۞ हदीस: अब्दुल्ला इब्न उमर (रजि.) से रिवायत है की, रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :
“मज़दूर को उसकी मज़दूरी उसका पसीना सुखने से पहले दे दो।”
📕सुनन इब्न माजाह, हदीस:600
मज़दूर को पूरी मजदूरी देना
۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :
“मैं क़यामत के दिन तीन लोगों का मुक़ाबिल बन कर उन से झगडूंगा,(उन तीन में से एक) वह शख्स है जिसने किसी को मज़दूरी पर रखाऔर उससे पूरा-पूरा काम लिया मगर उसको पूरी मज़दूरी नहीं दी।”
अल्लाह तआला से जो वादा करो उस को पूरा किया करो कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "जब तुम बात किया करो, तो इन्साफ का ख्याल रखा करो, अगरचे वह शख्स तुम्हारा रिश्तेदार ही हो और अल्लाह तआला से जो अहद करो उस को पूरा किया करो, अल्लाह तआला ने तुम्हें इस का ताकीदी हुक्म दिया है। ताके तुम याद रखो (और अमल करो)। 📕 सूरह अन्आमः १५३
पांच चीज़ों को 5 से पहले घनीमत समझो पांच चीज़ों को 5 से पहले घनीमत समझो हदीस: अब्दुल्ला इब्न अब्बास (र.) से रिवायत है के,अल्लाह के नबी (ﷺ) ने फरमाया: “पांच (5) चीज़ों को पांच (5) चीज़ों से पहले घनीमत समझो। (1). अपनी जवानी को बुढ़ापे से पहले,(2). अपनी सेहत को बीमारी से पहले,(3). अपनी मालदारी को गुरबत (गरीबी) से पहले,(4). अपनी फरागत को मसरुफियत से पहले,(5). अपनी जिंदगी को मौत से पहले। 📕 शुआब अल-ईमान, हदीस 9575
कुरआन में मानवता के लिए 99 सीधे आदेश ! जानिए जानिए ~ कुरआन में मानवता के लिए 99 सीधे आदेश। ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ 1. बदज़ुबानी से बचो। (सूरह 3:159) 2. गुस्से को पी जाओ। (सूरह 3:134) 3. दूसरों के साथ भलाई करो। (सूरह 4:36) 4. घमंड से बचो। (सूरह 7:13) 5. दूसरों की गलतियां माफ करो। (सूरह 7:199) 6. लोगों से नरमी से बात करो। (सूरह 20:44) 7. अपनी आवाज़ नीची रखों। (सूरह 31:19) 8. दूसरों का मज़ाक न उड़ाओ। (सूरह 49:11) 9. वालदैन की इज़्ज़त और उनकी फरमाबरदारी करो। (सूरह 17:23) 10. वालदैन की बेअदबी से बचो और उनके सामने उफ़ तक न कहो। (सूरह 17:23) 11. इजाज़त के…
उंगलियों के पोरों पर कीटनाशक प्रोटीन: जानिये १४०० सालो से क्या कहता है इस्लाम ♥ हदीस: हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ियल्लाहु अनहुमा) से रिवायत है कि, अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया: "जब तुम में से कोई खाना खाए तो वह अपना हाथ न पोछें यहां तक कि उसे (उंगलियां) चाट ले या चटाले।" 📕 सही मुस्लिम, अल-अश्रिबःबाब इस्तिह्बाब लअक़िल असाबिअ, हदीस न0 2031 • वैज्ञानिक तथ्य: खाने के बाद उंगलियां चाटने का आदेश पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने चौदह सदियाँ पहले दिया। इसमें क्या हिकमत है इसकी पुष्टि चिकित्सा वैज्ञानिक इस दौर में कर रहे हैं। एक खबर देखें: "जर्मनी के चिकित्सा विशेषज्ञों ने शोध के बाद यह निकाला…
मुस्लिम ख़वातीन की ऑनलाइन शॉपिंग और डाटा लीक : जरा गौर करे ... मुस्लिम ख़वातीन की ऑनलाइन शॉपिंग और डाटा लीक मुस्लिम खवातीन जिसमें हमारी बहनें, भाभी, बिवी, भांजियॉं, भतिजियॉं, बहूयें, बेटीयॉं ये सब ऑनलाइन सामान मंगवाने में अपना और घर का मोबाइल नंबर काम में ले रही हैं और डिलीवरी भी अक्सर घर के मर्द की गैर हाजरी में हो रही हैं। आते जाते देखने में आ रहा हैं, की डिलीवरी बॉय दरवाजे पर खड़ा रहता हैं और वो हंस हंस कर बड़ी शान से पैकेट ले रही होती हैं और उस सें समान की मालूमात हासिल कर रही होती हैं। 101% इसमें उस घर के मर्द, भाई, बाप और शौहर इनको…
धर्म क्या है, और इसकी उत्पति कैसे हुयी ? • सवाल 1. धर्म क्या है, और इसकी उत्पति कैसे हुयी ? • सवाल 2. आप धर्म को क्यों मानते हो और जीवन मै इसका क्या महतव है ? » जवाब: ● धर्म.........धर्म मौलिक मानवीय मूल्यों (अच्छे गुणों) से आगे की चीज़ है। अच्छे गुण (उदाहरणतः नेकी, अच्छाई, सच बोलना, झूठ से बचना, दूसरों की सहायता करना, ज़रूरतमन्दों के काम आना, दुखियों के दुःख बाँट लेना, निर्धनों निर्बलों से सहयोग करना आदि) हर व्यक्ति की प्रकृति का अभाज्य अंग है चाहे वह व्यक्ति किसी धर्म का अनुयायी हो, या अधर्मी और नास्तिक। धर्म इन गुणों की शिक्षा तो देता है;…
