बेचैनी की दुआ | Bechaini ki Dua 4 Bechaini ki Dua ❶ Allahu Allahu Rabbi laa ushriku bihi shai'an ❷ La ilaha illa anta subhanaka innee kuntu mina-zalimeen ...
दुआ कराने वाले की दुआ पर आमीन कहेना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "जब कुछ लोग जमा हो और उनमें से कोई एक आदमी दुआ करे और दूसरे आमीन कहें तो अल्लाह तआला उनकी दुआ कबूल फरमाता है।" 📕 हाकिम : ५४७८
Wazu ke darmiyan ki dua | वजू के दरमियान की दुआ Wazu ke darmiyan ki dua : Allahummagh fir li dhambi wa wassi' li fi dari wa barik li fi rizqi | तर्जमा : ऐ अल्लाह ! मेरे गुनाहों को माफ़ फ़र्मा और मेरे घर में वुसअत और रिज्क में बरकत अता फ़र्मा।
हर बीमारी का इलाज तिब्बे नबवी से रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “अल्लाह तआला ने हर बीमारी के लिए दवा उतारी है, जब बीमारी को सही दवा पहुँच जाती है, तो अल्लाह तआला के हुक्म से बीमारी ठीक हो जाती है।” 📕 मुस्लिम : ५७४१ एक मर्तबा हज़रत जिब्रईल (अ) रसूलुल्लाह (ﷺ) के पास तशरीफ़ लाए और पूछा: ऐ मुहम्मद (ﷺ) ! क्या आप को तकलीफ है? रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: हाँ! तो जिब्रईल ने यह दुआ पढ़ी: तर्जमा: अल्लाह के नाम से दम करता हूँ हर उस चीज़ से जो आपको तकलीफ़ दे ख्वाह किसी जानदार की बुराई हो या हसद करने वाली आँख की बुराई…
अज़ान सुन कर नमाज़ के लिए न जाने वाले शख्स का हाल मुआज दिन अनस (र.अ) से रिवायत है के, रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “सरासर जुल्म, कुफ्र और निफाक है उस शख्स का जो अल्लाह के मुनादी (यानी मोअज्जिन) की आवाज़ सुने और नमाज़ को न जाए।” 📕 तबरानी कबीर, हदीस: १६८०४
✓ अरफ़ा का दिन 2024 | अरफ़ा का रोज़ा, दुआ और उसकी फ़ज़ीलत अरफ़ा का दिन 2024 | Arafat Day 2024 in India | अरफ़ा का रोज़ा | “मैं अल्लाह से उम्मीद रखता हूं के अरफ़ा के दिन का रोज़ा एक साल पहले और एक साल बाद के गुनाह मिटा देगा।
खुश्बू को रद्द नहीं करना चाहिये रसूलल्लाह (ﷺ) को जब खुशबु का हदिया दिया जाता, तो आप (ﷺ) उस को रद्द नहीं फ़रमाते थे। 📕 तिर्मिजी : २७८९
जहन्नुम से नजात की दुआ रसलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “जब तुम मग़रिब की नमाज़ से फारिग हो जाओ, तो सात मर्तबा यह दुआ पढ लिया करो। ( Allahumma Ajirni Minan Naar )( ऐ अल्लाह! मुझ को दोजख से महफूज़ रख ) जब तुम इस को पढ़ लो और फिर उसी रात तुम्हारी मौत आजाए तो दोजख से महफूज़ रहोगे और अगर इस दुआ को सात मर्तबा फज़्र की नमाज के बाद (भी) पढ लो और उसी दिन तूम्हारी मौत आजाए तो दोजख से महफूज़ रहोगे।” 📕 अबू दाऊद : ५०७९, अन मुस्लिम बिन हारिस तमीमी (र.अ)
ताजिया क्या है और इसकी शुरूआत | Tajiya kya hota hai? मुहर्रम क्या है ? मुहर्रम कोई त्योहार नहीं है, यह सिर्फ इस्लामी हिजरी सन् का पहला महीना है। पूरी इस्लामी दुनिया में मुहर्रम की नौ और दस तारीख को मुसलमान रोजे रखते हैं और मस्जिदों-घरों में इबादत की जाती है। क्यूंकि ये तारीख इस्लामी इतिहास कि बहुत खास तारीख है….. रहा सवाल भारत में ताजियादारी का तो यह एक शुद्ध भारतीय परंपरा है, जिसका इस्लाम से कोई ताल्लुक़ नहीं है। .. तजिया की शुरुआत बरसों पहले तैमूर लंग बादशाह ने की थी, जिसका ताल्लुक शीआ संप्रदाय से था। तब से भारत के शीआ और कुछ क्षेत्रों में हिन्दू भी ताजियों (इमाम हुसैन…
अस्तगफार कि दुआ (जिसने ये दुआ की उसके सारे गुनाह मुआफ कर दिए गए) ۞ हदीस: ज़ैद (र.अ) से रिवायत है के, रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: जिसने ये कहा तो उसके गुनाह मुआफ कर दिए जायेंगे चाहे वो मैदाने जंग से ही क्यों न भाग गया हो: "अस्तग्फिरुल्लाह अल लज़ी ला इलाहा इल्ला हुवा अल हय्युल कय्यूम व अतुबू इलैह " तर्जुमा : (मैं अल्लाह से अपने गुनाहों की मुआफी मांगता हु जिसके सिवा कोई इबादत के लायक नहीं, जो जिंदा और हमेशा रहने वाला है और मैं उसी की तरफ तौबा करता हु) 📕 सुनन अबू दावुद, 1517-सहीह
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