कर्ज ना लौटाने की निय्यत से लेने का गुनाह

Qarz na lautane ki niyat se lene ka gunah Hadees

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

“जो शख्स लोगों का माल (बतौर क़र्ज़) लेता है और उसे अदा करना चाहता हो तो उसकी तरफ से अल्लाह अदा फरमा देता है, लेकिन जो शख्स लोगों का माल वापस ना करने के इरादा से लेता है तो अल्लाह भी उसे तबाह कर देता है।

📕 सहीह बुखारी: 2387


एक और रिवायत में आप ﷺ ने फ़र्माया :

“जो शख्स किसी से क़र्ज़ ले और दिल में यह पक्का इरादा कर रखे के कर्ज पूरा पूरा नहीं लौटाएगा, तो वह (क़यामत के दिन) अल्लाह से एक चोर की हालत में मुलाकात करेगा।”

📕 इब्ने माजा : २४१०

अल्लाह इस बुरी सिफ़त से सबकी हिफाज़त फरमाए। अमीन


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