नॉन-मुस्लिम भाइयो द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले कुछ सुनहरे जुमले .... अक्सर देखा जाता है की कई गैर-मुस्लिम मुस्लिमो द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले आम शब्द जैसे माशाअल्लाह, सुभानल्लाह, इंशाल्लाह इत्यादि का मतलब नहीं पता होता. नीचे इनका मतलब और इन्हें कहाँ इस्तेमाल किया जाता है इसकी जानकारी दी गयी है. अगर कोई शब्द ऐसा है जो यहाँ न लिखा हो लेकिन आप उसका मतलब जानना चाहते हों तो वेबसाइट के फीडबैक या इस पोस्ट के कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। 1. बिस्मिल्लाही रहमानीर्रहीम (Bismillah-Hirrahman-Nirrahim): » अल्लाह के नाम से शुरू जो बड़ा कृपालु और अत्यन्त दयावान हैं. 2. अस्सलामो अलैकुम (Asalamo Alaikum): » यह मुस्लिमो का सबसे आम अभिवादन…
ईसा (अलैहिस्सलाम) के जीवन की कुछ झलकियां ... Isa (Alaihay Salam) (ईसा : उन पर अल्लाह की शान्ती हो) को अल्लाह ने कुरआन मजीद में जो स्थान दिया है जो आदर-सम्मान दिया है, बिल्कुल वह इसके अधिकार तथा ह़कदार हैं और इस बात की पुष्टि बाइबल भी करता है परन्तु सेकड़ो बाइबल का वजूद बाइबल (Bible) के असुरक्षित होने पर प्रमाणित करता है। लोगों ने अपने स्वाद के लिए पवित्र बाइबल में विभिन्न कालों में परिवर्तन करते रहे। जिस के कारण बाइबल की संख्याँ बढ़ती गई। बाइबल के असुरक्षित होन की बात को ईसाई विद्धवान भी मानते है और पवित्र कुरआन के सुरक्षित होने को भी मानते हैं…
अकीदा क्या होता है ? और इसका महत्त्व 1- प्रश्नः वह कलमा जिसे बोलकर एक आदमी मुसलमान बनता है क्या है और उसका अर्थ क्या होता है ? उत्तरः वह कलमा जिसे बोलकर एक आदमी मुसलमान बनता है कलमा शहादत ( अश्हदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु व अश्हदु अन्न मोहम्मदन रसूलुल्लाह) है। जिसका अर्थ होता है में गवाही देता हूँ कि अल्लाह के अलावा और कोई सही इबादत (पूजा) के योग्य नहीं और मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के रसूल हैं। इस मे दो सवालों का जवाब दिया गया है इबादत किसकी? और इबादत किस प्रकार? इबादत किसकी, का जवाब कलमा शहादत के पहले…
क़ुरआन में माता-पिता और सन्तान से संबंधित शिक्षाएं ♥ क़ुरआन (17:23,24)तुम्हारे रब ने फै़सला कर दिया है कि तुम लोग किसी की बन्दगी न करो मगर सिर्फ़ उस (यानी अल्लाह) की, और माता-पिता के साथ अच्छे से अच्छा व्यवहार करो। अगर उनमें से कोई एक या दोनों तुम्हारे सामने बुढ़ापे को पहुंच जाएं तो उन्हें (गु़स्सा या झुंझलाहट से) ‘ऊंह’ तक भी न कहो, न उन्हें झिड़को, बल्कि उनसे शिष्टतापूर्वक बात करो। और उनके आगे दयालुता व नम्रता की भुजाएं बिछाए रखो, और दुआ किया करो कि ‘‘मेरे रब जिस तरह से उन्होंने मुझे बचपने में (दयालुता व ममता के साथ) पाला-पोसा है, तू भी उन पर दया…
आत्म-हत्या की बढ़ती हुई मानसिकता और उसका समाधान .... आत्म हत्या की बढ़ती हुई मानसिकता और उसका समाधान इस समय दुर्भाग्य से पूरी दुनिया में आत्म-हत्या का रुजहान बढ़ता जा रहा है। पश्चिमी देशों में सामाजिक व्यवस्था के बिखराव के कारण समय से आत्म-हत्या की बीमारी प्रचलिम है। भारत सरकार की तत्कालिन रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर एक घंटे में आत्म-हत्या की पंद्रह घटनाएं पेश आती हैं।खेद की बात यह है कि आत्म-हत्या की इन घटनाओं में एक अच्छी खासी संख्या पढ़े लिखे और उच्च शिक्षित युवकों की है । सप्ताह में चार पाँच दिन दैनिक अख़बारों में ऐसी ख़बरें मिल ही जाती हैं जिनमें महिलाओं की आत्म-हत्या…
मुस्लिम औरत | दुनिया की सबसे बेहतरीन पूंजी इस पोस्ट में हम मुस्लिम औरत की पहचान और खूबियाँ, उसकी जिम्मेदारियां, और उसको मिलने वाले हुकूक, उसकी नादानियों और शर्र की वजह से होने वाले हश्र पर गौर करेंगे। मुस्लिम ख़्वातीन से मुताअ़ल्लिक़ मोअ्तबर अह़ादीस़ का एक मुख़्तसर मजूमुआ औरत / माँ की रह़मत उमर बिन ख़त्ताब रजिअल्लाहु अ़न्हु फ़रमाते हैं कि वो अल्लाह के नबी ﷺ के पास कुछ क़ैदी ले कर आए। उन कैदियों में एक औ़रत भी थी जो (अपने) बच्चे को तलाश कर रही थी। जब उसे कोई बच्चा मिलता उसे अपने सीने से लगा लेती और दूध पिलाती। ये मंज़र देख कर अल्लाह के…
