“यकीनन वह लोग काफिर हो चुके जिन्होंने यूं कहा कि मसीह इब्ने मरयम ही खुदा है, हालांकि ख़ुद हज़रत ईसा (अ.स) ने बनी इसराईल से कहा था के तुम उस अल्लाह की इबादत करो जो मेरा भी रब है और तुम्हारा भी रब है,यकीन जानो, जो शख्स अल्लाह के साथ किसी को शरीक करेगा, तो अल्लाह तआला उस पर जन्नत हराम कर देगा और उसका ठिकाना जहन्नम है और ऐसे ज़ालिमों का कोई मददगार नहीं होगा।”
24. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हजरत इस्माईल (अ.स), मुअजिजा : अहद नामे को कीड़े के खाने की खबर देना, एक फ़र्ज़ : गुस्ल के लिए तयम्मुम करना, एक सुन्नत : खुशखबरी सुन कर दुआ पढ़ना, अहेम अमल : जुमा के दिन सूरह कहफ पढ़ना, अल्लाह की आयतों को न मानने का गुनाह ...
6 Muharram | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हज़रत आदम (अ.स) का दुनिया में आना, मुअजिजा : चाँद के दो टुकड़े होना, एक सुन्नत: मेजबान को दुआ देना, अहेम अमल : माहे मुहर्रम में रोजा रखना, यतीमों का माल खाने का गुनाह ...
कुरआन सुनने से रोकने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "यह काफिर लोग (एक दूसरे से) कहते हैं के इस कुरआन को मत सुना करो और उस के दौरान शोर मचाया करो, उम्मीद है के इस तरह तुम ग़ालिब आ जाओगे। उन काफिरों को हम सख्त अज़ाब का मज़ा चखाएँगे और यकीनन हम उनको बुरे आमाल का बदला देंगे, जो वह किया करते थे।" 📕 सूरह हामीम सज्दा : २६ ता २७
9 Muharram | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हज़रत इदरीस, अल्लाह की कुदरत : चाँद का फायदा, एक फ़र्ज़ : पाँचों नमाजें अदा करने पर बशारत, अहेम अमल : माहे मुहर्रम में रोजे का सवाब, बिला शराब पीने का गुनाह ...
19 Zil Hijjah | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हज़रत मौलाना जलालुद्दीन रूमी (रह.), सितारे, तकदीर पर ईमान लाना, खूशबू को रद नहीं करना चाहिए, हाजी से मुलाकात करना, मुसलमानों के क़त्ल में मदद करने की सज़ा , दुनिया से बे रग़बती पैदा करना ...
5 Muharram | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हज़रत आदम (अ.स), अल्लाह की कुदरत : ज़मीन और उस की पैदावार, सुबह की नमाज़ अदा करने पर हिफाजत का जिम्मा, एक सुन्नत: पूरे सर का मसह करना, अहेम अमल : इस्लाम में बेहतर आमाल, गुनाह की वजह से रिज़्क से महरूमी ...
12 Rajjab | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख: हज़रत जुबैर बिन अव्वाम (र.अ), नमाज़ी पर जहन्नम की आग हराम है, जब बुरा ख्वाब देखे तो यह अमल करे, बीमारी की शिकायत न करना, अल्लाह और उसके रसूल की नाफर्मानी का गुनाह, किसी गुनाह को छोटा और मामूली न समझो …
हज़रत मुहम्मद (ﷺ) को आखरी नबी मानना कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "( हज़रत मुहम्मद ﷺ ) अल्लाह के रसूल और खातमुन नबिय्यीन हैं।" 📕 सूरह अहज़ाब : ४० वजाहत: रसूलुल्लाह (ﷺ) अल्लाह के आखरी नबी और रसूल हैं, लिहाजा आप (ﷺ) को आख़री नबी और रसूल मानना और अब क़यामत तक किसी दूसरे नए नबी के न आने का यकीन रखना फर्ज है।
17. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हजरत सालेह (अ.स) की दावत और कौम का हाल, अल्लाह की कुदरत : दीमक, एक फर्ज : इल्म हासिल करना फ़र्ज़ है, अहेम अमल : आफत व बला दूर होने की दुआ, सिफारिश पर बतौरे हदिया माल लेने का गुनाह ...
नमाज़ से मुंह मोड़ने का गुनाह मेअराज की रात रसूलुल्लाह (ﷺ) का गुज़र ऐसे लोगों पर हुआ जिन के सरों को कुचला जा रहा था, जब सर कुचल दिया जाता तो दोबारा फिर अपनी हालत पर लौट आता, फिर कुचल दिया जाता, इस अजाब में जर्रा बराबर कमी नहीं होती थी, हुजूर (ﷺ) ने हज़रत जिब्रईल से पूछा : यह कौन लोग है? हजरत जिब्रईल ने जवाब में फ़र्माया : यह वह लोग हैं जिन के चेहरे नमाज़ के वक्त भारी हो जाते थे, (यानी नमाज़ से मुंह चुराते थे)। 📕 अत्तरगीब क्त्तरहीब: ७९५, अन अबी हुरैरह (र.अ)
12. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हजरत नूह (अ.स) की दावत, मुअजिजा : दरख्त का हुजूर (ﷺ) को इत्तेला देना, एक फ़र्ज़ : नमाजी पर जहन्नम की आग हराम है, अहेम अमल : नेअमत के मिलने पर अल्हम्दुलिल्लाह कहना, अल्लाह के साथ शिर्क करने का गुनाह, दुनिया चाहने वालों का अन्जाम ...
20. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हजरत इब्राहीम (अ.स) की दावत, मुअजिजा : एक इशारे में दरख्त का दो हिस्सा हो जाना, एक फ़र्ज़ : अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म देना, अहेम अमल : अल्लाह से रहम तलब करना, दोजख / जहन्नुम से नजात की दुआ, झूटी तोहमत लगाने का गुनाह ...
28 Rabi-ul-Awal | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हूज़ूर (ﷺ) का शाम का पहेला सफर, गुस्ल के लिये तययम्मुम करना, बुढ़ापे में रिज़्क में बरकत की दुआ, मौत को कसरत से याद करने की फ़ज़ीलत, पाक दामन औरतों पर तोहमत लगाने का गुनाह, क़यामत के दिन लोगों की हालत …
गुनाह देख कर खामोश ना रहो कुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है - "तुम ऐसे अज़ाब से बचो, जो सिर्फ गुनाह करने वालों ही पर नहीं आएगा, बल्कि गुनाह देख कर खामोश रहने वालों को भी अपनी पकड़ में लेगा खूब जान लो के अल्लाह सख्त सज़ा देने वाला है।" 📕 सूर-ए-अनफाल: २५
माल की मुहब्बत खुदा की नाशुक्री का सबब है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “इन्सान अपने रब का बड़ा ही नाशुक्रा है, हालाँ के उसको भी इस की खबर है (और वह ऐसा मामला इस लिये करता है) के उस को माल की मुहब्बत ज़ियादा है।" 📕 सूरह आदियात: ६ ता ८
MD. Salim Shaikh
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