हवा में अल्लाह का निजामे कुदरत देखो के उस ने हवा पर बादलों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की कैसी डयूटी लगा रखी है के वह बराबर बादलों को ऐसी जमीन पर ले जाकर बारिश बरसाती हैं, जहाँ की जमीन सूखी और पानी के लिये प्यासी हो।
अगर अल्लाह तआला बादलों पर यह ज़िम्मेदारी न लगाता तो बादल पानी के बोझ से बोझल हो कर एक ही जगह पर ठहरे रहते और हमारे बाग़ात और खेतियाँ सूखे रह कर जाया हो जाते।
यकीनन अल्लाह वह बड़ी अजीम जात है जिस का हुक्म बादलों पर भी से चलता है।
अल्लाह की कुदरत : समुन्दर का उतरना चढ़ना Highlights • समुंदर का पानी: किनारे की ओर चढ़ता और उतरता है, लेकिन इसकी एक तय सीमा होती है।• सीमा का उल्लंघन: यदि समुंदर अपनी सीमा पार कर ले, तो भारी जानी और माली नुक्सान हो सकता है।• पृथ्वी का संतुलन: दुनिया का तीन-चौथाई हिस्सा पानी और एक-चौथाई हिस्सा खुश्की है।• अल्लाह की कुदरत: समुंदरों को उनकी सीमाओं में रोकना अल्लाह की अद्भुत शक्ति है।• जीवन का संतुलन: यह व्यवस्था धरती पर जीवन की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करती है। समुन्दर के किनारे अगर आप जाएँ तो देखेंगे के समुन्दर का पानी किनारे की तरफ़ कभी चढ़ जाता है और कभी उतर…
बिजली कुंदना अल्लाह की कुदरत बारिश के आने से पहले आसमान पर तह ब तह बादल जमा होना शुरू हो जाते हैं, लेकिन अल्लाह की कुदरत का नजारा देखिये के इन बादलों में न कोई मशीन फिट होती है और न ही किसी किस का कोई जनरेटर लगा होता है। मगर इन घने बादलों में अल्लाह बिजली की ऐसी चमक और कड़क पैदा कर देता है के रात की तारीकी में भी उजाला फैल जाता है और कभी कभी इतनी सख्त गरज्ती और बिजली कुंदती है के दिलों में घबराहट और सारे माहौल में खौफ तारी हो जाता है। बेशक यह अल्लाह तआला की कुदरत की दलील…
रेशम के कीड़े में अल्लाह की क़ुदरत रेशम के कीड़े में अल्लाह की क़ुदरत अल्लाह तआला ने एक खास किस्म की तितली पैदा फ़रमाई है, उस के अंडों से रेशम के कीड़े निकलते हैं। यह दरख्तों के हरे भरे पत्तों को खाते रहते हैं और उन के मुंह से रेशम का बारीक और कीमती तार निकलता रहता है जिसे वह अपने बदन पर लपेटते रहते हैं। फिर उसके तार को गर्म पानी में डालते हैं और उसके रेशों से धागा तय्यार करके रेशम के कीमती कपड़े तय्यार करते हैं, जो बाजार में भारी कीमत में बिकते हैं। आखिर इस नन्हे से कीड़े को उम्दा रेशम तय्यार करने की सलाहियत…
इन्सान की पैदाइश तीन अंधेरों में Highlights • इंसान की तखलीक़: माँ के पेट में तीन अंधेरों में, बिना किसी रोशनी के, इंसान का निर्माण होता है।• अल्लाह की कुदरत: यह अद्भुत और जबरदस्त कुदरत का उदाहरण है, जहाँ अल्लाह तआला ने एक संकीर्ण और अंधेरी जगह में इंसान को पैदा किया।• कुदरत की बेमिसाल योजना: यह घटना यह साबित करती है कि अल्लाह की कुदरत के आगे किसी भी बड़ी मशीनी प्रक्रिया का कोई मुकाबला नहीं है। काइनात की सब से हसीन तरीन मख्लूख “इन्सान” जिस के लिये अल्लाह तआला ने इस कारखान ए आलम को वुजूद बख्शा है, उसकी तखलीख अल्लाह तआला जहाँ कर रहा हैं,…
