“हम ने जमीन को फर्श बनाया और हम कैसे अच्छे बिछाने वाले हैं।”
जरा गौर कीजिये, अल्लाह तआला ने ज़मीन का कैसा अच्छा बिस्तर बिछाया है जिस पर हम आराम करते हैं, इस बिस्तर के बगैर हमारे लिये रहना दुश्वार था। फिर हमारे लिये ज़िंदगी की तमाम जरुरियात खाने पीने, अनाज, ग़ल्ले और मेवे के लिये जमीन को ख़ज़ाना बनाया, फिर सदी, गर्मी से हिफाजत भी जमीन पर रह कर कर सकते हैं और बदबूदार चीजें और मुरदार जिन की बदबू से हम को सख्त तकलीफ होती है ऐसी चीजों को हम जमीन में दफन कर के खराब हवा के असर से महफूज हो जाते हैं, बिलाशुबा इतना लम्बा चौड़ा जमीन का बिस्तर उसी हकीमे मुतलक की कारीगरी है।
कंजूसी करने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "जो लोग अल्लाह तआला के अता करदा माल व दौलत को (खर्च करने में) बुख्ल (कंजूसी) करते हैं, वह बिल्कुल इस गुमान में ना रहें के (उनका यह बूख्ल करना) उनके लिये बेहतर है, बल्के वह उन के लिये बहुत बुरा है, कयामत के दिन उनके जमा करदा माल व दौलत को तौक बनाकर गले में पहना दिया जाएगा और आसमान व जमीन का मालिक अल्लाह तआला ही है और अल्लाह तआला तुम्हारे आमाल से बाखबर है।" 📕 सूरह आले इमरानः १८०
हवा में निज़ामे कुदरत हवा में अल्लाह का निजामे कुदरत देखो के उस ने हवा पर बादलों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की कैसी डयूटी लगा रखी है के वह बराबर बादलों को ऐसी जमीन पर ले जाकर बारिश बरसाती हैं, जहाँ की जमीन सूखी और पानी के लिये प्यासी हो। अगर अल्लाह तआला बादलों पर यह ज़िम्मेदारी न लगाता तो बादल पानी के बोझ से बोझल हो कर एक ही जगह पर ठहरे रहते और हमारे बाग़ात और खेतियाँ सूखे रह कर जाया हो जाते। यकीनन अल्लाह वह बड़ी अजीम जात है जिस का हुक्म बादलों पर भी से चलता…
आतिश फ़िशाँ (लावा, वालकेनो) आतिश फिशाँ वह आग है, जो ज़मीन के अन्दर की धातों को पिघला कर बाहर निकालती है, जब वह बाहर निकलती है, तो बेपनाह जानी माली नुकसान होता है, यही नहीं बल्के चिकना और चटयल मैदान बना देता है। दुनिया के तरक्क्रीयाफ्ता लोग आज तक इसकी रोकथाम के लिये न कोई मशीन, न कोई इंतेज़ाम और न कोई मालूमात खास हासिल कर सके, के कब निकलेगा, कितना निकलेगा, कहाँ से निकलेगा और कब तक निकलेगा। यह कौन है जो जमीन से आग का गोला निकालता है। यकीनन वह अल्लाह ही की जात है। 📕 अल्लाह की कुदरत
पहाड़ों में पानी का जखीरा पहाड़ों में भी अल्लाह तआला की अजीब व गरीब कुदरत कारफ़र्मा है, जब बारिश होती है तो पहाड़ों में पानी के जखीरे जमा हो जाते हैं, फिर थोड़ा थोड़ा कर के चश्मों, नहरों की शक्ल में पानी बहता है, इस तरह जमीन के दूर दराज के मक़ामात तक को सैराब करता है, बाज़ पहाड़ों पर बर्फ की शक्ल में पानी महफूज हो जाता है, जो सूरज की गरमी से बकद्रे जरूरत थोड़ा थोड़ा पिघल कर नदियों, नालों और नहरों में जाकर जमीन वगैरा को सैराब करता है और कहीं कहीं पहाड़ों पर बड़े बड़े हौज़ भी होते हैं, जिस में…
