ईमान की बरकत से जहन्नम से छुटकारा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : जब जन्नती जन्नत में चले जाएंगे और जहन्नमी जहन्नम में चले जाएंगे, तो अल्लाह तआला फरमाएगा: "जिस के दिल में राई के दाने के बराबर भी ईमान हो उसे भी जहन्नम से निकाल लो, चुनान्चे उन लोगों को भी निकाल लिया जाएगा, जिनकी यह हालत होगी के वह जल कर काले सियाह हो गए होंगे। उसके बाद उन को “नहरे हयात” में डाला जाएगा, तो इस तरह निकल आएंगे जैसे दाना सैलाब के कड़े में (खाद और पानी मिलने की वजह से) उग आता है।” 📕 बुखारी: २२, अन अबी सईद खुदरी (र.अ)
लोगों के लिये वही चीज पसंद करो जो तुम अपने लिये पसंद करते हो रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "तक़वा व परहेजगारी इख्तियार करो, सब से बड़े इबादत गुजार बन जाओगे और थोड़ी चीज पर रजामन्द हो जाओ सब से बड़े शुक्रगुज़ार बन जाओगे और लोगों के लिये वही चीज पसंद करो जो तुम अपने लिये पसंद करते हो, तुम (सच्चे) मोमिन बन जाओगे और तुम अपने पड़ोसी के साथ हुस्ने सुलूक करो (पक्के) मुसलमान बन जाओगे और कम हँसा करो, क्योंकि ज्यादा हँसने से दिल मुर्दा हो जाता है।" 📕 इब्ने माजा : ४२१७
सिर्फ दुनिया की नेअमतें मत मांगो कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “जो शख्स (अपने आमाल के बदले में) सिर्फ दुनिया के इनाम की ख्वाहिश रखता है (तो यह उस की नादानी है के उसे मालूम नहीं) के अल्लाह तआला के यहाँ दुनिया और आखिरत दोनों का इनाम मौजूद है (लिहाजा अल्लाह से दुनिया और आखिरत दोनों की नेअमतें मांगो) अल्लाह तुम्हारी दुआओं को सुनता और तुम्हारी निय्यतों को देखता है।” 📕 सूरह निसा 134
दुनिया में खुद को मशगूल न करो रसुलअल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “तुम में से कयामत के दिन मुझ से ज़ियादा करीब वह शख्स होगा, जो दुनिया से उसी तरह निकल आए, जिस तरह मैं छोड़ कर जा रहा हूँ; अल्लाह की कसम! मेरे सिवा तुम में से हर एक दुनिया की किसी न किसी चीज़ में फंसा हुआ है।” 📕 मुस्नदे अहमद ; हदीस २०९४७
दुनिया से बेरग़वती का इनाम रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "जो शख्स जन्नत का ख्वाहिश मन्द होगा वह भलाई में जल्दी करेगा। और जो शख्स जहन्नम से खौफ करेगा, वह ख्वाहिशात से गाफिल (बेपरवाह) हो जाएगा और जो मौत का इंतज़ार करेगा उसपर लज्जतें बेकार हो जाएगी और जो शख्स दुनिया में जुद (दुनिया से बेरगबती) इख्तियार करेगा, उस पर मुसीबतें आसान हो जाएँगी।" 📕 शोअबुल ईमान: १०२१९
मोमिन के साथ क़ब्र का सुलूक रसलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जब मोमिन बन्दे को दफन किया जाता है, तो कब्र उस से कहती है: तुम्हारा आना मुबारक हो, मेरी पुश्त पर चलने वालों में तुम मुझे सब से जियादा महबूब थे, जब तुम मेरे हवाले कर दिए गए और मेरे पास आ गए, तो तुम आज मेरा हुस्ने सुलूक देखोगे, तो जहाँ तक नजर जाती है क़ब्र कुशादा हो जाती है और उसके लिये जन्नत का दरवाजा खोल दिया जाता है।" 📕 तिरमिजी : २४६०, अन अबी सईद खुदरी (र.अ)