दाँतों की बनावट में अल्लाह की क़ुदरत दाँतों की बनावट पर गौर कीजिये के अल्लाह तआला ने ३२ टुकड़ों को कैसी हसीन व खूबसूरत लड़ी में पिरोया है और उस की जड़ों को नर्म हड्डी में किस खूबी के साथ पेवस्त किया है, यह दाँत एक तरफ जहाँ चेहरे की हुस्न व जीनत हैं। वहीं उन से हम चबाने, काटने, पीसने और तोड़ने का अहम काम भी कर लेते हैं और अल्लाह की अजीब कुदरत के उन को बत्तीस टुकड़ों में बनाया, एक ही सालिम हड्डी में उन को नहीं ढाला, वरना मुंह में बड़ी तकलीफ होती, इसी तरह अगर एक दाँत में कोई खराबी होती है,…
आँखों की हिफाजत मैं अल्लाह की कुदरत Highlights • आँखों की नेअमत: अल्लाह तआला ने हमें आँख जैसी अनमोल नेअमत अता की, जिससे हम दुनिया के हसीन दृश्य देख सकते हैं।• आँखों की हिफाजत: अल्लाह ने आँखों को स्वचालित सुरक्षा प्रदान की है, जिससे आँखों की पलकें खुद बखुद किसी भी हानिकारक चीज़ के संपर्क में आने पर बंद हो जाती हैं।• आँखों की सफाई: आँखों के खुलने और बंद होने से आँखों का मैल भी साफ हो जाता है, जो अल्लाह की कुदरत की एक और निशानी है। अल्लाह तआला ने दुनिया के हसीन तरीन मनाजिर देखने के लिये हमें जिस तरह आँख जैसी नेअमत अता…
तेल (Oil) में अल्लाह की क़ुदरत Highlights • तेल का स्रोत: अल्लाह ने नारियल, मूंगफली, सूरजमुखी, सरसों आदि जैसे पौधे बनाए, जो विभिन्न प्रकार के खुशबूदार तेल प्रदान करते हैं।• खुशबूदार तेल: ये तेल हमारी खाने, मालिश, और अन्य जरूरतों को पूरा करते हैं।• तेल बनाने की कुदरत: इन पौधों को तेल उत्पन्न करने की विशेष क्षमता अल्लाह तआला द्वारा दी गई है।• रंग और ज़ायक़ा: पौधों के बीजों और दानों से विभिन्न रंगों और ज़ायक़ेदार तेलों का संग्रह अल्लाह की कुदरत का एक और चमत्कार है।• अल्लाह का इन्तेज़ाम: यह पूरी व्यवस्था अल्लाह तआला की कुदरत और सटीक योजना का परिणाम है। अल्लाह तआला ने…
मुंह में रतूबत (थूक) Highlights • मुंह की रतूबत (थूक): खाना चबाने के दौरान पैदा होती है, जो हज्म में मदद करती है।• नॉर्मल रतूबत: हल्की रतूबत मुंह को सूखने से बचाती है और बात करने में सहायक होती है।• असंतुलन के प्रभाव: रतूबत की कमी से मुंह सूखने पर दम घुटने लगेगा, और अधिकता से बोलने और मुंह खोलने में कठिनाई होगी।• अल्लाह की कुदरत: खाना खाने के वक्त रतूबत की मात्रा बढ़ा देना और सामान्य स्थिति में उसे संतुलित रखना।• जीवन का संतुलन: यह अल्लाह की शक्ति है जो हर स्थिति में इंसान के लिए उपयुक्त व्यवस्था करती है। अल्लाह तआला ने…
शहद का कारखाना Highlights • शहद की मक्खी का हुनर: शहद की मक्खी फूलों से रस जमा करके छत्तों में सुरक्षित करती है।• छत्तों का निर्माण: मक्खी के बनाए हुए छत्तों में छोटे-छोटे खाने होते हैं, जिनके कोने समान होते हैं।• फलों का रस जमा करना: मक्खी उन खानों में फलों का रस लाकर जमा करती है।• कुदरत का इन्तेज़ाम: शहद का निर्माण और उसके सुरक्षित जमा करने का तरीका अल्लाह की अद्भुत कुदरत है।• अल्लाह की कुदरत: यह शहद के उत्पादन की प्रक्रिया अल्लाह की महानता और बुद्धिमत्ता को दर्शाती है। अल्लाह तआला ने अपनी कुदरत से इन्सानों की खिदमत के लिए…
समुन्दरी मछली में अल्लाह की कुदरत जिस तरह अल्लाह तआला ने हमारे लिये जमीन पर बेशुमार ग़िज़ाएँ पैदा फ़रमाई इसी तरह समन्दर में बेशुमार किस्म की मछलियों को हमारी गिजा बना दिया। लोग हजारों साल से समुन्दरी मछलियों का शिकार कर के अपनी गिजा हासिल कर रहे हैं। लेकिन आज तक मछलियां खत्म नहीं हुई। और अजीब बात यह है के खारे और मीठे समुन्दर की मछलियों के जायके में कोई खास फर्क नहीं होता। बेशक यह अल्लाह की कुदरत और बन्दों पर उसकी बड़ी इनायत है जिसने उनके लिये मछली जैसी अहम गिजा का इन्तज़ाम फर्माया।
