कुरआन का मजाक उड़ाने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "जब इन्सान के सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं, तो कहता है के यह पहले लोगों के किस्से कहानियां हैं। हरगिज़ नहीं! बल्के उन के बुरे कामों के सबब उन के दिलों पर जंग लग गया है।" 📕 सूरह मुतफ्फिफीन: १३ ता १४
अल्लाह के रास्ते में जाने वाले को दुआ देना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने एक जमात को अल्लाह के रास्ते में रवाना करते हुए फ़रमाया : “अल्लाह के नाम पर सफर शुरू करो और यह दुआ दी: तर्जमा: ऐ अल्लाह! इनकी मदद फ़र्मा। 📕 तबरानी कबीर: ११३८९
नफ़्स की बुराई से पनाह माँगने की दुआ रसूलल्लाह (ﷺ) ने हजरत इमरान बिन हुसैन (र.अ) के वालिद को यह दुआ सिखाई: तर्जमा: ऐ अल्लाह! मेरे दिल में भलाई डाल दे और मेरे नफ़्स की बुराई से मुझे बचा दे। 📕 तिर्मिज़ी: ३४८३
सखावत इख़्तियार करना रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “अल्लाह तआला सखी है और सखावत को पसन्द करता है। अच्छे अख्लाक़ को पसन्द करता है और बुरे अख्लाक को नापसन्द करता है।” 📕 कंजुल उम्माल : ४३५००
लोगों के लिये वही चीज पसंद करो जो तुम अपने लिये पसंद करते हो रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "तक़वा व परहेजगारी इख्तियार करो, सब से बड़े इबादत गुजार बन जाओगे और थोड़ी चीज पर रजामन्द हो जाओ सब से बड़े शुक्रगुज़ार बन जाओगे और लोगों के लिये वही चीज पसंद करो जो तुम अपने लिये पसंद करते हो, तुम (सच्चे) मोमिन बन जाओगे और तुम अपने पड़ोसी के साथ हुस्ने सुलूक करो (पक्के) मुसलमान बन जाओगे और कम हँसा करो, क्योंकि ज्यादा हँसने से दिल मुर्दा हो जाता है।" 📕 इब्ने माजा : ४२१७
दुनियावी ज़िन्दगी धोका है दुनियावी जिन्दगी एक धोका है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "दुनियावी ज़िन्दगी तो कुछ भी नहीं सिर्फ धोके का सौदा है।” 📕 सूरह आले इमरान : १८५ “ऐ लोगो! बेशक अल्लाह तआला का वादा सच्चा है, फिर कहीं तुम को दुनियावी जिन्दगी धोके में न डाल दे और तुम को धोके बाज़ शैतान किसी धोके में न डाल दे, यकीनन शैतान तुम्हारा दुश्मन है। तुम भी उसे अपना दुश्मन ही समझो। वह तो अपने गिरोह (के लोगों) को इस लिये बुलाता है के वह भी दोज़ख वालों में शामिल हो जाएँ।” 📕 सूरह फातिर ५ ता ६ "ऐ इन्सान ! तुझे अपने रब की…
क़यामत की रुसवाई से बचने की दुआ कयामत के दिन जिल्लत व रुसवाई से बचने के लिए इस दुआ का एहतमाम करना चाहिए: رَبَّنَا وَآتِنَا مَا وَعَدتَّنَا عَلَىٰ رُسُلِكَ وَلَا تُخْزِنَا يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۗ إِنَّكَ لَا تُخْلِفُ الْمِيعَادَ तर्जमा : ऐ हमारे परवरदिगार! तूने जो अपने रसूलों से वादा किया है, वह हमें अता फर्माइये और कयामत के दिन हमें रुसवा न कीजिए बेशक तू वादा खिलाफ़ी नहीं करता। 📕 सूर-ए-आले इमरान: १९४
गुनाहों से बचने की दुआ गुनाहों से बचने की दुआ गुनाहों से बचने के लिए यह दुआ पढ़े: “ऐ अल्लाह ! जबतक मैं जिंदा रहूँ मुझे गुनाहों से बचने की तौफीक अता फर्मा।” 📕 तिर्मिज़ी : ३५७०, इब्ने अब्बास (र.अ)
सवारी पर सवार होने के बाद की दुआ सवारी पर सवार होने के बाद की दुआ रसूलुल्लाह (ﷺ) जब सफ़र के इरादे से निकलते और सवारी पर बैठ जाते तो तीन मर्तबा तक्बीर: (अल्लाहु अकबर) फ़र्माते और यह दुआ पढ़तेः "Allahu akbar, Allahu akbar, Allahu akbar, subhanal-lathee sakhkhara lana hatha wama kunna lahu muqrineen,wa-inna ila rabbina lamunqaliboon" 📕 तिर्मिज़ी : ३४४७, अन इब्ने उमर (ऱ.अ)
पुरे यकींन से दुआ करो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "तुम अल्लाह तआला से ऐसी हालत में दुआ किया करो के तुम्हें कुबूलियत का पूरा यकीन हो और यह जान रखो के अल्लाह तआला गफलत से भरे दिल की दुआ कबूल नहीं करता।” 📕 तिर्मिजी: ३४७९
दूसरों के बारे में बुरे विचार मत रखो क्योंकि यह अधिकतर झूठे होते है अल्लाह के अन्तिम ईशदूत मुहम्मद (ﷺ) ने कहा कि : "दूसरों के बारे में बुरे विचार मत रखो क्योंकि यह अधिकतर झूठे होते है।लोगों की खराबियों को मत ढूंढो,दूसरों से जलन न रखो, किसी के पीठ पीछे उसकी बुराई न करो,घृणा न करो, ईश्वर के भक्त और भाई-भाई बन कर रहो।" 📕 बुखारी शरीफ 6064
अज़ाबे कब्र से बचने की दुआ रसूलुल्लाह (ﷺ) यह दुआ कसरत से फ़रमाते थे: तर्जमा: ऐ अल्लाह ! मैं अज़ाबे कब्र, अज़ाबे दोजख, ज़िंदगी और मौत के फितने और दज्जाल के फितने से तेरी पनाह चाहता हूँ। 📕 बुखारी: १३७७. अन अबी हुरैरह रज़ि०
कुरआन सुनने से रोकने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "यह काफिर लोग (एक दूसरे से) कहते हैं के इस कुरआन को मत सुना करो और उस के दौरान शोर मचाया करो, उम्मीद है के इस तरह तुम ग़ालिब आ जाओगे। उन काफिरों को हम सख्त अज़ाब का मज़ा चखाएँगे और यकीनन हम उनको बुरे आमाल का बदला देंगे, जो वह किया करते थे।" 📕 सूरह हामीम सज्दा : २६ ता २७