“नेकी और परहेज़गारी के कामों में एक दूसरे की मदद किया करोगुनाह और ज़ुल्म व ज़ियादती में किसी की मदद न करो और अल्लाह से डरते रहो. बेशक अल्लाह तआला का अज़ाब बहुत सख्त है।”
अल्लाह और उसके बन्दों के हुकूक अदा करो क़ुरान में अल्लाह तआला फर्माता है: "अल्लाह के सिवा किसी की इबादत न करो, वालिदेन के साथ अच्छा सुलूक करो, रिश्तेदारों, यतीमों और मिसकीनों के साथ भी अच्छा बर्ताव करो, लोगों से ख़ुश अख्लाक़ी से बात करो, नमाज़ क़ायम करो और ज़कात अदा करो।" 📕 सूरह बकरा: 83
हर मामले में इंसाफ करो कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : " ऐ ईमान वालो ! अल्लाह तआला के लिये सच्चाई पर कायम रहने वाले और इन्साफ के साथ शहादत (गवाही) देने वाले बन जाओ और किसी कौम की दुश्मनी तुम्हें इस बात पर आमादा न कर दे, के तुम इन्साफ न करो (बल्कि हर मामले में) इंसाफ करो, यह परहेजगारी के ज्यादा करीब है और अल्लाह तआला से डरते रहो बेशक जो कुछ तुम करते हो अल्लाह तआला उसे बाखबर है।" 📕 सूर-ए-मायदा : ८
सब के साथ हुस्ने सुलूक (अच्छा बर्ताव) करो कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “तुम सब अल्लाह की इबादत करो, उस के साथ किसी को शरीक न करो, माँ बाप, रिश्तेदारों, यतीमों, मिस्कीनों, करीबी पड़ोसियों और दूर के पड़ोसियों, पास बैठने वालों, मुसाफिरों और जो लोग तुम्हारे मातहत हों, सब के साथ हुस्ने सुलूक (अच्छा बर्ताव) करो और अल्लाह तआला तकब्बुर (घमंड) करने वाले और शेखी (बढ़ाई) मारने वाले को बिलकुल पसंद नहीं करता।" 📕 सूरह निसा:३६
सुबह शाम खूब ज़िक्रे इलाही किया करो कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "ऐ ईमान वालो ! अल्लाह तआला का खूब जिक्र किया करो और सुबह व शाम उस की पाकी बयान किया करो।" 📕 सूरह अहज़ाब : ४१ ता ४२
रास्ते से तकलीफ़ देह चीज़ को हटाने की फ़ज़ीलत सूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “एक आदमी का इन्तेकाल हो गया, उसने कोई नेकी नहीं की थी, हां! उस ने रास्ते से कांटे की टहनी उठा कर फेंकी थी या (रास्ते पर) कोई दरख्त था जिसे उसने काट डाला था और उसे किनारे डाल दिया था, अल्लाह तआला ने उसे इस के बदले में जन्नत में दाखिल कर दिया।” 📕 अबू दाऊद : ५२४५, अन अबी हुरैरह (र.अ) रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: “एक आदमी रास्ते से गुजर रहा था, के उसे काँटेदार दरख्त की शाख रास्ते में पड़ी मिली, तो उस ने हटा कर किनारे कर दिया और उस पर अल्लाह…
फिजूलखर्ची मत किया करो कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: "ऐ आदम की औलाद! तुम हर मस्जिद की हाज़री के वक्त अच्छा लिबास पहन लिया करो और खाओ पियो और फिजूलखर्ची मत किया करो, बेशक अल्लाह तआला फुजूल खर्ची करने वालों को पसन्द नहीं करता।" 📕 सूरह आराफ़: ३१
गुनाह और जुल्म व ज्यादती की बातें न करो कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “ऐ ईमान वालो! जब तुम आपस में खुफिया बातें करो, तो गुनाह और जुल्म व ज्यादती और रसुल की नाफ़रमानी की बातें न किया करो, बलके भलाई और परहेजगारी की बातें किया करो और अल्लाह से डरते रहो, जिसके पास तुम सब जमा किये जाओगे।" 📕 सूरह मुजादला : 58:9
कुरआन को गौर से सुनना कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: “जब कुरआन पढ़ा जाए, तो इसको पूरी तवज्जोह और गोर से सूना करो और खामोश रहा करो; ताकि तूम पर रहम किया जाए।” 📕 सूरह अराफः २०४
छह चीजों की जमानत: जब बात करो तो सच बोलो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "तुम अपनी तरफ से मुझे छह चीजों की जमानत दे दो मैं तुम्हें जन्नत की जमानत देता हूँ। जब तुम बात करो तो सच बोलो, जब वादा करो तो पूरा करो, जब तुम्हारे पास अमानत रखी जाए तो अमानत अदा करो, अपनी शर्मगाहों की हिफाजत करो, अपनी आँखों को नीचे रखो और अपने हाथों को (जुल्म व सितम से) रोके रखो।" 📕 मुस्नदे अहमद : २२२५१, अन उबादा बिन सामित (र.अ)
दुनियावी ज़िन्दगी की हक़ीक़त क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है - "तूम खूब जान लो के दुनियावी जिन्दगी (बचपन में) खेल कूद और (जवानी में) ज़ेब व ज़ीनत और बाहम एक दूसरे पर फ़ख्र करना और (बुढ़ापे में) माल व औलाद में एक दूसरे से अपने को ज़्यादा बताना है।" 📕 सूर-ए-हदीद 57:20
जमात के लिये मस्जिद जाने की फ़ज़ीलत रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "जो शख्स बाजमात नमाज के लिये मस्जिद में जाए तो आते जाते हर कदम पर एक गुनाह मिटता है (हर कदम पर) और उसके लिये एक नेकी लिखी जाती है।" 📕 मुस्नदे अहमद : ६५६३
अल्लाह और उस के रसूल की इताअत करो कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : ” ऐ ईमान वालो! तुम अल्लाह और उस के रसूल की इताअत करो और (शरीअत के मुताबिक फैसला करने वाले) हाकिमों की भी इताअत करो।” 📕 सूरह निसा : ५९
अल्लाह के रास्ते में खर्च किया करो कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: “तुम लोग अल्लाह के रास्ते में खर्च किया करो, अपने आप को अपने हाथों से हलाकत में न डालो और खुलूस से काम किया करो, क्योंकि अल्लाह तआला! अच्छी तरह अमल करने वालों को पसन्द करता है।” 📕 सूरह बकरह: १९५
वालिद के दोस्तों के साथ अच्छा बर्ताव करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "नेकियों में बेहतरीन नेकी यह है के आदमी अपने वालिद के दोस्तों के साथ अच्छा बर्ताव करे।" 📕 तिर्मिजी: १९०३
MD. Salim Shaikh
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