۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :
“मैं क़यामत के दिन तीन लोगों का मुक़ाबिल बन कर उन से झगडूंगा, (उन तीन में से एक) वह शख्स है जिसने किसी को मजदूरी पर रखा और उससे पूरा-पूरा काम लिया मगर उसको पूरी मजदूरी नहीं दी।”
खुलासा: मजदूर को मुकम्मल मजदूरी देना वाजिब है।