सब मिलकर अल्लाह की रस्सी को मज़बूती से पकड़ लो [कुरआन ३:१०३] सब मिलकर अल्लाह की रस्सी को मज़बूती से पकड़ लो कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “तुम सब मिल कर अल्लाह की रस्सी को मजबूत पकड़े रहो (यानी कुरआन करीम के बताए हए तरीके और रास्ते पर चलो) और आपस में नाइत्तेफाक्री मत करो (अगर तुम नाइत्तेफाक्री की वजह से आपस में बिखर गए तो दुश्मन के मुकाबले में तुम नाकाम हो जाआगे और तुम्हारी कुव्वत व ताकत खत्म हो जाएगी)।” 📕 सूरह आले इमरान: १०३
अल्लाह तआला के साथ किसी को शरीक न करो कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "अल्लाह तआला के साथ किसी को शरीक न करो, माँ, बाप के साथ अच्छा सुलूक करो, और तंगदस्ती के खौफ से अपनी औलाद को कत्ल न करो, हम तुम, को भी रिज्क देते हैं और उन को भी; खुले और छुपे बेहयाई के कामों के करीब न जाओ।” 📕 सूरह अन्आम : १५२
हलाल को हराम समझने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "ऐ ईमान वालो ! अल्लाह ने तुम्हारे लिये जो पाक व लजीज चीजें हलाल की हैं, उन को अपने ऊपर हराम न किया करो और (शरई) हुदूद से आगे मत बढो, बेशक अल्लाह तआला हद से आगे बढ़ने वालों को पसन्द नहीं करता।” 📕 सूरह माइदा: ८७
सूद से बचना कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "ऐ ईमान वालो! तुम कई गुना बढ़ा कर सूद मत खाया करो (क्योंकि सूद लेना मुतलकन हराम है) और अल्लाह तआला से डरते रहो ताके तुम कामयाब हो जाओ।" 📕 सूरह आले इमरान: १३० नोट: कम या जियादा सुद लेना देना, खाना, खिलाना नाजाइज और हराम है,कुरआन और हदीस में इस पर बडी सख्त सजा आई है,लिहाजा हर मुसलमान पर सुदी लेन देन से बचना जरूरी है।'
शराबी की सज़ा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जिस ने शराबनोशी की, अल्लाह तआला चालीस रात तक उस से खुश नहीं होगा। अगर वह (उसी हाल में) मर गया तो कुफ्र की हालत में मरेगा और अगर तौबा कर ली तो अल्लाह तआला उस की तौबा क़बूल फ़र्माएगा और अगर फिर शराब पी तो अल्लाह तआला उस को दोज़खियों का पीप पिलाएगा।" 📕 मुस्नदे अहमद : २७०५६
अपनी जानों पर जुल्म ना करो: कुरआन अपनी जानों पर ज़ुल्म न करो: अल्लाह ताला ज़ुल्म से बचने के बारे में इरशाद फरमाता है: और अपने आप को क़त्ल न करो। और जो शख्स जोरो ज़ुल्म से नाहक़ ऐसा करेगा (ख़ुदकुशी करेगा) तो (याद रहे कि) हम बहुत जल्द उसको जहन्नुम की आग में झोंक देंगे यह ख़ुदा के लिये आसान है। सूरह निसा 4:29-30 और अल्लाह की राह में ख़र्च करो और अपने हाथ जान हलाकत मे न डालो और नेकी करो बेशक अल्लाह नेकी करने वालों को दोस्त रखता है। सूरह बकराह 2:195 अल्लाह ने ज़ुल्म को हराम कर दिया: (ऐ रसूल) तुम साफ कह…
अगर कोई फासिक खबर लाये तो तहक़ीक़ किया करो कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "ऐ ईमान वालो! अगर कोई फासिक तुम्हारे पास कोई खबर, लेकर आए, तो उस की तहक़ीक़ कर लिया करो, कहीं ऐसा न हो, के तुम किसी कौम को अपनी ला इल्मी से कोई नुकसान पहुँचादो, फिर तुम को अपने किये पर पछताना पड़े।" 📕 सूरह हुजरात: ६
अगर किसी बात पर तुम में इख़्तेलाफ़ हो जाए कुरआन में अल्लाह तआला फर्रमाता है : "अगर किसी बात पर तुम में इख़्तेलाफ़ हो जाए, तो अल्लाह और उसके रसूल के हुक्म की तरफ रूजूअ करो, अगर तुम अल्लाह और क़यामत के दिन पर ईमान रखते हो, यह तरीका तुम्हारे लिये बेहतर है और अच्छा भी है।" 📕 सूरह निसा: 59
नेकी और परहेज़गारी के कामों में एक दूसरे की मदद किया करो क़ुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “नेकी और परहेज़गारी के कामों में एक दूसरे की मदद किया करो गुनाह और ज़ुल्म व ज़ियादती में किसी की मदद न करो और अल्लाह से डरते रहो. बेशक अल्लाह तआला का अज़ाब बहुत सख्त है।” 📕 सूर माइदा 5:2
अल्लाह और उसके बन्दों के हुकूक अदा करो क़ुरान में अल्लाह तआला फर्माता है: "अल्लाह के सिवा किसी की इबादत न करो, वालिदेन के साथ अच्छा सुलूक करो, रिश्तेदारों, यतीमों और मिसकीनों के साथ भी अच्छा बर्ताव करो, लोगों से ख़ुश अख्लाक़ी से बात करो, नमाज़ क़ायम करो और ज़कात अदा करो।" 📕 सूरह बकरा: 83
फिजूलखर्ची मत किया करो कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: "ऐ आदम की औलाद! तुम हर मस्जिद की हाज़री के वक्त अच्छा लिबास पहन लिया करो और खाओ पियो और फिजूलखर्ची मत किया करो, बेशक अल्लाह तआला फुजूल खर्ची करने वालों को पसन्द नहीं करता।" 📕 सूरह आराफ़: ३१
ऐसी बात क्यों कहते हो जो करते नहीं कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “ऐ ईमान वालो ! तुम ऐसी बात क्यों कहते हो जो करते नहीं? यह बात अल्लाह के नजदीक बड़ी नाराजगी की है के तुम ऐसी बातें कहो जिन पर अमल न करो।”📕 सूरह सफ़ : २ ता ३
गुस्ल के लिये तययम्मुम करना क़ुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है - "अगर तुम बीमार हो जाओ या सफर में हो या तुम में से कोई शख्स अपनी तबई ज़रूरत (यानी पेशाब पाखाना कर के) आया हो या अपनी बीवी से मिला हो और तुम पानी (के इस्तेमाल की) ताकत न रखते हो, तो ऐसी हालत में तुम पाक मिट्टी का इरादा करो। (यानी तयम्मुम कर लो)।" 📕 सूरह मायदा 5:6 फायदा : अगर किसी पर गुस्ल करना फ़र्ज़ हो जाए और पानी इस्तेमाल करने की ताकत न रखे, तो ऐसी सुरत में गुस्ल के लिए तयम्मुम कर के नमाज पढ़ना फ़र्ज़ है और तयम्मुम…
ऐ ईमान वालो तुम शैतान के नक्शे कदम पर न चलो कुरआन में अल्लाह तआला फर्रमाता है : "ऐ ईमान वालो तुम शैतान के नक्शे कदम पर न चलो और जो शैतान के नक्शे कदम पर चलेगा तो शैतान तो बेहयाई और बुरी बातों का हुक्म करता है।" 📕 सूरह नूर: २१