जीवनसाथी में अच्छाई खोजें और खुश रहें। ” एक विश्वासी को अपनी पत्नी से घृणा नहीं करनी चाहिए। अगर उसका एक व्यवहार संतोषजनक नहीं है तो दूसरा होगा।” (हजरत मुहम्मद ﷺ)

जीवनसाथी में अच्छाई खोजें और खुश रहें। ” एक विश्वासी को अपनी पत्नी से घृणा नहीं करनी चाहिए। अगर उसका एक व्यवहार संतोषजनक नहीं है तो दूसरा होगा।” (हजरत मुहम्मद ﷺ)

जीवनसाथी में अच्छाई खोजें और खुश रहें।

” एक विश्वासी को अपनी पत्नी से घृणा नहीं करनी चाहिए। अगर उसका एक व्यवहार संतोषजनक नहीं है तो दूसरा होगा।”

(हजरत मुहम्मद ﷺ)

Ref: Wisdom  Media School | #IslamicQuotes by Ummat-e-Nabi.com


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