“क़यामत में सब से पहले नमाज़ का हिसाब लिया जाएगा, अगर वह अच्छी और पूरी निकल आई तो बाकी आमाल भी पूरे उतरेंगे और अगर वह खराब हो गई, तो बाक़ी आमाल भी खराब निकलेंगे।”
कयामत में तीन किस्म के लोग रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "कयामत के दिन जहन्नम से एक गर्दन निकलेगी, जिस की दो देखने वाली औंखें, दो सुनने वाले कान और एक बोलने वाली जुबान होगी, वह कहेगी: तीन किस्म के लोग मेरे सुपुर्द किए गए हैं: (१) हर मगरूर हक जान कर रुगरदानी करने वाला।, (२) अल्लाह के साथ किसी और को खुदा समझ कर पुकारने वाला।, (३) तस्वीर बनाने वाला।" 📕 शोअबुल ईमान: ६०८४, अन अबी हुरैरह (र.अ)
गुनहगारों के लिये जहन्नम की आग है कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "(अल्लाह का अज़ाब उस दिन होगा) जिस दिन आसमान थर थर काँपने लगेगा और पहाड़ अपनी जगह से चल पड़ेंगे। उस दिन झुटलाने वालों के लिये बड़ी खराबी होगी, जो बेहूदा मशगले में लगे रहते हैं, उस दिन उन को जहन्नम की आग की तरफ धक्के मार कर धकेला जाएगा (और कहा जाएगा) यही वह आग है जिस को तुम झुटलाया करते थे।" 📕 सूरह तूर : ९ ता १४
रोज़े आख़िरत (क़यामत के दिन) हर अमल का बदला मिल जायेगा क़ुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है : "जो शख्स क़यामत के दिन नेकी लेकर हाज़िर होगा, तो उस को उस नेकी से बेहतर बदला मिलेगा और जो शख़्स बदी ले कर हाज़िर होगा, तो ऐसे बुरे आमाल वालों को सिर्फ उनके कामों की सज़ा दी जाएगी।" 📕 सूरह क़सस: 84
आदमी दो चीज़ों को नापसंद करता है : मौत और माल की कमी से घबराना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “आदमी दो चीज़ों को नापसंद करता है, (हालांकि दोनों उस के लिए खैर है) एक मौत को, हालांकि मौत फ़ितनों से बचाव है, दूसरे माल की कमी को, हालांकि जितना माल कम होगा उतना ही हिसाब कम होगा।” 📕 मुस्नदे अहमदः २३११३
कयामत के दिन के सवालात अब्दुल्लाह बिन मसऊद (र.अ) से रिवायत है के,रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "इन्सान के क़दम कयामत के दिन अल्लाह के सामने से उस वक़्त तक नहीं हटेंगे जब तक उस से पाँच चीज़ो के बारे में सवाल न कर लिया जाए। (1) उसकी उम्र के बारे में कि उसको कहाँ खत्म किया। (2) उसकी जवानी के बारे में के उसको कहाँ ख़र्च किया। (3) माल कहाँ से कमाया (4) कहाँ खर्च किया। (5) इल्म के मुताबिक़ क्या-क्या अमल किया। 📕 तिर्मिजी, हदीस: 2416
जानवरों की जकात अदा ना करने का अंजाम रसूलुल्लाह (ﷺ) ने कसम खा कर फर्माया : "जिस के पास ऊंट, गाय या बकरा हो और वह उस का हक़ अदा न करता हो, तो क़यामत के दिन उन जान्वरों में से सबसे बड़े और मोटे को लाया जाएगा, जो अपनी खुरों से उस को रौंदेगा और सींग मारेगा,जब जब भी आखरी जानवर गुज़र जाएगा, तो पहेले जानवर को लाया जाएगा, ( यह सिलसिला उस वक्त तक चलता रहेगा), जब तक के लोगों का हिसाब (न) हो जाए।" 📕 बुखारी, हदीस: १४६०, अन अबी जर (र.अ) वजाहत: जिस तरह सोने, चांदी, और दूसरी चीज़ों में ज़कात फ़र्ज है. इसी तरह जान्वरों…
