर क़ायम करना चाहा है उनमें लोकतंत्र को बहुत ऊँची जगह दी गई है और समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व-भावना के स्वर्णिम सिद्धांतों को मानव जीवन की बुनियाद ठहराया गया है।" - विशम्भर नाथ पाण्डे भूतपूर्व राज्यपाल, उड़ीसा क़ुरआन ‘‘तौहीद’’ यानी एकेश्वरवाद को दुनिया की सबसे बड़ी सच्चाई बताता है। वह आदमी की ज़िन्दगी के हर पहलू की बुनियाद इसी सच्चाई पर क़ायम करता है। क़ुरआन का कहना है कि जब कुल सृष्टि का ईश्वर एक है तो लाज़मी तौर पर कुल मानव समाज भी उसी ईश्वर की एकता…
कुरान में इंसान के चंद्रमा पर पहुँचने का वर्णन .... ♥ "हे जिनों और इंसानों की टोलियों! अगर तुम समझते हो की आसमान और पृथ्वी के वियासो (Diameters) में से गुज़र कर पार निकल सकते हो तो ऐसा कर देखो अतिरिक्त बल के इस्तेमाल के बिना नहीं कर सकोगे. अब तुम अपने रब के किन-किन वरदानो को झूट्लाये जाओगे " - अल-कुरान: सूरह 55: आयात 33-34 शक्ति और वेग के नियमो पर आधारित उपकरणों की सहायता से एक दिन पृथ्वी और अन्य ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में से गुज़रना के सम्भव होगा, ये संकेत कुरान कर चूका था. उस काल में जो वाहन मौजूद थे उनके अतिरिक्त अन्य वाहनों की…