“ऐ ईमान वालो ! जब तुम में से किसी को मौत आने लगेवसीय्यत के वक्त शहादत के लिये तूम (मुसलमानों) में से दो इन्साफ पसन्द आदमी गवाह होने चाहियेया फिर तुम्हारे अलावा दूसरी कौम के लोग गवाह होने चाहिये।जैसे तुम सफर में गए हो,फिर तुम्हें मौत का हादसा आ जाए।”
हारूत व मारूत हारूत व मारूत क़दीम ज़माने में शहरे बाबुल (Babylon) में रहने वाले यहुदियों के दर्मियान जादू बहुत ज़्यादा आम हो गया था वह लोग जादू के ज़रिये अजीब व ग़रीब कमालात दिखाते थे यहाँ तक कि बाज़ लोग जादू के ज़ोर पर नुबुव्वत का दावा करने लगते थे। अल्लाह तआला ने बाबुल शहर में हारूत व मारूत नामी फरिश्तों को भेजा ताकि लोगों को जादू की हक़ीक़त से आगाह कर सकें। चुनाचें लोग इबरत हासिल करने के बजाए दुनिया कमाने और दुसरों को नुक़सान पहुँचाने के लिये उन से जादू सीखने आते थे हलाकि दोनों फरिश्ते जादू सिखाने से पहले…
शिर्क करने वाले की मिसाल कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "तुम सिर्फ अल्लाह की तरफ मुतवज्जेह रहो, उस के साथ किसी को शरीक मत ठहराओ और जो शख्स अल्लाह के साथ शिर्क करता है, तो उसकी मिसाल ऐसी है जैसा के वह आसमान से गिर पड़ा हो, फिर परिन्दों ने उस की बोटियाँ नोच ली हों या हवा ने किसी दूर दराज मक़ाम पर ले जाकर उसे डाल दिया हो।" 📕 सूरह हज: ३१
क्या वह लोग नहीं देखते कि हर साल मुसीबत में मुबितला किए जाते हैं फिर भी ... हर साल मुसीबत में मुबितला किए जाते हैं - ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ " क्या वह लोग (इतना भी) नहीं देखते कि हर साल एक मरतबा या दो मरतबा बला (मुसीबत) में मुबितला किए जाते हैं फिर भी न तो ये लोग तौबा ही करते हैं और न नसीहत ही मानते हैं" 📕 Surah Taubah 9:126 अल्लाह पर इमांन के बारे में पढ़े अल्लाह कौन है – अल्लाह का परिचय और विशेषताएं इस्लाम क्या है - इस्लाम का सक्षिप्त परिचय इस्लाम से पहले क्या था ? क़यामत क्या है और क्यों आएगी?
जमीन में फसाद फैलाने का गुनाह क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है: "बिलाशुबाह लोग जो अल्लाह से पक्का अहद करने के बाद तोड़ डालते हैं और उन रिश्ते नातों को भी तोड़ डालते हैं जिन को अल्लाह ने जोड़े रखने का हुक़्म दिया है और ज़मीन में फसाद फैलाते फिरते हैं, तो ऐसे लोग बड़े ख़सारे (नुकसान उठाने) वाले हैं।" 📕 सूरह बकरह 2:27
गुनाहों की मगफिरत का वजीफा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "ज़मीन पर जो शख्स भी "La ilaha illallah, Wallahu Akbar, La Hawla Wala Quwwata Illa Billahil Aliyyil Azeem" पढ़ता है, तो उस के तमाम गुनाह माफ हो जाते हैं ख्वाह समन्दर के झाग के बराबर हों।" 📕 तिर्मिज़ी : ३४६०
जहन्नम का जोश कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "जब जहन्नम (क़यामत के झुटलाने वालों) को दूर से देखेगी, तो वह लोग (दूर ही से) उस का जोश व खरोश सुनेंगे और जब वह दोज़ख़ की किसी तंग जगह में हाथ पाँव जकड़ कर डाल दिये जाएंगे, तो वहाँ मौत ही मौत पुकारेंगे। (जैसा के मुसीबत में लोग मौत की तमन्ना करते हैं)।" 📕 सूर-ए-फुरकान : १२ ता १३
पसंद के मुताबिक हदिया देना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जो आदमी अपने मुसलमान भाई से किसी ऐसी चीज़ के साथ मुलाकात करे जिस से वह खुश होता हो, तो अल्लाह तआला उस को कयामत के दिन खुश कर देगा। 📕 तबरानी सगीर : ११७५ वजाहत: हदीस से मालूम हुआ के किसी दीनी भाई के यहाँ जाते वक़्त उस की पसंद के मुताबिक़ कोई चीज़ पेश करना चाहिये इस से अल्लाह की रजा व खुश्नूदी हासिल होती है।
