गुनाहों से माफी की दुआ | रब्बना ज़लमना अन्फुसना वईल लम तग्फिर लना वतर हमना लनकूनन्ना मिनल खासिरीन “अपने गुनाहों से माफी मांगने और अल्लाह तआला से रहम व करम तलब करने के लिए यह दुआ करनी चाहिए”– رَبَّنَا ظَلَمْنَا أَنفُسَنَا وَإِن لَّمْ تَغْفِرْ لَنَا وَتَرْحَمْنَا لَنَكُونَنَّ مِنَ الْخَاسِرِينَ रब्बना ज़लमना अन्फुसना वईल लम तग्फिर लना वतर हमना लनकूनन्ना मिनल खासिरीन तर्जमा: ऐ हमारे रब ! हम ने अपनी जानों पर बड़ा जुल्म किया (अब) अगर आप हमारी मगफिरत नहीं फर्माएंगे और रहम नहीं करेंगे तो हमारा बड़ा नुकसान हो जाएगा। 📕 सूरह आराफ़ : 23 वजाहत: यह हज़रत आदम व हव्वा (अ.स) की दुआ है, जो उन्होंने अपनी माफी के लिए अल्लाह तआला से की थी।
क़यामत की रुसवाई से बचने की दुआ कयामत के दिन जिल्लत व रुसवाई से बचने के लिए इस दुआ का एहतमाम करना चाहिए: رَبَّنَا وَآتِنَا مَا وَعَدتَّنَا عَلَىٰ رُسُلِكَ وَلَا تُخْزِنَا يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۗ إِنَّكَ لَا تُخْلِفُ الْمِيعَادَ तर्जमा : ऐ हमारे परवरदिगार! तूने जो अपने रसूलों से वादा किया है, वह हमें अता फर्माइये और कयामत के दिन हमें रुसवा न कीजिए बेशक तू वादा खिलाफ़ी नहीं करता। 📕 सूर-ए-आले इमरान: १९४
दुआ कराने वाले की दुआ पर आमीन कहेना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "जब कुछ लोग जमा हो और उनमें से कोई एक आदमी दुआ करे और दूसरे आमीन कहें तो अल्लाह तआला उनकी दुआ कबूल फरमाता है।" 📕 हाकिम : ५४७८
फसाद फैलाने की सज़ा कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: "जो लोग अल्लाह और उसके रसूल से लड़ते हैं, जमीन में फसाद करने की कोशिश करते हैं, ऐसे लोगों की बस यही सजा है के वह कत्ल कर दिये जाएं या सूली पर चढ़ा दिये जाएँ या उनके हाथ और पाँव मुखालिफ जानिब से काट दिये जाएं या वह मुल्क से बाहर निकाल दिये जाएँ। यह सजा उन के लिये दुनिया में सख्त रुसवाई (का जरिया) है और आखिरत में उनके लिये बहुत बड़ा अजाब है।" 📕 सूरह मायदा: ३३
अज़ान के बाद दुआ पढ़ना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: "जो बन्दा अजान सुनते वक़्त अल्लाह से यूँ दुआ करे: Allahumma Rabba Hadhihi-D-Dawatit-Tammaa Was-Salatil Qaimah, Aati Muhammadan Al-Wasilata Wal-Fazilah, Wabaathhu Maqaman Mahmudan-Il-Ladhi Waadtah तो वह बन्दा क़यामत के दिन मेरी शफाअत का हकदार हो गया।" 📕 बुखारी : ६१४
बेचैनी की दुआ | Bechaini ki Dua 4 Bechaini ki Dua ❶ Allahu Allahu Rabbi laa ushriku bihi shai'an ❷ La ilaha illa anta subhanaka innee kuntu mina-zalimeen ...
गुनाहों से बचने की दुआ गुनाहों से बचने की दुआ गुनाहों से बचने के लिए यह दुआ पढ़े: “ऐ अल्लाह ! जबतक मैं जिंदा रहूँ मुझे गुनाहों से बचने की तौफीक अता फर्मा।” 📕 तिर्मिज़ी : ३५७०, इब्ने अब्बास (र.अ)
कर्जो और ग़मों से नजात की दुआ रसूलल्लाह (ﷺ) ने कर्ज़ों और ग़मों से छुटकारे के लिये सुबह व शाम यह दुआ पढ़ने के लिये फर्माया : "Allahumma inni a’udhu bika minal-hammi wal hazan, wa a’udhu bika minal-‘ajzi wal-kasal wa a’udhu bika minal-jubni wal-bukhul wa a’udhu bika min ghalabatid-dayn wa qahrir-rijal." तर्जुमा: ए अल्लाह मैं पनाह चाहता हु रंज और ग़म से, और पनाह चाहता हूँ आजज़ी और कुसली (सुस्ती) से और पनाह चाहता हूँ बुख़ल और बुज़दिली से और पनाह चाहता हु कसरत ए क़र्ज़ से और लोगों के ग़लबा पाने से। 📕 अबू दाऊद : १५५५
गुनाह देख कर खामोश ना रहो कुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है - "तुम ऐसे अज़ाब से बचो, जो सिर्फ गुनाह करने वालों ही पर नहीं आएगा, बल्कि गुनाह देख कर खामोश रहने वालों को भी अपनी पकड़ में लेगा खूब जान लो के अल्लाह सख्त सज़ा देने वाला है।" 📕 सूर-ए-अनफाल: २५
नफ़्स की बुराई से पनाह माँगने की दुआ रसूलल्लाह (ﷺ) ने हजरत इमरान बिन हुसैन (र.अ) के वालिद को यह दुआ सिखाई: तर्जमा: ऐ अल्लाह! मेरे दिल में भलाई डाल दे और मेरे नफ़्स की बुराई से मुझे बचा दे। 📕 तिर्मिज़ी: ३४८३