दुनिया को मक़सद बनाने का अंजाम

duniya ka maksad banane ka anjam

दुनिया को मक़सद बनाने का अंजाम

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“जो शख्स अल्लाह का हो जाता है, तो अल्लाह तआला उस की जरूरियात का कफील बन जाता है और उस को ऐसी जगह से रोज़ी पहुंचाता है जहाँ से उस का वहम व गुमान भी नहीं होता।
और जो शख्स मुकम्मल तौर पर दुनिया की तरफ झुक जाता है, तो अल्लाह तआला उसे दुनिया के हवाले कर देता है।”

📕 बैहकी शोअबुल ईमान: १०९०

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