ताइफ के सरदारों को इस्लाम

सन १० नबवी में अबू तालिब के इंतकाल के बाद कुफ्फारे मक्का ने हुजूर (ﷺ) को बहुत जियादा सताना शुरू कर दिया, तो अहले मक्का से मायूस हो कर आप (ﷺ) इस खयाल से ताइफ तशरीफ ले गए के अगर ताइफ वालों ने इस्लाम कबूल कर लिया, तो वहाँ इस्लाम के फैलने की बुनियाद पड जाएगी।

ताइफ में बनु सकीफ का खानदान सबसे बड़ा था, उन के सरदार अब्द या लैल, मसऊद और हबीब थे। यह तीनों भाई थे, रसूलुल्लाह (ﷺ) ने इन तीनों को इस्लाम की दावत दी। इन में से एक ने कहा: “अच्छा! अल्लाह ने आप ही को नबी बना कर भेजा है।” दूसरा बोला: “अल्लाह को तुम्हारे सिवा और कोई मिलता ही न था, जिसको नबी बना कर भेजता।”

तीसरे ने कहा : “मैं तुझ से बात नहीं करना चाहता, इस लिये के अगर तू सच्चा रसूल है, तो तेरा इन्कार करना खतरे से खाली नहीं है और अगर झूटा है तो मैं गुफ़्तगू के काबिल नहीं !” इन सरदारों की इस सख्त गुफ्तगू के बाद भी आप कई रोज तक लोगों को इस्लाम की दावत देते रहे।




WhatsApp Channel Join Now

Comment

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *