“तुम लोग अल्लाह के रास्ते में खर्च किया करो, अपने आप को अपने हाथों से हलाकत में न डालो और खुलूस से काम किया करो, क्योंकि अल्लाह तआला! अच्छी तरह अमल करने वालों को पसन्द करता है।”
मेअदे का निज़ाम ( Digestive System ) Highlights • गौर करने योग्य सिस्टम: शरीर के अंदर पाचन प्रणाली (digestive system) का सटीक कार्य, जो गिज़ा को खून में बदलकर शरीर को पोषण पहुँचाता है।• कुदरत का अद्भुत कार्य: हर कदम पर अल्लाह की कुदरत और हिकमत को महसूस करना चाहिए, जो इस जटिल तंत्र को नियंत्रित कर रही है।• अल्लाह की कुदरत: यह सारा निज़ाम अल्लाह के क़दमों का किया हुआ काम है, जो पूरी तरह से बिना किसी बुराई के चलता है। हमें इन्सानी जिस्म के अन्दर जो निज़ाम चल रहा है उस पर गौर करना चाहिये, इन्सान जब लुकमा मुंह में डालता है वह मेअदे…
जो कुछ खर्च करना है दुनिया ही में कर लो कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “हमने तुमको जो कुछ दिया है, उसमें से खर्च करो इससे पहले के तुम में से किसी को मौत आ जाए और फिर (मौत को देख कर ) कहने लगे के ऐ मेरे रब ! तूने मुझ को और थोड़े दिनों की मोहलत क्यों न दी, ताके खूब खर्च (सदका, खैरात) कर के नेक लोगों में शामिल हो जाता।” 📕 सूरह मुनाफिकून: १०
फिजूलखर्ची मत किया करो कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: "ऐ आदम की औलाद! तुम हर मस्जिद की हाज़री के वक्त अच्छा लिबास पहन लिया करो और खाओ पियो और फिजूलखर्ची मत किया करो, बेशक अल्लाह तआला फुजूल खर्ची करने वालों को पसन्द नहीं करता।" 📕 सूरह आराफ़: ३१
दुनिया चाहने वालों के लिये नुकसान कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "जो शख्स आखिरत की खेती का तालिब हो, हम उसकी खेती में तरक्की देंगे और जो दुनिया की खेती का तालिब हो, (के सारी कोशिश उसी पर खर्च कर दे)। तो हम उस को दुनिया में से कुछ दे देंगे और ऐसे शख्स का आख़िरत में कोई हिस्सा नहीं।" 📕 सूरह शूरा : २०
अपनी जानों पर जुल्म ना करो: कुरआन अपनी जानों पर ज़ुल्म न करो: अल्लाह ताला ज़ुल्म से बचने के बारे में इरशाद फरमाता है: और अपने आप को क़त्ल न करो। और जो शख्स जोरो ज़ुल्म से नाहक़ ऐसा करेगा (ख़ुदकुशी करेगा) तो (याद रहे कि) हम बहुत जल्द उसको जहन्नुम की आग में झोंक देंगे यह ख़ुदा के लिये आसान है। सूरह निसा 4:29-30 और अल्लाह की राह में ख़र्च करो और अपने हाथ जान हलाकत मे न डालो और नेकी करो बेशक अल्लाह नेकी करने वालों को दोस्त रखता है। सूरह बकराह 2:195 अल्लाह ने ज़ुल्म को हराम कर दिया: (ऐ रसूल) तुम साफ कह…
अपने घरवालों पर खर्च करने की फ़ज़ीलत अपने घरवालों पर खर्च करने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "एक वह दीनार जिसे तुमने अल्लाह के रास्ते में खर्च किया और एक वह दीनार जिसे तुमने किसी गुलाम के आज़ाद करने में खर्च किया और एक वह दीनार जो तुमने किसी ग़रीब को सदका किया और एक वह दीनार जो तुम ने अपने घर वालों पर खर्च किया तो इन में से उस दीनार का अज्र व सवाव सबसे ज़ियादा है, जो तुमने अपने अहल व अयाल पर खर्च किया।" 📕 मुस्लिम : २३११
गुनाह और जुल्म व ज्यादती की बातें न करो कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “ऐ ईमान वालो! जब तुम आपस में खुफिया बातें करो, तो गुनाह और जुल्म व ज्यादती और रसुल की नाफ़रमानी की बातें न किया करो, बलके भलाई और परहेजगारी की बातें किया करो और अल्लाह से डरते रहो, जिसके पास तुम सब जमा किये जाओगे।" 📕 सूरह मुजादला : 58:9
अल्लाह के हुक्म पर चलो ताकि तुम टेढ़े रास्ते से बच सको कुरान में अल्लाह तआला फरमाता है: “ये बताये हुए अहकाम ही मेरा सीधा रास्ता है, तुम इसी पर चलो और दूसरे गलत रास्तों पर मत चलो वरना वो रास्ते तुमको राहे खुदा से हटा देंगे, अल्लाह तआला इस बात का तुमको ताकीद के साथ हुक्म देता है ताकि तुम टेढ़े रास्ते से बच सको।” 📕 सूरह अनम: 153
कंजूसी करने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "जो लोग अल्लाह तआला के अता करदा माल व दौलत को (खर्च करने में) बुख्ल (कंजूसी) करते हैं, वह बिल्कुल इस गुमान में ना रहें के (उनका यह बूख्ल करना) उनके लिये बेहतर है, बल्के वह उन के लिये बहुत बुरा है, कयामत के दिन उनके जमा करदा माल व दौलत को तौक बनाकर गले में पहना दिया जाएगा और आसमान व जमीन का मालिक अल्लाह तआला ही है और अल्लाह तआला तुम्हारे आमाल से बाखबर है।" 📕 सूरह आले इमरानः १८०
अल्लाह के रास्ते में रोज़ा रखना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जिसने अल्लाह के रास्ते में एक रोज़ा रखा, तो अल्लाह तआला उस के और जहन्नम के दर्मियानआसमान व ज़मीन के फासले के बराबर खन्दक़ कायम कर देगा।" 📕 तिर्मिज़ी : १६२४
अगर कोई फासिक खबर लाये तो तहक़ीक़ किया करो कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "ऐ ईमान वालो! अगर कोई फासिक तुम्हारे पास कोई खबर, लेकर आए, तो उस की तहक़ीक़ कर लिया करो, कहीं ऐसा न हो, के तुम किसी कौम को अपनी ला इल्मी से कोई नुकसान पहुँचादो, फिर तुम को अपने किये पर पछताना पड़े।" 📕 सूरह हुजरात: ६
माल के मुताल्लिक़ फ़रिश्तों का एलान रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "हर रोज़ जब अल्लाह के बन्दे सुबह को उठते हैं, दो फरिश्ते नाज़िल होते हैं उनमें से एक कहता है। ऐ अल्लाह! (अच्छे कामों में) खर्च करने वाले को मज़ीद अता फ़रमा और दूसरा कहता है ऐ अल्लाह ! माल को (अच्छे कामों में खर्च करने के बजाए) रोक कर रखने वाले का माल ज़ाये फ़रमा।" 📕 बुखारी : १४४२, अन अबी हुरैरह (र.अ)
दीनदार औरत से निकाह करो हुस्न, खानदान और मालदारी की वजह से निकाह न करो एक और रिवायत में रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "तुम औरतों से (सिर्फ) उन के हुस्न व जमाल की वजह से शादी न करो क्योकि हुस्न व जमाल खत्म होने वाला है और न उनकी मालदारी की वजह से शादी करो, मुमकिन है यह मालदारी उनको नाफ़रमानी में मुब्तला कर दे, अलबत्ता उनसे दीनदारी की बूनियाद पर निकाह करो।” 📕 इब्ने माजा: १८५९ दीनदारी की वजह से औरत से निकाह करो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "औरत से चार चीजों की वजह से निकाह किया जाता है। उसके माल, हसब नसब,…
MD. Salim Shaikh
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