8. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा रसूलुल्लाह (ﷺ) की चचा अबू तालिब से गुफ्तगू, नमाज़ छोड़ने पर वईद, नफा न पहुँचाने वाली नमाज़ से पनाह मांगना, अमल : जबान और शर्मगाह की हिफाजत करना, बुराई से न रोकने का वबाल, जख्म वगैरह का इलाज ...
22. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा (1). दूसरी बैते अक़बा, (2). हज़रत जाबिर (र.अ) के बाग़ की खजूरो में बरकत, (3). दीन-ऐ-इस्लाम में नमाज़ की अहमियत, (4). जन्नत हासिल करने के लिये दुआ करना, (5). हलाल कमाई से मस्जिद बनाना, (6). अच्छे और बुरे बराबर नहीं…
10. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा मुसलमानों पर कुफ्फार का जुल्म व सितम, मोजज़ा: दरख्त का आप (ﷺ) की खिदमत में आना, एक फर्ज: अमानत का वापस करना, एक सुन्नत: मोहताजगी व जिल्लत से पनाह माँगना, एक अहेम अमल: हलाल रोज़ी हासिल करना, किसी के वालिदैन…
23 जमादी-उल-अव्वल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख: ग़ज़व-ए-दौमतुल जन्दल, च्यूंटी की दूर अन्देशी में अल्लाह की कुदरत, एक फर्ज: बीमार की नमाज़, गुनाहों की मगफिरत का वजीफा, क़यामत के दिन लोगों की हालत, जोड़ों के दर्द का इलाज ...
21. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा 21 Rabi-ul-Akhir | Sirf Panch Minute ka Madarsa 1. इस्लामी तारीख पहली बैते अक़बा अकबा, मिना के करीब एक घाटी का नाम है, जहाँ सन ११ नबवी में मदीना से 6 अफराद ने आकर दीने इस्लाम कबूल किया था, इस…
19 जमादी-उल-अव्वल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा (1). रजी और बीरे मऊना का अलमनाक हादसा, (2). बदन की हड्डी कुदरत की निशानी, (3). तक़दीर पर ईमान लाना, (4). घर वालों से नेक बरताव करना, (5). अल्लाह के रास्ते में रोज़ा रखना, (6). बोहतान - झूठा इलज़ाम लगाने…
10 Rabi-ul-Awal | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: असहाबुल क़रिया (बस्ती वाले), हुजूर (ﷺ) का मुअजिज़ा: जौ में बरकत, फर्ज: सज्द-ए-तिलावत अदा करना, सुन्नत: औलाद के लिये दुआ करना, दीन के खिलाफ साज़िश करने का गुनाह ...
1. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा (1). हिलफुल फुजूल, (2). बिजली की कड़क, (3). जमात से नमाज़ अदा करना, (4). तीन साँस में पानी पीना, (5). बीवियों के साथ अच्छा सुलूक करना, (6). अजनबी औरत से मिलना, (7). मौत और माल की कमी से घबराना, (8).…
10. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हज़रत इदरीस (अ.स) की दावत, मुअजिजा : अबू जहल पर खौफ, एक फ़र्ज़ : पर्दा करना फर्ज है, अहेम अमल : नमाज़े चाश्त की फ़ज़ीलत, कुफ्र व शिर्क का नतीजा तिलावत ऐ कुरआन और जिक्रे इलाही की फ़ज़ीलत ...