पूरी कायनात का मालिक कौन है ? अल्लाह तआला पूरी कायनात का रब है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “सुन लो ! अल्लाह तआला ही का काम है पैदा करना और हुक्म चलाना, वह बड़े कमालात वाला अल्लाह है, जो तमाम आलम का पर्वरदिगार है।” 📕 सूर-ए-आराफ़ : ५४ खुलासा: पूरी दुनिया का रब अल्लाह तआला के अलावा कोई नहीं है। लिहाजा हमारे लिए जरूरी है के हम उस पर ईमान लाएँ और उस का हुक्म मानें।
दाँतों की बनावट में अल्लाह की क़ुदरत दाँतों की बनावट पर गौर कीजिये के अल्लाह तआला ने ३२ टुकड़ों को कैसी हसीन व खूबसूरत लड़ी में पिरोया है और उस की जड़ों को नर्म हड्डी में किस खूबी के साथ पेवस्त किया है, यह दाँत एक तरफ जहाँ चेहरे की हुस्न व जीनत हैं। वहीं उन से हम चबाने, काटने, पीसने और तोड़ने का अहम काम भी कर लेते हैं और अल्लाह की अजीब कुदरत के उन को बत्तीस टुकड़ों में बनाया, एक ही सालिम हड्डी में उन को नहीं ढाला, वरना मुंह में बड़ी तकलीफ होती, इसी तरह अगर एक दाँत में कोई खराबी होती है,…
फसाद फैलाने की सज़ा कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: "जो लोग अल्लाह और उसके रसूल से लड़ते हैं, जमीन में फसाद करने की कोशिश करते हैं, ऐसे लोगों की बस यही सजा है के वह कत्ल कर दिये जाएं या सूली पर चढ़ा दिये जाएँ या उनके हाथ और पाँव मुखालिफ जानिब से काट दिये जाएं या वह मुल्क से बाहर निकाल दिये जाएँ। यह सजा उन के लिये दुनिया में सख्त रुसवाई (का जरिया) है और आखिरत में उनके लिये बहुत बड़ा अजाब है।" 📕 सूरह मायदा: ३३
ज़बान दिल की तर्जमान है : अल्लाह की कुदरत Highlights • ज़बान की नेअमत: अल्लाह तआला ने इंसान को ज़बान जैसी महत्वपूर्ण नेअमत अता की, जिसके द्वारा न सिर्फ स्वाद का एहसास होता है, बल्कि दिल की भावनाओं को भी व्यक्त किया जाता है।• दिल की तर्जमानी: दिल में उठने वाली भावनाओं को ज़बान शब्दों में बदल देती है, जो दिमाग और दिल की कड़ी मेहनत का परिणाम होती है।• कुदरत की कारीगरी: अल्लाह तआला ने दिल, दिमाग और ज़बान को इस तरह से जोड़ा है कि वे एक-दूसरे से समन्वित होकर कार्य करते हैं। अल्लाह तआला ने हम को ज़बान जैसी नेअमत अता फरमायी। उस के जरिये जहाँ…
हूर की खूबसूरती रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "अगर जन्नत की कोई औरत ज़मीन वालों की तरफ झाँक ले तो ज़मीन व आसमान के दर्मियान की तमाम चीज़ों को रौशन कर दे और उस को खुश्बू से भर दे और उसकी ओढ़नी दुनिया और तमाम चीज़ो से बेहतर है।" 📕 बुखारी: २७९६, अन अनस बिन मालिक रज़ि०
शहद का कारखाना Highlights • शहद की मक्खी का हुनर: शहद की मक्खी फूलों से रस जमा करके छत्तों में सुरक्षित करती है।• छत्तों का निर्माण: मक्खी के बनाए हुए छत्तों में छोटे-छोटे खाने होते हैं, जिनके कोने समान होते हैं।• फलों का रस जमा करना: मक्खी उन खानों में फलों का रस लाकर जमा करती है।• कुदरत का इन्तेज़ाम: शहद का निर्माण और उसके सुरक्षित जमा करने का तरीका अल्लाह की अद्भुत कुदरत है।• अल्लाह की कुदरत: यह शहद के उत्पादन की प्रक्रिया अल्लाह की महानता और बुद्धिमत्ता को दर्शाती है। अल्लाह तआला ने अपनी कुदरत से इन्सानों की खिदमत के लिए…
च्यूँटी अल्लाह की कुदरत का नमूना है च्यूटी भी अल्लाह की अजीब मखलूक है। इतने छोटे से जान्वर में अल्लाह तआला ने आँख नाक कान दिल व दिमाग हाथ पैर कितनी कारीगरी से बनाए। फिर इन को सोचने, समझने और सूंघने की बेपनाह सलाहियतों से नवाज़ा। वह एक मील की दूरी से मीठी चीज़ों का सूंघ कर पता लगा लेती है। च्यंटियों की सरदार को जब कोई चीज़ मिलती है, तो वह अपने मातहत तमाम च्यंटियो को बुलाती है।।और वह उस चीज़ को उठा कर अपने बिलों में ले जाती हैं। अगर किसी दाने के जमने का खतरा महसूस करती हैं, तो उस के टुकड़े कर देती हैं…
आँखों की हिफाजत मैं अल्लाह की कुदरत Highlights • आँखों की नेअमत: अल्लाह तआला ने हमें आँख जैसी अनमोल नेअमत अता की, जिससे हम दुनिया के हसीन दृश्य देख सकते हैं।• आँखों की हिफाजत: अल्लाह ने आँखों को स्वचालित सुरक्षा प्रदान की है, जिससे आँखों की पलकें खुद बखुद किसी भी हानिकारक चीज़ के संपर्क में आने पर बंद हो जाती हैं।• आँखों की सफाई: आँखों के खुलने और बंद होने से आँखों का मैल भी साफ हो जाता है, जो अल्लाह की कुदरत की एक और निशानी है। अल्लाह तआला ने दुनिया के हसीन तरीन मनाजिर देखने के लिये हमें जिस तरह आँख जैसी नेअमत अता…
कंगारु में अल्लाह की क़ुदरत कंगारु, खरगोश की हम शक्ल एक बड़ा जानवर है जो इन्सानी कद के बराबर होता है। उसके अगले पैर बहुत छोटे और पिछले पैर बहुत बड़े और मजबूत होते हैं, इस की दूम भी काफ़ी लंबी और मोटी होती है, यह अपनी दुम पर बैठ जाता है। अजीब बात यह है के इस के पेट पर एक थैली होती है, कंगारु का बच्चा पैदाइश के वक्त सिर्फ दो इंच का होता है जिस की आँख भी बंद रहती है। इसके बावजूद वह अपनी माँ के जिस्म के बालों को पकड़ कर सीधा उस थैली में पहुँच जाता है और वहा…
पहाड़ों में कुदरत का नमूना पहाड़ों में कुदरत का नमूना अल्लाह तआला ने ज़मीन पर बुलंद और ऊँचे ऊँचे पहाड बनाए, जिस की चोटियों बादलों से भी ऊपर तक पहुंची हुई होती है और फिर उन्हीं पहाड़ों से नदियां, समुंदर, दर्या, मील और मीठे मीठे पानी के ३ चश्मे जारी किये, जिस से तमाम मखलूक अपनी अपनी प्यास और जिन्दगी की जरूरियात पूरी करती है। पानी के यह बहते हुए चश्मे, मज़बूत और सख्त चट्टानों से जारी हो कर खुदा की अजीम कुदरत का नमूना दुनिया की निगाहों के सामने पेश कर रहे हैं। 📕 अल्लाह की कुदरत
नाक के बाल (अल्लाह की कुदरत) Highlights • नाक के बाल और म्यूकस का कार्य: ये हमारे शरीर की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो हवा में मौजूद गंदगी और बैक्टीरिया से बचाते हैं।• अल्लाह की कुदरत: अल्लाह की अद्भुत हिकमत से हमें मामूली सी चीजों के माध्यम से जीवन को सुरक्षित और स्वस्थ रखा गया है।• बेहतर शारीरिक सुरक्षा: इस प्रणाली की मदद से इन्सान नाक और फेफड़ों की बीमारियों से बचा रहता है। अल्लाह तआला ने हर छोटी बड़ी चीज को हिकमत व मसलेहत के साथ पैदा फ़र्माया है, इन्सान ऑक्सीजन के बगैर जिन्दा नहीं रह सकता, इस लिये अल्लाह तआला ने साँस…
MD. Salim Shaikh
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