इस्लाम दूसरे धर्मों के बारे में अपमानजनक… प्रश्नः क्या दूसरे मज़हबों के धार्मिक ग्रंथों और उनके ईष्ट देवी-देवताओं के बारे में अपमानजनक बातें करने से... उनका दिल दुखाने से अल्ल्लाह ख़ुश होगा...? उत्तरः हमें पूर्ण विश्वास है कि अन्य धर्मों के धार्मिक ग्रन्थ या तो मानव रचित हैं अथवा किसी युग में ईश्वरीय ग्रन्थ थे परन्तु आज वह सुरक्षित न…
किसी बुराई को देखे तो उसे रोकने की कोशिश करे रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "तुम में से जो शख्स किसी बुराई को देखे तो उसे अपने हाथ से रोके अगर इस की ताकत न हो तो अपनी ज़बान से रोके, फिर अगर इस की भी ताकत न हो तो दिल से उस जाने और यह ईमान का सब से…
सामने वाले की बात पूरी तवज्जोह से सुनना जब आप (ﷺ) से कोई मुलाकात करता और गुफ्तगू करता, तो आप (ﷺ) उस की तरफ से तवज्जोह न हटाते, यहाँ तक के वह आप से रुख न हटा लेता। 📕 इब्ने माजा: ३७१६, अन अनस (र.अ)
दावत कबूल करे रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जब तुम में से किसी को खाने की दावत दी जाए तो उस को कबूल करना चाहिये, फिर अगर वह चाहे तो खाना खाले और न चाहे तो छोड़ दे।" 📕 मुस्लिम : ३५१८
अक्लमंद लोग क़ुरआन से नसीहत हासिल करे अक्लमंद लोग क़ुरआन से नसीहत हासिल करे कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: "यह ( कुरआन ) एक बाबरकत किताब है, जिस को हम ने आप पर इस लिये नाजिल किया है के लोग उस की आयतों में गौर व फिक्र करें और अक्लमंद लोग उस से नसीहत हासिल करे। 📕…
मजलिस में जाये तो सलाम करे मजलिस में जाये तो सलाम करे ۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “जब तुम में से कोई आदमी मजलिस में जाए, तो सलाम करे और फिर जी चाहे, तो मजलिस में शरीक हो जाए, और फिर जाते वक्त भी सलाम कर के जाए।” 📕 तिर्मिज़ी, हदीस २७०६, अन अबी हुरैराह (र.अ)
अल्लाह की राह में खर्च करे ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “तुम को क्या हो गया के तुम अल्लाह के रास्ते में खर्च नहीं करते, हालां के आसमान और जमीन की सब मीरास अल्लाह ही की है।” 📕 सूरह हदीद : १०
मियाँ बीवी अपना राज़ बयान न करें रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “कयामत के रोज़ अल्लाह की नज़र में लोगों में सब से बदतरीन वह शख्स होगा, जो अपनी बीवी के पास जाए और उसकी बीवी उसके पास आए; फिर उनमें से एक अपने साथी का राज किसी दूसरे को बताए।” 📕 मुस्लिम: ३५४२, अबी सईद खुदरी…
नेकी और परहेज़गारी के कामों में एक दूसरे… क़ुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “नेकी और परहेज़गारी के कामों में एक दूसरे की मदद किया करो गुनाह और ज़ुल्म व ज़ियादती में किसी की मदद न करो और अल्लाह से डरते रहो. बेशक अल्लाह तआला का अज़ाब बहुत सख्त है।” 📕 सूर माइदा 5:2