क़यामत के दिन लोगों की हालत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "क़यामत के रोज़ सूरज एक मील के फासले पर होगा और उसकी गर्मी में भी इज़ाफा कर दिया जाएगा, जिस की वजह से लोगों की खोपड़ियों में दिमाग़ इस तरह उबल रहा होगा जिस तरह हाँड़ियाँ जोश मारती हैं, लोग अपने गुनाहों के बक़द्र पसीने में डूबे हुए होंगे, बाज टखनों तक, बाज़ पिंडलियों तक, बाज कमर तक और बाज़ के मुंह में लगाम की तरह होगा।" 📕 मुस्नदे अहमद : २१६८२
किसी मुसलमान की ग़ीबत और बेइज्जती की सजा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: "जिस ने किसी मुसलमान (की गीबत की और उस की ग़ीबत) के बदले में एक लुक्मा भी खाया, तो कयामत के दिन अल्लाह तआला उस को एक लुक्मा जहन्नम से खिलाएगा और जिस ने किसी (मुसलमान की बेइज्जती की और उस) के बदले में उस को कपड़ा पहनने को मिला, तो कयामत के दिन अल्लाह तआला उस को उसी कद्र जहन्नम से पहनाएंगा।" 📕 अबू दाऊद : ४८८१, अन मुस्तरिद (र.अ)
क़यामत के दिन खुश नसीब इन्सान रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: "कयामत के दिन लोगों में से वह खुश नसीब मेरी शफाअत का मुस्तहिक होगा, जिसने सच्चे दिल से "कलिम-ए-तय्यिबा" “ला इलाहा इलल्लाहु” पढ़ा होगा।" 📕 बुखारी : १९
क़यामत के दिन मुन्किरों का मातम कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "बस कयामत के दिन एक सख्त ललकार होगी, तो यकायक सब देखने लगेंगे। यह मुन्किर कहेंगे : हाए हमारी बरबादी! यह तो वही बदले का दिन है। कहा जाएगा : (हाँ) यह वही फैसले का दिन है, जिसको तुम झुटलाया करते थे।" 📕 सूरह साफ्फात : १९ ता २१
कयामत किस दिन कायम होगी रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "तुम्हारे दिनों में अफजल दिन जुमा का दिन है, इसी रोज़ हज़रत आदम (अ.) को पैदा किया गया, इसी रोज़ उन का इन्तेक़ाल हुआ, इसी रोज सूर फूंका जाएगा और इसी दिन क़यामत कायम होगी।" 📕 अबू दाऊद : १०४७
परहेज़गारों की नेअमत कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: "(क़यामत के दिन) परहेज़गार लोग (जन्नत) के सायों में और चशमों में और पसन्दीदा मेवों में होंगे (उन से कहा जाएगा) अपने (नेक) आमाल के बदले में खूब मजे से खाओ पियो, हम नेक लोगों को ऐसा ही बदला दिया करते हैं। (और) उस दिन झुटलाने वालों के लिये बड़ी ख़राबी होगी।" 📕 सूरह मुरसलात: ४१ ता ४५
ज़ुल्म से बचो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "ज़ुल्म से बचो क्योंकि ज़ुल्म कयामत के दिन बेशुमार तारीकियों की शक़्ल इख़्तियार कर लेगा और बुख़्ल से भी बचो कि कन्जूसी ने उन लोगों को हलाक़ किया जो तुम से पहले थे। बुख्ल ने उन्हें एक दूसरे का खून बहाने पर उभारा और बुख्ल ही की वजह से वह हराम चीज़ों को हलाल समझने लगे।" 📕 मुस्लिम : 6576, अन जाबिर (र.अ)
औरतों का चंद बातों पर अमल करना औरतों का चंद बातों पर अमल करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "अगर औरत पाँच वक़्त की नमाज पढ़े और रमजान के रोजे रखे और अपनी शर्मगाह की हिफाज़त करे और अपने शौहर की फरमाबरदारी करे (तो कयामत के दिन) उससे कहा जाएगा: तुम जन्नत के जिस दरवाजे से चाहो जन्नत में दाखिल हो जाओ।" 📕 मुस्नदे अहमद : १६६४
गुमराही इख्तियार करने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "जो लोग अल्लाह तआला के रास्ते से भटकते हैं, उनके लिये सख्त अज़ाब है, इस लिये के वह हिसाब के दिन को भूले हुए हैं।" 📕 सूरह साद: २६
MD. Salim Shaikh
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