नमाज़े गुनाहों को मिटा देती हैं रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सहाबा से पूछा: "अगर किसी के दरवाजे पर एक नहर हो और उसमें वह हर रोज़ पाँच बार गुस्ल किया करे, तो क्या उसका कुछ मैल बाकी रह सकता है? सहाबा ने अर्ज किया के कुछ भी मैल न रहेगा।” आप (ﷺ) ने फर्माया के : "यही हालत है पाँचों वक्त की नमाज़ों की, के अल्लाह तआला उनके सब बगुनाों को मिटा देता है।" 📕 बुखारी: ५२८, अन अबी हुरैरह (र.अ)
हदीस: फज़र और असर पाबन्दी से अदा करना... हदीस: फज़र और असर पाबन्दी से अदा करना। रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "हरगिज़ वह आदमी जहन्नम में दाखिल नहीं हो सकता, जो सूरज निकलने से पहले फज़्र की नमाज और सूरज गुरूब होने से पहले अस्र की नमाज़ पढ़े।" 📕 मुस्लिम : १४३६
जहन्नुम की गहराई दोजख (जहन्नुम) की गहराई रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "एक पत्थर को जहन्नम के किनारे से फेंका गया, वह सत्तर साल तक उस में गिरता रहा मगर उस की गहराई तक नहीं पहुंच सका।" 📕 मुस्लिम : ७४३५
अल्लाह के रास्ते में रोज़ा रखना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जिसने अल्लाह के रास्ते में एक रोज़ा रखा, तो अल्लाह तआला उस के और जहन्नम के दर्मियानआसमान व ज़मीन के फासले के बराबर खन्दक़ कायम कर देगा।" 📕 तिर्मिज़ी : १६२४
किसी इज्जत की हिफाज़त करने का सवाब रसूलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "जिस ने पीठ पीछे अपने भाई की इज्जत की हिफाजत की। अल्लाह तआला अपनी जिम्मेदारी से उस को (जहन्नम की) आग से आज़ाद कर देगा।" 📕 तबरानी कबीर : १९९१६
जहन्नम की आग की सख्ती जहन्नम की आग की सख्ती रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "दोजख को एक हजार साल तक दहकाया गया, तो वह लाल हो गई, फिर एक हजार साल तक दहकाया गया तो वह सफेद हो गई, फिर एक हजार साल तक दहकाया गया तो अब वह बहुत जियादा काली हो गई।" 📕 शोअबुल ईमान : ८१२
अहले जहन्नम पर दर्दनाक अजाब कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “बेशक जक्कूम का दरख्त बड़े मुजरिम का खाना होगा, जो तेल की तलछट जैसा होगा, वह पेट में तेज़ गर्म पानी की तरह खौलता होगा (कहा जाएगा) उस गुनहगार को पकड़ लो और घसीटते हुए दोजख के बीच में ले जाओ,फिर उसके सर पर तकलीफ देने वाला खौलता हुआ पानी डालो,(फिर कहा जाएगा) अज़ाब का मज़ा चख ! तू अपने आप को बड़ी इज्जत व शान वाला समझता था, यही वह अजाब है जिसके बारे में तुम शक किया करते थे।” 📕 सूरह दुखान : ४३ ता ५०
दुनिया से बेरग़वती का इनाम रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "जो शख्स जन्नत का ख्वाहिश मन्द होगा वह भलाई में जल्दी करेगा। और जो शख्स जहन्नम से खौफ करेगा, वह ख्वाहिशात से गाफिल (बेपरवाह) हो जाएगा और जो मौत का इंतज़ार करेगा उसपर लज्जतें बेकार हो जाएगी और जो शख्स दुनिया में जुद (दुनिया से बेरगबती) इख्तियार करेगा, उस पर मुसीबतें आसान हो जाएँगी।" 📕 शोअबुल ईमान: १०२१९
