Highlights
• दीमक की अजीब मख्लूक़: नाबीना होते हुए भी दीमक शानदार और मजबूत टावर जैसे घर बनाती है।
• उल्लेखनीय ऊँचाई: दीमक के घर उनकी अपनी जसामत से हजारों गुना ऊँचे होते हैं।
• मिट्टी और लुआब का उपयोग: अपने घरों को बनाने के लिए दीमक मिट्टी, लुआब, और फ़ज्ला का इस्तेमाल करती हैं।
• अनूठी संरचना: इन घरों में भूल-भुलैया, नहरों के रास्ते, और हवा के बहाव का प्रबंधन होता है।
• अल्लाह की कारीगरी: बीनाई से महरूम होकर भी इतनी अद्भुत निर्माण क्षमता अल्लाह की कुदरत का करिश्मा है।
दीमक में अल्लाह की कुदरत
अल्लाह तआला ने बेशुमार मख्लूक़ पैदा फ़रमाई है। उन में एक अजीब नाबीना मख्लूख “दीमक” भी है।
वह नाबीना होने के बावजूद सर्दी और बारिश से बचने के लिये शानदार और मजबूत टावर नुमा घर बनाती है। जिस की ऊँचाई उन की जसामत से हजारों गुना ज्यादा होती है।
उन घरों के बनाने में वह मिट्टी और अपने लुआब व फ़ज्ला का इस्तेमाल करती हैं। उन के घरों में बेशुमार खाने होते हैं। जिन में भूल भूलय्याँ , छोटी छोटी नहरों के रास्ते और हवा के गुजरने का इन्तज़ाम होता है।
आखिर बीनाई से महरूम दीमक को टावर नुमा और शानदार घर बनाने की सलाहियत किसने अता फ़रमाई ? यक़ीनन यह अल्लाह ही की कारीगरी और उसी की कुदरत का करिश्मा है।
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