हदीस क्या है ? हदिस का परिचय और हदीस पर अमल की जरुरत हदीस क्या है - हदिस का परिचय ? पवित्र क़ुरआन के बाद मुसलमानों के पास इस्लाम का दूसरा शास्त्र अल्लाह के रसूल मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की कथनी और करनी है जिसे हम हदीस और सीरत के नाम से जानते हैं। हदिस की परिभाषाः हदीस का शाब्दिक अर्थ है: बात, वाणी और ख़बर। इस्लामी परिभाषा में ‘हदीस’ मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की कथनी, करनी तथा उस कार्य को कहते हैं जो आप से समक्ष किया गया परन्तु आपने उसका इनकार न किया। अर्थात् 40 वर्ष की उम्र में अल्लाह की ओर से सन्देष्टा (नबी, रसूल) नियुक्त किए जाने…
इस्लामी इतिहास | Islamic history in Hindi इस्लामी इतिहास | Islamic history in Hindi इस्लामी इतिहास हिंदी में - पैगंबर मुहम्मद (स.) का जीवन, महत्वपूर्ण घटनाएँ, और इस्लामी संस्कृति। विस्तृत लेख, तथ्यों और शिक्षाओं के लिए उम्मत-ए-नबी.कॉम पर जाएँ। विश्वसनीय जानकारी और गहन अध्ययन! अल्लाह तआला ने कलम को पैदा किया जमीन व आसमान की पैदाइश फरिश्ते अल्लाह की मख्लूक हैं जिन्नात की पैदाइश हज़रत आदम (अ.स) हज़रत आदम का दुनिया में आना काबील और हाबील हज़रत शीस (अ.स) हजरत इदरीस (अ.स) हज़रत इदरीस (अ.स) की दावत हज़रत नूह (अ.स) हज़रत नूह (अ.स) की दावत कौमे नूह (अ.स) पर अल्लाह का अजाब कौमे आद हज़रत हूद (अ.स)…
इस्लाम कैसा इन्सान बनाता हैं? ..... इन्सान को अच्छा इन्सान बनाने की इस्लाम से बेहतर दूसरी कोर्इ व्यवस्था नही। इस्लाम मनुष्य को उसका सही स्थान बताता हैं, उसकी महानता का रहस्य उस पर खोलता हैं उसका दायित्व उसे याद दिलाता हैं और उसकी चेतना को जगाता हैं उसे याद दिलाता हैं कि उसे एक उद्देश्य के साथ पैदा किया गया हैं, निरर्थक नही। इस संसार का जीवन मौजमस्ती के लिये नही हैं। हमे अपने हर काम का हिसाब अपने मालिक को देना हैं। यहां हर काम खूब सोच-समझ कर करना हैं कि यहां हमारे कामो से समाज सुगन्धित भी हो सकता हैं ,..और हमारे दुष्कर्मो से…
141+ हदीस की अच्छी-अच्छी बातें | पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब (ﷺ) की शिक्षाओं की एक झलक हदीस की अच्छी-अच्छी बातें अल्लाह के आखरी पैगंबर मुहम्मद साहब (ﷺ) की शिक्षाओं की एक झलक हिंदी में। हदीस की अच्छी-अच्छी बातें संसार के विषय में | Best Islamic Quotes 1-10 1. समस्त संसार को बनाने वाला एक ही मालिक अल्लाह हैं। वह निहायत मेहरबान और रहम करने वाला है। उसी की ईबादत (पूजा) करो और उसी का हुक्म मानो। 2. मैं अल्लाह की ओर से संसार का मार्गदर्शक नियुक्त किया गया हूॅ। मार्ग दर्शन का कोई बदला तुमसे नही चाहता। मेरी बातें सुनों और मेरी आज्ञा का पालन करो। 3. अल्लाह ने इन्सान पर अनगिनत उपकार किए हैं। धरती…
औलिया अल्लाह | Allah ke wali (Aulia Allah) ki Pehchan aur Sifat औलिया अल्लाह Aulia Allah (Allah ke Wali) ki Pehchan aur Sifat बिस्मिल्लाहि र्रहमानि र्रहीम शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और बहुत रहम वाला है। सब तअरीफें अल्लाह तआला के लिए हैं। हम उसी का शुक्र अदा करते हैं और उसी से मदद और माफी चाहते हैं। अल्लाह की ला तादाद सलामती, रहमतें और बरकतें नाजिल हो मुहम्मद सल्ल. पर, आप की आल व औलाद और असहाब रजि पर। व बअद! वली का मतलब वलायत अदावत की जिद है। वलायत मुहब्बत और कुर्ब को कहा जाता है और अदावत गुस्से और दूरी को। यानि वलायत के मआनी दोस्ती के…
दहेज़ की हक़ीकत और दहेज प्रथा के दुष्प्रभाव (Reality of Dowry) ये वो विषय है जिस पर अगर तफसील से लिखा जाए तो रुकना मुश्किल है। बहरहाल फिर भी हम इस पर दहेज़ के ताल्लुक से कुछ अहम बात करने की कोशिश करेंगे। • सबसे पहली बात अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त नें क़ुरआन में फरमाया: “मर्द औरतों पर क़व्वाम हैं इसलिए कि अल्लाह तआला नें उनमें से एक को दूसरे पर फज़ीलत दी और इसलिए कि मर्द अपना माल खर्च करते हैं ” [अल-क़ुरआन; 4:34] *तो कमाने की जिम्मेदारी अल्लाह नें मर्द को दि है। लेकिन आज फिर भी देखा जाता है के बोहोत से मर्द अपनी मर्दानगी दांव पर लगाकर ससुराल…