दुनिया में चैन व सुकून नहीं है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "खबरदार ! दुनिया के बारे में जो कुछ मैं जानता हूँ, अगर तुम भी जानने लगो, तो तुम्हें कभी दुनिया में चैन नसीब न हो।" 📕 मुस्तदरक हाकिम : ६६४०
दुनिया से ज्यादा आखिरत अहेम कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “तुम तो दुनिया का माल व असबाब चाहते हो और अल्लाह तआला तुमसे आखिरत को चाहता हैं।” 📕 सूर-ए-अन्फाल: ६५ वजाहत: इन्सान हर वक्त दुनियावी फायदे में मुन्हमिक रहता है और इसी को हासिल करने की फिक्र करता रहता है; हालांके अल्लाह तआला चाहता हैं के दुनिया के मुकाबले में आखिरत की फिक्र जियादा की जाए; क्योंकि आखिरत की फ़िक्र करना ज्यादा अहेम है।
गुनहगारों के साथ क़ब्र का सुलूक रसलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जब गुनहगार या काफ़िर बन्दे को दफ़्न किया जाता है, तो कब्र उससे कहती है : तेरा आना ना मुबारक हो, मेरी पीठ पर चलने वालों में तुम मुझे सब से जियादा ना पसंद थे, जब तुम मेरे हवाले कर दिए गए और मेरे पास आ गए, तो तुम आज मेरी बद सुलूकी देखोगे, फिर कब्र उस को दबाती है और उस पर मुसल्लत हो जाती है, तो उसकी पसलियों एक दूसरे में घुस जाती हैं।" 📕 तिर्मिज़ी : २४६०, अन अबी सईद (र.अ)
जमाई / उबासी ले तो अपना हाथ मुंह पर रख ले रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जब तुम में से कोई शख्स जमाई / उबासी ले तो उस को अपना हाथ मुंह पर रख लेना चाहिये, क्योंकि (खुले) मुँह में शैतान दाखिल हो जाता है।" 📕 मुस्लिम: ७४९१, अन अबी सईद रज़ि०
अल्लाह तआला ने कलम को पैदा किया Highlights • अल्लाह तआला की सृष्टि: अल्लाह ने सबसे पहले क़लम को पैदा किया और उसे पूरी काइनात की तक़दीर लिखने का हुक्म दिया। • तक़दीर की तहरीर: क़लम ने क़यामत तक होने वाली तमाम घटनाओं को अल्लाह के हुक्म से पहले ही लिख दिया। • अल्लाह की अजीम कुदरत: अल्लाह ने मख्लूक़ की तक़दीर को ज़मीन और आसमान की पैदाइश से 50,000 साल पहले तय किया। अल्लाह तआला हमेशा से है और हमेशा रहेगा, हर चीज़ को अल्लाह तआला ही ने पैदा किया और एक दिन उसी के हुक्म से सारी काइनात खतम हो जाएगी। कुरअने पाक में अल्लाह…
कब्र की पुकार रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “कब्र रोज़ाना पुकार कर कहती है, मैं तन्हाई का घर हूँ, मैं मिट्टी का घर हूँ, मैं कीड़े मकोड़े का घर हूँ।” 📕 तिर्मिज़ी : २४६०, सईद खुदरी (र.अ)
मस्जिद की सफाई का इन्आम रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “जो शख्स मस्जिद का कूड़ा करकट साफ़ करेगा, अल्लाह तआला उस का घर जन्नत में बनायेगा।” 📕 इब्ने माजा:७५७, अबी सईद (र.अ)
कयामत किन लोगों पर आएगी रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "कयामत सिर्फ बदतरीन लोगों पर ही आएगी।" 📕 मुस्लिम : ७४०२ फायदा: जब तक इस दुनिया में एक शख्स भी अल्लाह का नाम लेने वाला जिंदा रहेगा, उस वक्त तक दुनिया का निजाम चलता रहेगा, लेकिन जब अल्लाह का नाम लेने वाला कोई न रहेगा और सिर्फ बदतरीन और बुरे लोग ही रह जाएँगे, तो उस वक़्त क़यामत कायम की जाएगी।
MD. Salim Shaikh
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