“अगर तुम बीमार हो जाओ या सफर में हो या तुम में से कोई शख्स अपनी तबई ज़रूरत (यानी पेशाब पाखाना कर के) आया हो या अपनी बीवी से मिला हो और तुम पानी (के इस्तेमाल की) ताकत न रखते हो, तो ऐसी हालत में तुम पाक मिट्टी का इरादा करो। (यानी तयम्मुम कर लो)।”
फायदा : अगर किसी पर गुस्ल करना फ़र्ज़ हो जाए और पानी इस्तेमाल करने की ताकत न रखे, तो ऐसी सुरत में गुस्ल के लिए तयम्मुम कर के नमाज पढ़ना फ़र्ज़ है और तयम्मुम का तरीका यह है के दोनो हाथों को जमीन पर मार कर चेहरे पर मसह कर लें फिर जमीन पर मारें और दोनों हाथों पर कोहनियों समेत मसह कर लें।
मेअदे का निज़ाम ( Digestive System ) Highlights • गौर करने योग्य सिस्टम: शरीर के अंदर पाचन प्रणाली (digestive system) का सटीक कार्य, जो गिज़ा को खून में बदलकर शरीर को पोषण पहुँचाता है।• कुदरत का अद्भुत कार्य: हर कदम पर अल्लाह की कुदरत और हिकमत को महसूस करना चाहिए, जो इस जटिल तंत्र को नियंत्रित कर रही है।• अल्लाह की कुदरत: यह सारा निज़ाम अल्लाह के क़दमों का किया हुआ काम है, जो पूरी तरह से बिना किसी बुराई के चलता है। हमें इन्सानी जिस्म के अन्दर जो निज़ाम चल रहा है उस पर गौर करना चाहिये, इन्सान जब लुकमा मुंह में डालता है वह मेअदे…
अपनी जानों पर जुल्म ना करो: कुरआन अपनी जानों पर ज़ुल्म न करो: अल्लाह ताला ज़ुल्म से बचने के बारे में इरशाद फरमाता है: और अपने आप को क़त्ल न करो। और जो शख्स जोरो ज़ुल्म से नाहक़ ऐसा करेगा (ख़ुदकुशी करेगा) तो (याद रहे कि) हम बहुत जल्द उसको जहन्नुम की आग में झोंक देंगे यह ख़ुदा के लिये आसान है। सूरह निसा 4:29-30 और अल्लाह की राह में ख़र्च करो और अपने हाथ जान हलाकत मे न डालो और नेकी करो बेशक अल्लाह नेकी करने वालों को दोस्त रखता है। सूरह बकराह 2:195 अल्लाह ने ज़ुल्म को हराम कर दिया: (ऐ रसूल) तुम साफ कह…
दाढ़ी रखने की अहमियत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "मूंछों को कतरवाओ और दाढ़ी को बढ़ाओ।" 📕 बुखारी: ५८९३ वजाहत: दाढी रखना शरीअते इस्लाम में वाजिब और इस्लामी शिआर में से है इस लिये तमाम मुसलमानों के लिये उस पर अमल करना इन्तेहाई जरूरी है।
हँसाने के लिये झूट बोलने का गुनाह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: "उस शख्स के लिये हलाकत है, जो लोगों को हँसाने के लिये कोई बात कहे और उसमें झूट बोले, उसके लिये हलाकत है, हलाकत है।" 📕 अबू दाऊद : ४९९०
कर्ज़ अदा करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "क़र्ज़ की अदायगी पर ताकत रखने के बावजूद टाल मटोल करना जुल्म है।" 📕 बुखारी : २४००, अन अबू हुरैरह (र.अ) फायदा: अगर किसी ने कर्ज़ ले रखा है और उस के पास कर्ज अदा करने के लिए माल है, तो फिर कर्ज, अदा करना ज़रूरी है, टाल मटोल करना जाइज नहीं है।
जन्नत हासिल करने के लिये दुआ करना जन्नत हासिल करने के लिये इस दुआ को कसरत से माँगे: तर्जमा: (ऐ मेरे रब!) मुझ को जन्नत की नेअमतों का वारिस बना दे। 📕 सूरह शोअरा: ८५
नमाज के लिये मस्जिद जाना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "जो शख्स सुबह व शाम मस्जिद जाता है अल्लाह तआला उस के लिये जन्नत में मेहमान नवाज़ी का इंतिज़ाम फ़रमाता हैं, जितनी मर्तबा जाता है उतनी मर्तबा अल्लाह तआला उस के लिये मेहमान नवाज़ी का इंतिज़ाम फ़रमाता हैं।" 📕 बुखारी:662, अन अबी हुरैरह (र.अ)