जहन्नम का जोश कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "जब जहन्नम (क़यामत के झुटलाने वालों) को दूर से देखेगी, तो वह लोग (दूर ही से) उस का जोश व खरोश सुनेंगे और जब वह दोज़ख़ की किसी तंग जगह में हाथ पाँव जकड़ कर डाल दिये जाएंगे, तो वहाँ मौत ही मौत पुकारेंगे। (जैसा के मुसीबत में लोग मौत की तमन्ना करते हैं)।" 📕 सूर-ए-फुरकान : १२ ता १३
कम दर्जे वाले जन्नती का इनाम रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया - "अदना दर्जे का जन्नती वह होगा, जिस के एक हज़ार महल होंगे, हर दो महलों के दर्मियान एक साल के बराबर चलने का फासला होगा, यह जन्नती दूर के महलों को इसी तरह देखेगा जिस तरह करीब के महलों को देखेगा, हर एक महल में खूबसूरत गहरी सियाह आँखों वाली हूर होंगी और उमदा बागात और (खिदमत के लिये) लड़के होंगे, जिस चीज़ की भी वह तलब करेगा, उसको पेश कर दी जाएगी।" 📕 तरगीब : ५२८०, अन इब्ने उमर (र.अ)
ईमान वालों का ठिकाना कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “इन (ईमान वालों) के लिए हमेशा रहने वाले बाग़ हैं, जिन में वह दाखिल होंगे और उन के माँ बाप, उन की बीबियों और उन की औलाद में जो (जन्नत) के लायक होंगे, वह भी जन्नत में दाखिल होंगे और हर दरवाजे से फरिश्ते उन के पास यह कहते हए दाखिल होंगे ‘तुम्हारे दीन पर मज़बूत जमे रहने की बदौलत तुम पर सलामती हो, तुम्हारे लिए आखिरत का घर कितना उम्दा है!’” 📕 सूरह रआद:२३ ता २४
अहले जन्नत की नेअमतें: परहेज़गारों के लिये अच्छा ठिकाना है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "परहेज़गारों के लिये (आखिरत में) अच्छा ठिकाना है, हमेशा रहने वाले बागात हैं, जिन के दरवाजे उन के लिये खुले हुए होंगे, वह उन बागों में तकिये लगाए बैठे होंगे, वह वहाँ (जन्नत के खादिमों से) बहुत से मेवे और पीने की चीजें मंगाएँगे और उन लोगों के पास नीची नजरों वाली हम उम्र हुरे होंगी।" 📕 सूरह साद: ४९ ता ५२
जहन्नमी हथौड़े रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "अगर जहन्नम के लोहे के हथौड़े से पहाड़ को मारा जाए, तो वह रेजा रेजा हो जाएगा, फिर वह पहाड़ दोबारा अपनी असली हालत पर लौट आएगा।" 📕 मुस्नदे अहमद : ११३७७
ईमान की बरकत से जहन्नम से छुटकारा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : जब जन्नती जन्नत में चले जाएंगे और जहन्नमी जहन्नम में चले जाएंगे, तो अल्लाह तआला फरमाएगा: "जिस के दिल में राई के दाने के बराबर भी ईमान हो उसे भी जहन्नम से निकाल लो, चुनान्चे उन लोगों को भी निकाल लिया जाएगा, जिनकी यह हालत होगी के वह जल कर काले सियाह हो गए होंगे। उसके बाद उन को “नहरे हयात” में डाला जाएगा, तो इस तरह निकल आएंगे जैसे दाना सैलाब के कड़े में (खाद और पानी मिलने की वजह से) उग आता है।” 📕 बुखारी: २२, अन अबी सईद खुदरी (र.अ)
चाँदी के बरतन में पीने का गुनाह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: "जो चाँदी के बर्तन में पानी वगैरा पीते हैं वह अपने पेट में जहन्नम की आग भर रहे हैं।" 📕 बुखारी : ५६३४
MD. Salim Shaikh
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