ज़बान दिल की तर्जमान है : अल्लाह की कुदरत Highlights • ज़बान की नेअमत: अल्लाह तआला ने इंसान को ज़बान जैसी महत्वपूर्ण नेअमत अता की, जिसके द्वारा न सिर्फ स्वाद का एहसास होता है, बल्कि दिल की भावनाओं को भी व्यक्त किया जाता है।• दिल की तर्जमानी: दिल में उठने वाली भावनाओं को ज़बान शब्दों में बदल देती है, जो दिमाग और दिल की कड़ी मेहनत का परिणाम होती है।• कुदरत की कारीगरी: अल्लाह तआला ने दिल, दिमाग और ज़बान को इस तरह से जोड़ा है कि वे एक-दूसरे से समन्वित होकर कार्य करते हैं। अल्लाह तआला ने हम को ज़बान जैसी नेअमत अता फरमायी। उस के जरिये जहाँ…
परिन्दों की परवरिश Highlights • परिंदों की परवरिश: अल्लाह तआला ने परिंदों को अपनी संतान की परवरिश करने के तरीके सिखाए हैं, जैसे अंडों को गरम रखना और उनकी देखभाल करना।• प्राकृतिक भोजन स्रोत: परिंदों के बच्चों के लिए कीड़े मकोड़े पैदा किए गए हैं, जो उनकी पोषण की आवश्यकता को पूरा करते हैं।• परों का विकास: जैसे ही बच्चे बड़े होते हैं, वे स्वाभाविक रूप से उड़ना सीख जाते हैं।• कुदरत का करिश्मा: परिंदों की संतान के जन्म, परवरिश और उड़ने की प्रक्रिया में अल्लाह की कुदरत। चमगादड़ के अलावा तमाम परिन्दे अंडे देते हैं, वह उन पर बैठकर हरारत व गर्मी…
शक्ल व सूरत का मुख्तलिफ होना Highlights • हर इंसान की शक्ल, रंग और सूरत अल्लाह की कुदरत से अलग होती है।• विभिन्न देशों, नस्लों और खित्तों के लोगों की शक्लें आपस में भिन्न होती हैं।• मर्द और औरत की शक्ल और बनावट में भी फर्क होता है, जो अल्लाह की महान कुदरत को दर्शाता है। अल्लाह तआला ने अपनी कुदरत से हर एक इन्सान के चेहरे पर दो कान, दो आँखें, नाक, मुँह और होंट बनाए, उस के बावजूद सब की शक्ल व रंग एक दूसरे से मुख्तलिफ है, हर मुल्क, खित्ते या नस्ल के लोगों की शक्ल व सूरत दूसरी जगह के रहने वालों…
बारिश में कुदरती निज़ाम अल्लाह तआला बादलों के जरिये इतनी बुलन्दी से बारिश बरसाता हैं के अगर वह अपनी रफ्तार में से ज़मीन पर गिरती तो जमीन में बड़े बड़े गढ़े हो जाते और तमाम जानदार, हैवानात, पेड़ पौधे, खेती-बाड़ी सब फ़ना हो जाते। लेकिन अल्लाह तआला ने फिजा में अपनी कुदरत से इतनी रुकावटें खड़ी कर दी हैं के तेज रफ्तार बारिश उनसे गुजर कर जब ज़मीन पर आती है तो इन्तेहाई धीमी हो जाती है, जिस से दूनिया की तमाम चीजें तबाह व बरबाद होने से महफुज हो जाती हैं। बेशक यह अल्लाह का कुदरती निजाम है जो बारिश को इतने अच्छे…
साँस लेने का निज़ाम, बलग़म के फायदे Highlights • बलग़म का कार्य: यह हवा के नालियों को गीला रखता है और उसमें मौजूद गंदगी को जकड़कर बाहर निकालता है।• फेफड़ों की हिफाज़त: इस प्रणाली के कारण, हमारे फेफड़े सुरक्षित रहते हैं और गंदगी से मुक्त रहते हैं।• अल्लाह की कुदरत: यह दर्शाता है कि अल्लाह तआला ने कितनी बारीकी से हमारे शरीर की सुरक्षा के लिए गैबी इंतजाम किया है। जब हम गर्द व गुबार वाली हवा में साँस लेते हैं तो मिट्टी के ज़र्रात भी उस में शामिल हो जाते हैं। जिनसे हिफाजत के लिये अल्लाह तआला ने नाक से फेफड़े तक हवा के रास्ते में…
MD. Salim Shaikh
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