ईसा (अलैहिस्सलाम) के जीवन की कुछ झलकियां ... Isa (Alaihay Salam) (ईसा : उन पर अल्लाह की शान्ती हो) को अल्लाह ने कुरआन मजीद में जो स्थान दिया है जो आदर-सम्मान दिया है, बिल्कुल वह इसके अधिकार तथा ह़कदार हैं और इस बात की पुष्टि बाइबल भी करता…
पवित्र क़ुरआन और अंतरिक्ष विज्ञान… - जब से इस पृथ्वी ग्रह पर मानवजाति का जन्म हुआ है, तब से मनुष्य ने हमेशा यह समझने की कोशिश की है कि प्राकृतिक व्यवस्था कैसे काम करती है, रचनाओं और प्राणियों के ताने-बाने में इसका अपना क्या स्थान…
इस्लाम की मूल आस्थाये: तौहिद, रिसालत और आखिरत इस्लाम की मुल आस्थाये ३ है , जिन्हें मानना सम्पूर्ण मानवजाति के लिए अनिर्वाय (Compulsory) है | तौहिद – एकेश्वरवाद (एक इश्वर में आस्था रखना) रिसालत – प्रेशित्वाद (इशदुत, नबी, Messengers) आखिरत – परलोकवाद (मृत्यु के बाद का जीवन) पहली…
रिसालत - इस्लाम की दूसरी अनिर्वाय आस्था *रिसालत का अर्थ होता है के जब अल्लाह ने पृथ्वी पर मानवो को भेजा तो मानव क्या करे और क्या ना करे , कैसे जीवन व्यक्त करे इसके मार्गदर्शन के लिए इश्वर(अल्लाह) मानवो में से एक मानव को चुन लेता…
शबे मेराज का वाकिया | Shab e Meraj ka waqia शबे मेराज का वाकिया | Shab e Meraj ka waqia in Hindi मेराज की घटना नबी (सल्ललाहो अलैहि वसल्लम) का एक महान चमत्कार है, और इस में आप (सल्ललाहो अलैहि वसल्लम) को अल्लाह ने विभिन्न निशानियों का जो अनुभव कराया…
पशुओं और परिंदों का समाजी जीवन ... *पवित्र क़ुरआन और जीव विज्ञान (Holy Quran & Biology) ♥ अल-क़ुरआन: "धरती पर चलने वाले किसी पशु और हवा में परों से उड़ने वाले किसी परिंदे को देख लो यह सब तुम्हारे ही जैसी नस्लें हैं और हम ने उनका…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 26 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 26 पेज: 216 सफर ए हिजरत के मुख्तलिफ वाक़ियात हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम सुराका को अमाननामा दिला कर रवाना हुए। दोपहर का वक्त था, इसलिए धूप में तेजी भी थी और हवा…
दुनिया में इतने धर्म कैसे बने ? दुनिया में इतने धर्म कैसे बने ? (इसे पढने में आपके 2 मिनट ज़रूर लगेगे लेकिन इंशाअल्लाह “आपको बहुत सारी बातें स्पष्ट” हो जाएँगी) ईश्वर द्वारा एक ही मानव से सारे संसार की रचना: मानव इतिहास का अध्ययन करने से…
भूत, प्रेत, बदरूह की हकीकत भूत, प्रेत, बदरूह: ये नाम अकसर इन्सानी ज़हन मे आते ही एक डरावनी और खबायिसी शख्सियत ज़ेहन मे आती हैं क्योकि मौजूदा मिडिया ने इन्सान को इस कदर गुमराह कर रखा हैं के जो नही हैं उसको इतनी खूबसूरती के…