शौहर की विरासत में बीवी का हिस्सा कुरआन में अल्लाह तअला फर्माता है : "उन औरतों के लिये तुम्हारे छोड़े हुए माल में चौथाई हिस्सा है, जब के तुम्हारी कोई औलाद न हो अगर तुम्हारी औलाद हो तो उन के लिये तुम्हारे छोड़े हुए माल में आठवाँ हिस्सा है (उन को यह हिस्सा) तुम्हारी वसिय्यत और कर्ज को अदा करने के बाद मिलेगा।" 📕 सूरह निसा: १२ फायदा : शौहर के इन्तेकाल के बाद अगर उस की कोई औलाद न हो, तो बीवी को शौहर के माल का चौथाई हिस्सा देना और अगर कोई औलाद हो, तो आठवाँ हिस्सा देना जरूरी है।
कुफ्र की सज़ा जहन्नम है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “जो लोग कुफ्र करते हैं तो अल्लाह तआला के मुकाबले में उन का माल और उन की औलाद कुछ काम नहीं आएगी और ऐसे लोग ही जहन्नम का इंधन होंगे।” 📕 सूरह आले इमरान : १०
नजर लगने से हिफाजत माशा अल्लाह की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “जिस शख्स ने कोई ऐसी चीज़ देखी जो उसे पसंद आ गई, फ़िर उस ने (माशा अल्लाह ! व लाहौल वला क़ूवता इल्लाह बिल्लाही) कह लिया, तो उस की नज़र से कोई नुक्सान नहीं पहुंचेगा।” 📕 कंजुल उम्मुल : १७६६६, अनस (र.अ) तर्जुमा : जो कुछ अल्लाह चाहता है [होता है] और अल्लाह के अलावा कोई ताकत नहीं है।
अक्लमंद लोग क़ुरआन से नसीहत हासिल करे अक्लमंद लोग क़ुरआन से नसीहत हासिल करे कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: "यह ( कुरआन ) एक बाबरकत किताब है, जिस को हम ने आप पर इस लिये नाजिल किया है के लोग उस की आयतों में गौर व फिक्र करें और अक्लमंद लोग उस से नसीहत हासिल करे। 📕 सूरह साद : २९
पाक दामन औरतों पर तोहमत लगाने का गुनाह क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है - "जो लोग पाक दामन औरतों पर (ज़िना की) तोहमत लगाते हैं, फिर अपने दावे पर चार गवाह न ला सकें, तो ऐसे लोगों को अस्सी कोड़े लगाओ और आइन्दा कभी उन की गवाही कबूल न करो और यह लोग (सख्त) गुनहगार हैं, मगर जो लोग इस तोहमत के बाद तौबा कर लें और अपनी इस्लाह कर लें, तो बेशक अल्लाह तआला बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है।" 📕 सूरह नूर : ४ ता ५
अपनी जानों पर जुल्म ना करो: कुरआन अपनी जानों पर ज़ुल्म न करो: अल्लाह ताला ज़ुल्म से बचने के बारे में इरशाद फरमाता है: और अपने आप को क़त्ल न करो। और जो शख्स जोरो ज़ुल्म से नाहक़ ऐसा करेगा (ख़ुदकुशी करेगा) तो (याद रहे कि) हम बहुत जल्द उसको जहन्नुम की आग में झोंक देंगे यह ख़ुदा के लिये आसान है। सूरह निसा 4:29-30 और अल्लाह की राह में ख़र्च करो और अपने हाथ जान हलाकत मे न डालो और नेकी करो बेशक अल्लाह नेकी करने वालों को दोस्त रखता है। सूरह बकराह 2:195 अल्लाह ने ज़ुल्म को हराम कर दिया: (ऐ रसूल) तुम साफ कह…
अगर ईमान के मुकाबले में कुफ्र पसंद करते हों तो! अगर ईमान के मुकाबले में कुफ्र पसंद करते हों तो! कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “ऐ इमान वालो ! तुम्हारे बाप और भाई अगर ईमान के मुकाबले में कुफ्र पसंद करते हों, तो तुम उनको अपना दोस्त न बनाओ और तुम में से जो शख्स उनसे दोस्ती करेगा, तो वही जुल्म करने वाले होंगे।” 📕 सूर-ए-तौबा : ३२
गुनहगारों के साथ क़ब्र का सुलूक रसलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जब गुनहगार या काफ़िर बन्दे को दफ़्न किया जाता है, तो कब्र उससे कहती है : तेरा आना ना मुबारक हो, मेरी पीठ पर चलने वालों में तुम मुझे सब से जियादा ना पसंद थे, जब तुम मेरे हवाले कर दिए गए और मेरे पास आ गए, तो तुम आज मेरी बद सुलूकी देखोगे, फिर कब्र उस को दबाती है और उस पर मुसल्लत हो जाती है, तो उसकी पसलियों एक दूसरे में घुस जाती हैं।" 📕 तिर्मिज़ी : २४६०, अन अबी सईद (र.अ)
MD. Salim Shaikh
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