अल्लाह तआला के साथ किसी को शरीक न करो कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "अल्लाह तआला के साथ किसी को शरीक न करो, माँ, बाप के साथ अच्छा सुलूक करो, और तंगदस्ती के खौफ से अपनी औलाद को कत्ल न करो, हम तुम, को भी रिज्क देते हैं और उन को भी; खुले और छुपे बेहयाई के कामों के करीब न जाओ।” 📕 सूरह अन्आम : १५२
अल्लाह कौन है ~ अल्लाह का परिचय और विशेषताएं हमारे मन में यह प्रश्न बार बार उभरता है कि अल्लाह कौन है ? वह कैसा है ? उस के गुण क्या हैं ? वह कहाँ है? जानिए इन सवालो के जवाब इस पोस्ट के माध्यम से। अल्लाह कौन है? अल्लाह का परिचय अल्लाह का शब्द मन में आते ही एक महान महिमा की कल्पना मन में पैदा होती है जो हर वस्तु का स्वामी और रब हो। उसने हर वस्तु को एकेले उत्पन्न किया हो, पूरे संसार को चलाने वाला वही हो।धरती और आकाश की हर चीज़ उसके आज्ञा का पालन करती हो। अपनी सम्पूर्ण विशेषताओं और गूणों में पूर्ण हो। जिसे…
दज्जाल की हकीकत | दज्जाल कौन है, कहाँ है और कब निकलेगा? Dajjal ki Hakikat in Hindi दज्जाल की हकीकत | दज्जाल कौन है, दज्जाल कहाँ है, और वह कब निकलेगा? ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान बहुत रहमवाला है। सब तारीफें अल्लाह तआला के लिए हैं जो सारे जहान का पालनहार है। हम उसी से मदद व माफी चाहते हैं,अल्लाह की ला’तादाद सलामती, रहमते व बरकतें नाज़िल हों मुहम्मद सल्ल. पर, आप की आल व औलाद और असहाब रजि. पर। व बअद - दज्जाल की हकीकत | दज्जाल कौन है, दज्जाल कहाँ है, और वह कब निकलेगा? दज्जाल का कैद से निकलना भी कयामत से पहले की दस…
मुस्लिम बेहनों के लिए कुरआन सुन्नत से 50 नसीहतें… मुस्लिम बेहनों के लिए कुरआन सुन्नत से 50 नसीहतें बिस्मिल्लाहिरहमानिर्रहीम! अल्हम्दुलिल्लाह वस्सलातु वसल्लामु अला रसूलिल्लाहि (ﷺ) ऐ मुस्लिम बहन! मुस्लिम का मतलब होता है, अल्लाह का फर्माबरदार (आज्ञाकारी) होना. इस्लाम में यह ज़िम्मेदारी मर्द व औरत दोनों पर एक समान रूप से लागू है या'नी इसमें कोई जिन्सी (लैंगिक) भेदभाव नहीं है. इस लेख में कुरआन व सहीह हदीसों की रोशनी में 50 अहमतरीन नसीहतों का ज़िक्र किया गया है, अगर इन पर अमल किया जाए तो औरत अल्लाह की नेक बन्दी बनने के साथ-साथ समाज में इज्जत और वकार (सामाजिक प्रतिष्ठा) भी पा सकती है। लेकिन ये बेहद अफ़सोस की बात…
तलाक, हलाला और खुला की हकीकत (Triple Talaq & Halala) • तलाक की हकीकत: पति पत्नी में अगर किसी तरह भी निबाह नहीं हो पा रहा है तो अपनी ज़िदगी जहन्नम बनाने से बहतर है कि वो अलग हो कर अपनी ज़िन्दगी का सफ़र अपनी मर्ज़ी से पूरा करें इसी को तलाक कहते है जो कि इंसान होने के नाते उनका हक है, इसी लिए दुनियां भर के कानून में तलाक़ की गुंजाइश मौजूद है। और इसी लिए पैगम्बरों के दीन (धर्म) में भी तलाक़ की गुंजाइश हमेशा से रही है। यूं तो तलाक़ कोई अच्छी चीज़ नहीं है और सभी लोग इसको ना पसंद करते हैं इस्लाम में भी…
दुनिया में इतने धर्म कैसे बने ? दुनिया में इतने धर्म कैसे बने ? (इसे पढने में आपके 2 मिनट ज़रूर लगेगे लेकिन इंशाअल्लाह “आपको बहुत सारी बातें स्पष्ट” हो जाएँगी) ईश्वर द्वारा एक ही मानव से सारे संसार की रचना: मानव इतिहास का अध्ययन करने से पता चलता है कि इस धरती पर ईश्वर ने अलग अलग जगह मानव नहीं बसाए, अपितु एक ही मानव से सारा संसार फैला है। निम्नलिखित तथ्यों पर ध्यान दें, आपके अधिकांश संदेह खत्म हो जाएंगे। सारे मानव का मूलवंश एक ही पुरूष तक पहुंचता है, ईश्वर ने सर्वप्रथम विश्व के एक छोटे से कोने धरती पर मानव का एक जोड़ा…