
Highlights
• समुंदर का पानी: किनारे की ओर चढ़ता और उतरता है, लेकिन इसकी एक तय सीमा होती है।
• सीमा का उल्लंघन: यदि समुंदर अपनी सीमा पार कर ले, तो भारी जानी और माली नुक्सान हो सकता है।
• पृथ्वी का संतुलन: दुनिया का तीन-चौथाई हिस्सा पानी और एक-चौथाई हिस्सा खुश्की है।
• अल्लाह की कुदरत: समुंदरों को उनकी सीमाओं में रोकना अल्लाह की अद्भुत शक्ति है।
• जीवन का संतुलन: यह व्यवस्था धरती पर जीवन की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करती है।
अल्लाह की कुदरत : समुन्दर का उतरना चढ़ना
समुन्दर के किनारे अगर आप जाएँ तो देखेंगे के समुन्दर का पानी किनारे की तरफ़ कभी चढ़ जाता है और कभी उतर जाता है, लेकिन उस के चढने की एक हद होती है; अगर वह उस हद को पार कर जाए तो ज़बरदस्त जानी व माली नुक्सान हो जाए, क्योंकि दुनिया का तीन हिस्सा पानी और एक हिस्सा खुश्की है।
यह अल्लाह तआला की जबर्दस्त कुदरत है जिसने समुन्दरों को उनकी हदों में रोक रखा है।