सिर दर्द से हिफाजत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "हम्माम (गुस्ल खाना) से निकलने के बाद कदमों को ठन्डे पानी से धोना सिर दर्द से हिफाजत का जरिया है।" 📕 कन्जुल उम्माल: २८२९६
आटे की छान से इलाज आटे की छान से इलाज ۞ हदीस: हजरत उम्मे ऐमन (र.अ) आटे को छान कररसूलुल्लाह (ﷺ) के लिये रोटी तय्यार कर रही थीं केआप (ﷺ) ने दरयाफ्त फ़रमाया: यह क्या है ? उन्होंने अर्ज किया: यह हमारे मुल्क का खाना है, जो आप के लिये तय्यार कर रही हूँ। तो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "तुम ने आटे में से जो कुछ छान कर निकाला है उस को उसी में डाल दो और फिर गूंधो।" 📕 इब्ने माजा: ३३३६ फायदा : जदीद तहकीकात से मालूम हआ है के आटे की छान (भूसी) पुराने कब्जऔर ज़्याबेतीस के मरीजों के लिये बेहतरीन…
जमीन का अजीब फर्श अल्लाह तआला फर्माता है : "हम ने जमीन को फर्श बनाया और हम कैसे अच्छे बिछाने वाले हैं।" जरा गौर कीजिये, अल्लाह तआला ने ज़मीन का कैसा अच्छा बिस्तर बिछाया है जिस पर हम आराम करते हैं, इस बिस्तर के बगैर हमारे लिये रहना दुश्वार था। फिर हमारे लिये ज़िंदगी की तमाम जरुरियात खाने पीने, अनाज, ग़ल्ले और मेवे के लिये जमीन को ख़ज़ाना बनाया, फिर सदी, गर्मी से हिफाजत भी जमीन पर रह कर कर सकते हैं और बदबूदार चीजें और मुरदार जिन की बदबू से हम को सख्त तकलीफ होती है ऐसी चीजों को हम जमीन में दफन…
सलाम करने पर नेकियाँ रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जिस ने अस्सलामु अलैकुम कहा, उस के लिये दस नेकियाँ लिखी जाती हैं और जिस ने अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह कहा, उस के लिये बीस नेकियाँ लिखी जाती है, और जिसने अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह व बरकातुह कहा, उस के लिये तीस नेकियाँ लिखी जाती हैं।" 📕 तबरानी कबीर : ५४२९
नमाज़े गुनाहों को मिटा देती हैं रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सहाबा से पूछा: "अगर किसी के दरवाजे पर एक नहर हो और उसमें वह हर रोज़ पाँच बार गुस्ल किया करे, तो क्या उसका कुछ मैल बाकी रह सकता है? सहाबा ने अर्ज किया के कुछ भी मैल न रहेगा।” आप (ﷺ) ने फर्माया के : "यही हालत है पाँचों वक्त की नमाज़ों की, के अल्लाह तआला उनके सब बगुनाों को मिटा देता है।" 📕 बुखारी: ५२८, अन अबी हुरैरह (र.अ)
दुनिया की चीज़ों में गौर व फिक्र करना कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "इसी (बारिश के पानी के जरिये अल्लाह तआला तुम्हारे लिये खेती, जैतून, खजूर और अंगूर और हर किस्म के फल उगाता है, यकीनन इन चीजों में गौर व फिक्र करने वालों के लिये बड़ी निशानियां है।" 📕 सूरह नहल ११
गुस्ल में पूरे बदन पर पानी बहाना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "(जिस्म) के हर बाल के नीचे नापाकी होती है, लिहाजा तुम बालों को धोओ और बदन को अच्छी तरह साफ करो।" 📕 तिर्मिज़ी: १०६ खुलासा: गुस्ल में पूरे बदन पर पानी पहुँचाना फर्ज है।
MD. Salim Shaikh
Assalamu Alaikum – I am Mohammad Salim Shaikh, founder of Ummat-e-Nabi.com, sharing authentic Islamic knowledge since 2010. My mission is to present the beauty of Islam in a simple and clear way through Qur’an and Hadith. Alhamdulillah, our Facebook page fb.com/UENofficial
with 900,000+ followers continues to spread Islamic teachings, building a strong global community of learning and faith.