यतीमों का माल खाने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "यतीमों के माल उन को देते रहा करो और पाक माल को नापाक माल से न बदलो और उन का माल अपने मालों के साथ मिला कर मत खाओ ऐसा करना यकीनन बहुत बड़ा गुनाह है।" 📕 सूरह निसा : २
हराम माल से सदक़ा करने का गुनाह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "जब तू माल की ज़कात अदा कर दे, तो जो (वाजिब) हक़ तुझ पर था, वह तो अदा हो गया (आगे सिर्फ नवाफिल का दर्जा है) और जो शख्स हराम तरीके (सूद रिश्वत वगैरह) से माल जमा कर के सदका करे, उस को उस सदके का…
सबसे ज्यादा आज़माइश किन लोगों की हुई? हदीसे नबवी ﷺ सबसे ज्यादा आज़माइश किन लोगों की हुई? हज़रत मुसब बिन साद रज़िअल्लाहु अन्हु फरमाते हैं के, मैंने रसूलल्लाह ﷺ से दरियाफ्त किया: या रसूलल्लाह! सब से ज्यादा आजमाइश में किन लोगों को डाला जाता है? आप ﷺ ने इरशाद फरमाया: “अंबिया अलैहि सलाम को, फिर उसे जो…
दुनिया छूटने वाली है जब की "बन्दा कहता है… रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: “बन्दा कहता है मेरा माल मेरा माल, हालांकि उस के लिए उस के माल में से तीन चीजें हैं: (१) वह जो खा कर खत्म कर दिया, (२) जो पहेन कर पुराना कर दिया, (३) वह जो (सदका) देकर (आखिरत के लिए) ज़खीराह कर लिया। और…
इस्लाम कैसा इन्सान बनाता हैं? ..... इन्सान को अच्छा इन्सान बनाने की इस्लाम से बेहतर दूसरी कोर्इ व्यवस्था नही। इस्लाम मनुष्य को उसका सही स्थान बताता हैं, उसकी महानता का रहस्य उस पर खोलता हैं उसका दायित्व उसे याद दिलाता हैं और उसकी चेतना को जगाता हैं उसे याद दिलाता हैं कि उसे एक उद्देश्य के…
शहीद कौन कौन लोग हैं रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "पाँच लोग शहीद हैं। ताऊन में मरने वाला, पेट की बीमारी में मरने वाला, डूब कर मरने वाला, दीवार वग़ैरा के गिरने से मरने वाला और राहे ख़ुदा में कत्ल होने वाला।" 📕 बुखारी: ६५३ अन अबी हुरैरा (र.अ)
ग़ज़वा-ए-उहुद में मुसलमानों की आज़माइश जंग-ए-उहुद में मुसलमानों की आज़माइश ग़ज़वा-ए-उहुद में मुसलमानों ने बड़ी बहादुरी से मुशरिकीने मक्का का मुकाबला किया, जिस में पहले फतह हुई, मगर बाद में एक चूक की वजह से नाकामी का सामना करना पड़ा। जंग शुरू होने से पहले रसूलुल्लाह (ﷺ) ने पचास तीरअन्दाजों की एक जमात को पहाड़…
माल व औलाद दुनिया के लिए ज़ीनत कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “माल और औलाद यह सिर्फ दुनिया की जिंदगी की एक रौनक है और (जो) नेक आमाल हमेशा बाकी रहने वाले हैं, वह आप के रब के नज़दीक सवाब और बदले के एतेबार से भी बेहतर हैं और उम्मीद के एतेबार से भी बेहतर…
सिफारिश पर बतौरे हदिया माल लेना एक गुनाह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “किसी ने अपने (मुसलमान) भाई की किसी चीज़ में सिफारिश की और सिफारिश करने पर सामने वाले ने उस को कोई चीज बतौरे हदिया पेश की और उस ने कुबूल कर ली, तो वह सूद के बहुत बड़े दरवाजे पर आ पहुँचा।” 📕 अबू दाऊद:…